माँ का प्यार – शिक्षाप्रद कहानी

Maa ka pyar, baccho ki pyari kahani.. दोस्तों दुनिया में कहीं सच्चा प्यार है तो वो माँ का ही है। माँ के जितना हमे ओर कोई प्यार नहीं करा सकता। माँ शब्द बोलने से ही सारे दुख दूर हो जाते हैं। वैसे तो बच्चों की ख़ुशी में ही माँ अपनी खुशी तलाश करती है, दुनिया में शायद ही कोई ऐसी माँ हो जो अपने बच्चे को तकनिफ में देख सकती हो। भगवान का दूसरा रूप है माँ। दोस्तों आज हम आपको एक ऐसे ही कहानी बताने जा रहे है जिसे पढ़ कर आपको पता चलेगा कि एक माँ अपने बच्चों के लिए कितनी हद तक जा सकती है।

किसी नगर में दो स्त्रियाँ पास-पड़ोस में रहती थी। उनमें एक स्त्री बहुत चालाक और झगड़ालू थी। उसे कोई संतान नहीं थी। दूसरी स्त्री बड़ी सरल और मिलनसार थी। उसे एक बेटा था। निसंतान स्त्री संतानवाली स्त्री से बहुत ईर्ष्या करती थी।

एक बार संतानवाली स्त्री बच्चे को घर में सुलाकर बाहर गई हुई थी। मौका पाकर निसंतान स्त्री ने बच्चे को पालने में से उठा लिया। फिर वह फौरन नगर के दूसरे मुहल्ले में रहने चली गई। किसी को कुछ भी पता न चला।

बच्चे के गुम हो जाने पर बच्चे की माता बहुत दुखी हुई। उसने किसी तरह अपनी पड़ोसन का पता लगाया। बच्चा उसके पास ही था। संतानवाली स्त्री ने उससे अपना बच्चा माँगा। चोर स्त्री न कहा, ” यह मेरा बेटा है। मैं न दूंगी, जो चाहे सो कर ले। ” दोनों में खूब झगड़ा हुआ। तब लोगों ने उन्हें न्यायलय में जाकर झगड़े का निपटारा करने की सलाह दी।

आखिर दोनों स्त्रियाँ न्यायाधीश के पास पहुंची। दोनों ने उस बच्चे को अपना पुत्र बताया। बेटे पर दोनों का एक -सा दावा देखकर न्यायाधीश सोच में पड़ गए। उनके लिए फैसला देना कठिन हो गया। कुछ सोचकर उन्होंने सिपाही हो आज्ञा दी, ” इस बच्चे के दो बराबर टुकड़े करो और दोनों स्त्रियों में एक-एक टुकड़ा बाँट दो। “

न्यायादिश की आज्ञा सुनकर निसंतान स्त्री तो चुपचाप खड़ी रही, पर बच्चे की असली माँ चिल्ला उठी, ” हुजुर, आप बच्चे के टुकड़े मत कीजिए। चाहें तो बच्चा उस स्त्री को ही सौंप दीजिए। इस तरह मेरा बेटा जीवित तो रहेगा। “

चतुर न्यायाधीश फौरन समझ गए कि दोनों में से सच्ची माँ कौन है। उन्होंने सच्ची माता को उसका बच्चा सौंपने के हुक्म दिया।

सीख – सच्चा प्रेम निस्वार्थ होता है। आखिर सत्य की ही विजय होती है।

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One Comment

  1. आपने बहुत ही अच्छे तरीके से समझाया है। आपने इस Article में बहुत अच्छी जानकारी दी हैं। मुझे आपकी हरेक बात आसानी से समझ में आ गई है।

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