नारी और शिक्षा- निबंध

नर और नारी वो दो पहिये है, एक के भी अभाव में पूरे समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती, कोई भी समाज तभी विकास कर सकता है जब दोनों सामान रूप से शिक्षित हो।

शिक्षा का नारी जीवन में बहुत ज़रुरी है एक कुशल गृहिणी होना अनिवार्य है, शिक्षा ना सिर्फ नारी को आत्म निर्भर बनाती है बल्कि एक कुशल गृह संचालन के काबिल भी बनती है। शिक्षा से नारी के हुनर का विकास होता है। शिक्षा नारी को अपने स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक बनती है।

नारी का स्वास्थ्य होना बहुत जरूरी है क्योंकि एक स्वस्थ्य महिला ही स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दे सकती है।

नारी की शिक्षा इसीलिए भी जरूरी है ताकि वे अपने बच्चों का मानसिक विकास कर सके। बच्चे अपने जीवन का महत्वपूर्ण सबक माँ की गोद में सीखते है। अच्छी आदतों और विचारों को सीखने के लिए माँ का शिक्षित होना बहुत जरूरी है। माँ शिक्षित होगी तो बच्चों पर भी उसका प्रभाव ज़रूर पड़ेगा, इसलिए नारी की शिक्षा भी आवश्यक है।

शिक्षा शब्द काफी छोटा सा है लेकिन इसका मतलब काफी बड़ा है। शिक्षा के द्वारा अपार ज्ञान मिलता है। ज्ञान के बिना इंसान जानवर के समान है। ज्ञान को कोई छीन नहीं सकता और ना ही कोई चुरा सकता है। धन तो आता है फिर चला जाता है, लेकिन ज्ञान कभी नहीं जाता है। पर आज हम आधुनिकरण की अंधी दौड़ की वजह से शिक्षा के जरुरत को भूल चुके है।

आज कल शिक्षा पैसे कमाने का साधन मानी जाती है। शिक्षा के द्वारा ही धन, ज्ञान, सदाचार और पराक्रम में वृद्धि होती है। इसलिए हमे अपने से छोटों को शिक्षा के साथ-साथ नैतिकता को भी याद करना जरूरी हो गया है। अब तक हर एक व्यक्ति समाज में शिक्षित नहीं होगा तब तक देश का पूरी तरह से विकास नहीं हो सकता है।

Similar Posts

One Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *