- क्या आपके अंदर अचानक निराशा जन्म लेने लगी है?
- आपका आत्मविश्वास कम होता जा रहा है?
- आपको मन चाही सफलता नहीं मिल पा रही है?
- क्या आप अपने आपको looser मानने लगे है?
अगर ऐसा है तो आप Self-Esteem के शिकार हो रहे है। यह एक मानसिक बीमारी है। यह धीरे-धीरे आपके अंदर आत्मविश्वास डिगाकर आपके अंदर हीन भावना पैदा कर सकती है। इसलिए समय रहते इस मनोदशा से निकालने की कोशिश करें। यकीन मानें, आप चाहेंगे तो इससे ज़रुर निकल जायेंगे।
1. इंसान की सेहत उसकी सबसे बड़ी दौलत है
संतोष उसका सबसे बड़ा ख़ज़ाना है और आत्मविश्वास उसका सबसे अच्छा दोस्त है। लिहाज़, इन तीनों को कभी अपने से दूर मत होने दीजिए। बस शांत मन से कोशिश जारी रखिए। इतना ही नहीं, आप अपनी अब तक की गई तमाम कोशिशों का मूल्यांकन भी करिए और यह पता लगाइये कि किन-किन वजहों से आप आशातीत सफलता हासिल करने से वंचित रह गए। एक बात शत-प्रतिशत सच है कि कहीं न कहीं आपसे चुक हुई है।
इसलिए आप अपने समकालीन लोगों से पिछड़ गए। उस चुक को स्वीकार करके उसे दूर कीजिए। हर भूल को स्वीकार करके उसे दूर कीजिए। हर भूल को सुधरने की कोशिश कीजिए। भूल को प्रेरणा स्रोत बनाइए न की बाधा। यकीन मानिए, अगर आप अपना आत्मविश्वास नहीं खोएंगे तो सफलता आपके कदम चूमेगी।
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2. यह साबित हो चुके है कि असफलता एक गंभीर बीमारी की तरह है।
इस बीमारी से जो भी एक बार ग्रसित हुआ, वह जल्दी उभर नहीं पता। इसलिए पूर्व राष्ट्रपति APJ ABDUL KALAM भी असफलता को एक बीमारी मानते थे और कहा करते थे कि ‘आत्मविश्वास और कठिन परिश्रम असफलता रूपी इस बीमारी को मरने के लिए सर्वोतम औषधि है’। उनके कहने का मतलब है कि अगर आपको अपने ऊपर भरोसा है, यानि आप आत्मविश्वास से भरे है, तो आप कठिन परिश्रम करने से बिलकुल पीछे नहीं हटेंगे। जब आप कठिन परिश्रम करेंगे, तो जाहिर है आप सफल होंगे।
3. कह सकते है कि आत्मविश्वास जीवन का आधार है।
अगर इसमें कमी हो रही है, तो इसका मतलब है कि आपके जीवन का आधार ही हिल गया है। किसी में कितना ही बड़ा गुण क्यों न हो, अगर उसका आत्मविश्वास एक बार डिग गया तो वह गुमनामी की जिंदगी जीने को मजबूर हो जाता है। जीवन में सफलता पाने के लिए हर कोई हर संभव कोशिश करता है।
जो जिस क्षेत्र है उसी में प्रयासरत (effort) है, जैसे – छात्र अच्छा करियर बनाने के लिए पढ़ाई में मेहनत करता है और अच्छे नंबर से पास होकर एक अच्छी नौकरी का अपना सपना पूरा करता है। इसी तरह खिलाड़ी खेल में सबसे अच्छा प्रदर्शन करके सफलता हासिल करता है। ऐसे ही हर कोई अपने-अपने क्षेत्रों में अपना सर्वोत्तम देने का प्रयास करता है।
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मनचाही सफलता बहुत कम लोगों को मिलती है या कह सकते है कि मन के मुताबिक कामयाबी उन्ही लोगों को मिलती है, जो संघर्ष के समय अपना आत्मविश्वास नहीं खोते।
मुसीबत और बाधाएं हर किसी के जीवन में आती है, जिससे उत्साह में कमी आ ही जाती है। इस तरह की परिस्थिति में आत्मविश्वास उत्साह को बढ़ाता है और उसका परिणाम कामयाबी के रूप में मिलता है।
स्वामी विवेकानंद जी कहते है – ‘जिसमें आत्मविश्वास नहीं उसमे अन्य चीजों के प्रति कैसे विश्वास हो सकता है? आप भी कमजोर न पड़े। अपने आपको शक्तिशाली बनाए। आपके भीतर अनंत शक्ति है जो आपके हर काम को आसान कर देगी। बस, आपको अपना आत्मविश्वास बनाए रखना है।’
4. जीवन में किसी भी समस्या का हल न हो, ऐसा बिलकुल नहीं है
जीवन की कई कमियाँ तो सकारात्मक विचारों (positive thinking) से ही पूरी हो जाती है। दरअसल, आत्मविश्वास की कमी तब होती है, जब हम किसी बात से डरते है या ये मानने लगते है कि वह हमारे अंदर नहीं है। इन दोनों ही वजहों से उभरना आपके अपने हाथ में है।
इसीलिए कई मनोचिकित्सक (Psychotherapist) कहते है कि आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए सबसे पहले खुद पर यकीन करना सीखें। अपनी कमी को पूरा करने की कोशिश करें। अगर आप बहुत ज्यादा सफल न हो तो भी बिलकुल न डरे। यह प्रकृति का ही नियम है कि हर आदमी सभी कार्यों के लिए नहीं बना होता, इसलिए आपने कोशिश की, यही सबसे बड़ी जीत है।
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