Canonical URL होता क्या है? In Hindi

Hello bloggers कैसे हो आप सभी? एक व्यक्ति तभी ब्लॉगर कहलाता है जब वो ब्लॉग्गिंग कि बुनयादी बातों को जाने। ब्लॉग्गिंग करने का मतलब ये नहीं कि आप अपने ब्लॉग पर रोज एक नया लेख लिखे, उसमे एक अच्छी सी तस्वीर लगा दें और उसे publish करे।

जब ब्लॉग्गिंग कि बुनियादी जरूरतों कि बात आती है तो सबसे पहले Quality articles और SEO को ही सबसे ज्यादा महत्त्व दिया जाता है। क्यूंकि हमारा लेख user तक सर्च इंजन के जरिये ही पहुचता है और अगर हमारा लेख SEO friendly नहीं है तो उसे सर्च इंजन पर display होने में दिक्कत आती है।

वैसे तो आप एक ब्लॉगर हो और आर्टिकल लिखने कि कला को आप बखूबी जानते हो, लेकिन हर आर्टिकल का एक foundation होता है जिसे हम हिन्दी में नीव कहते है। आपने एक आर्टिकल publish किया तो आपके आर्टिकल का नीव उसका URL ही होगा।

जाहिर सी बता है कि जब कोई आपके आर्टिकल को पढ़ता है तो वो आपके आर्टिकल के URL के जरिये ही ऐसा कर पाता है। आर्टिकल का URL ही एक आर्टिकल को वास्तिविकता का परिचय देने का काम करता है।

तो दोस्तों आपको यहाँ तक तो समझ में आ ही गया होगा कि किसी भी आर्टिकल कि main identity उसका URL ही होता है। और इसी URL के जरिये search इंजन आपके URL के अन्दर छिपे content को crawl/scan करती है और आपके आर्टिकल को अपने सर्च रिजल्ट में display करती है।

हर URL का एक main URL होता है। जैसे उदाहरण के लिए – हमारे ब्लॉग का main URL है https://www.acchibaat.com, और इसी URL को लोग differently type करके हमारे ब्लॉग पे आ सकते है जैसे –

  1. acchibaat.com
  2. acchibaat.com
  3. https://www.acchibaat.com

जो कि ये तीनो URL हमारे ब्लॉग के main URL नहीं है लेकिन फिर भी आप हमारे ब्लॉग पे आते हो, ऐसा इसलिए है क्यूंकि हमने अपने ब्लॉग पे redirection setting use किया है ताकि सरे URL एक ही page को point करे।

अब यहाँ सोचने वाली बात ये है कि अगर कोई हमारे ब्लॉग पर आता है तो वो हमारे ब्लॉग का URL 4 तरीकों से type करके हमारे ब्लॉग पर आ सकता है।

जब सर्च इंजन हमारे ब्लॉग के home page को crawl करती है तो वो सबसे पहले https://www.acchibaat.com में जाएगी फिर उसके अन्दर के content को scan करेगी।

जैसा कि मैंने आपको बताया कि हर URL का main URL होता है लेकिन इस main URL कि जानकारी अगर search engine को न हो तो क्या होगा? जरा सोचिये?

अगर ऐसा होगा तो मेरा ब्लॉग का 4 URL search engine crawl करेगी और उसे लगेगा कि मेरा ब्लॉग 4 बार कॉपी है, यानि कि duplicate ब्लॉग। जिसकी वजह से मेरा ब्लॉग कभी भी सर्च इंजन पे rank नहीं कर सकता।

अब यहाँ सवाल ये आता है कि सर्च इंजन को कैसा पता चलता है कि कौन सा URL को crawl करना है और किसी नहीं करना? तो इसका जवाह है CANONICAL URL TAG.

Canonical URL tag कि वजह से ही सर्च इंजन ये जान पाती है कि जिस URL को देखा जा रहा है उसका main URL क्या है? नहीं समझ में आया ना? चलिए इसके बारे में detail से जानते है।

CANONICAL URL TAG क्या है?

आप ब्लॉगर हो तो आपको थोड़ी बहुत HTML code के में जानकारी होगी ही, और आपको ये भी पता होगा कि हमारे ब्लॉग के source कोड में एक head section होता है जो search engine को हमारे पोस्ट के बारे में जानकारी देती है।

तो canonical URL tag एक HTML link tag है जो हमारे ब्लॉग के head section में दी जाती है ताकि सर्च इंजन उसे देख कर समझ जाये कि जिस पोस्ट/पेज को वो crawl/scan कर रहा है उसका main URL क्या है। चलिए इसे एक उदहारण के जरिये समझे।

Canonical URL होता क्या है? In Hindi

अगर आप हमारे ब्लॉग home page का source code देखोगे तो आपको पता चलेगा कि हमारे ब्लॉग home page का canonical URL https://www.acchibaat.com/ है। और यही वजह है कि सर्च इंजन हमारे blog का main URL https://www.acchibaat.com/ को मानती है।

  1. acchibaat.com
  2. acchibaat.com
  3. https://www.acchibaat.com

जो कि हमने अपने ब्लॉग पे canonical URL tag इस्तेमाल किया है इसलिए अगर कोई भी ऊपर दिए गए 3 URL में से किसी भी एक URL के जरिये हमारे ब्लॉग पर आएगा तो सर्च इंजन हमारे ब्लॉग का main URL https://www.acchibaat.com/ को ही मानेगी।

तो दोस्तों अब थोड़ी-थोड़ी आपके दिमाग कि बत्ती जल रही होगी। लेकिन आपके मन के ये सवाल जरुर आता होगा कि-

  • canonical URL Tag ही क्यूँ?
  • इसकी क्या जरुरत है?
  • कब और कैसे इसका इस्तेमाल किया जाये?
  • canonical URL Tag न हो तो क्या होगा?

सभी सवालों के एक ही जवाब है – सर्च इंजन हमारे ब्लॉग content को duplicate content न समझे इसलिए।

Blogging करने का 2 ही platform सबसे ज्यादा विख्यात है वो है blogger.com और वर्डप्रेस। चलिए एक-एक करके इन दोनों ब्लॉग के जरिये canonical URL tag को जानने कि कोसिस करे।

Blogger.com और canonical URL tag

मान लेते है कि आपके ब्लॉग का पोस्ट का URL है – https://www.acchibaat.com/07/2019/post.html

और अगर आप इसी पोस्ट को अपने मोबाइल के जरोये open करते हो तो इस पोस्ट का URL हो जाता है – https://www.acchibaat.com/07/2019/post.html?m=1

अगर आपने अपने इसी पोस्ट में Table Of Content लगता हुआ है तो उसका URL होगा – https://www.acchibaat.com/07/2019/post.html#abc

अगर देखा जाये तो एक ही पोस्ट के 3 URL हो गए। अब आप बताओ कि इन तीनो URL को अगर सर्च इंजन scan करती है तो क्या वो इसे duplicate content नहीं समझेगी? यानि कि सर्च इंजन को एक ही content 3 URL पर नजर आएगी।

जी बिलकुल, सर्च इंजन इसे duplicate content ही समझेगी और वो इस आर्टिकल को कभी भी search इंजन पर index नहीं करेगी और इसी confusion को सुलझाने के लिए हम सर्च इंजन को canonical URL tag के जरिये बताते है कि हमारे पोस्ट का main URL क्या है।

आपके ब्लॉग पोस्ट में canonical URL Tag इस्तेमाल हुआ है या नहीं जानने के लिए आपको अपने ब्लॉग के किसी भी पोस्ट URL के आखिर में ?m=1 लगा कर open कीजिये फिर उस page का source code check कीजिये।

Canonical URL होता क्या है? In Hindi

Source code में आपको ये देखना है कि वहां पे canonical URL tag का इस्तेमाल किया गया है या नहीं और अगर किया गया है तो किस URL को main URL दिया गया है। आप ऊपर दिए गए image को देख कर आप समझ सकते हो कि https://www.acchibaat.com/07/2019/post.html?m=1 का canonical URL https://www.acchibaat.com/07/2019/post.html है, यानि कि जब सर्च इंजन https://www.acchibaat.com/07/2019/post.html?m=1 page को crawl करेगी तो उसे पता चलेगा कि इस page का main URL तो https://www.acchibaat.com/07/2019/post.html और इसी वजह से वो इस page को पूरी तरह ignore कर देगी। जिसकी वजह से सर्च इंजन कि नजरों में ये page duplicate content के दायरे में नहीं आएगी।

NOTE – अगर आपके ब्लॉग पोस्ट source में canonical URL tag नहीं है तो ये सबे बड़ी वजह है कि आपका ब्लॉग अभी तक सर्च इंजन से traffic हासिल नहीं कर पा रहा। Canonical URL tag न होने कि वजह से सर्च इंजन को लगता है कि आप अपने ही ब्लॉग पे एक ही पोस्ट को बार बार publish कर रहे हो और सर्च इंजन इसे spam मानते हुए आपके ब्लॉग पोस्ट को कभी अपने सर्च रिजल्ट पे index ही नहीं करेगी।

यहाँ पे आपको ये तो जरुर पता चल गया होगा कि canonical URL tag क्यों जरुरी है। अगर आपको अपने ब्लॉग को seo friendly बनाना है तो आपके ब्लॉग में canonical URL tag होना ही चाहिए।

किसी भी blogger blog में canonical URL tag डालने का काम theme ही करती है और अगर आपके ब्लॉग में canonical URL का इस्तेमाल नहीं किया गया है तो आपको अपने ब्लॉग theme को change कर देना चाहिए।

WordPress और Canonical URL Tag

कुछ दिनों पहले ही मेरे ब्लॉग के कुछ पोस्ट पे इतने सारे कमेंट हो गए थे कि जब कोई उस पोस्ट को open करता तो वो बड़ी देर से लोड होने लगा। मैंने अपने सभी कमेंट को page wise divide कर दिया, यानि कि 12 से ज्यादा कमेंट show नहीं होंगे और अगर किसी को older कमेंट read करना है तो उन्हें next page पर जाना होगा।

यानि जो मेरा पोस्ट है – https://www.acchibaat.com/post है उसका अब comment URL – https://www.acchibaat.com/post/comment-page-1/#comments भी create हो गया। यानि कि दोनों URL में same post content।

अब सर्च इंजन को ये बताना होगा कि मेरे पोस्ट का मैं main URL क्या है ताकि मेरे post duplicate content कि वजह से सर्च इंजन पे rank down न हो जाये। जो कि मैंने अपना ब्लॉग वर्डप्रेस पे बनाया हुआ है इसलिए canonical URL use करने के लिए मैं Yoast SEO plugin का इस्तेमाल करता हूँ।

दोस्तीं आज का हमारा आर्टिकल पढने के बाद आपके मन में अगर कोई भी संका है तो आप हमसे कमेंट के जरिये बताये ताकि आपसे मिली प्रेरणा के जरिये हमारे इस आर्टिकल को और भी बेहतर बना सके। HAPPY BLOGGING

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