अगर आप किसी से प्यार करने लगे हो या किसी के प्रति आकर्षित होने लगे हो तो आपके मन में भी ऐसे कई सवाल आते होंगे. आज हम इन्ही सभी सवालों के जवाब आपके लिए लाये हैं. फरवरी का महीना को प्यार का महीना कहा जाता है क्योंकि प्रेमियों का त्यौहार valentine day इसी महीने में आता है. Valentine day 14 फरवरी को मनाया जाता है लेकिन इसकी तैयारी फरवरी महीने के शुरू होते ही होने लगती है.
ज्यादातर प्रेमी अपने प्यार का इजहार इसी महीने में करते है. कुछ लोग का प्यार काबुल हो जाता है तो कुछ को निराशा हाथ लगती है. कुछ लोगो को अपनी प्यार की मंजिल मिल जाती है तो कुछ लोगों के दिल भी टूट जाते है.
प्यार होता क्या है? प्यार का मतलब क्या है?
प्यार को किसी शब्दों में समझाया नही जा सकता और ना ही इसकी कोई मतलब है. इसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है. ये तो एक बहुत सुन्दर अनुभव है जो दो लोगों को बहुत strongly touch करता है. ये ऐसा बंधन है जो दो लोगों की आत्मा को जोड़ता है. प्यार किसी को आसानी से नही हो सकता ना ही ये आसानी से ख़तम हो सकता है. प्यार की कोई भाषा नही. प्यार सिर्फ़ दिल की आवाज सुनता है. दिल की धड़कानो को महसूस करता है.
प्यार एक समर्पण है जिसमे इंसान अपने प्यार के लिए पूरी तरह समर्पित हो जाता है. प्यार एक ऐसा त्याग है जिसमे इंसान प्यार के लिए दुनिया की सारी दौलत को ठुकरा देता है. प्यार में वो ताकत होती है कि जब किसी से प्यार हो जाता है तो इंसान सात समुद्र पार से चला आता है अपने प्यार के पास, प्यार में वो ताकत है कि इंसान दुनिया के सारे बंधन तोड़ देता है, प्यार के लिए सारी दुनिया से लड़ सकता है.
प्यार का दायरा बहुत बड़ा होता है. प्यार सिर्फ प्रेमिकाओं तक सीमित नही है. प्यार किसी भी इंसान को किसी से भी हो सकता है. प्यार किसी को भी, किसी से भी, किसी भी उमर में हो सकता है और कही पर भी हो सकता है. प्यार धर्म, जाती, रंग रूप, अमीरी, ग़रीबी से बहुत दूर होता है.
सच्चे प्यार में इन चीजों की कही पर भी जगह नही होती है. प्यार तो बस प्यार है, ये तो बस हो जाता है. प्यार इंसान की सोच को सकारात्मक बना देता है. प्यार में इंसान बेवजह खुश हो जाता है, बिना किसी बात में हंसता रहता है.
प्यार इंसान को जिंदादिल बना देता है, प्यार इंसान को जिम्मेदार बना देता है. प्यार इंसान की जिंदगी में ख़ुशी लेकर आता है. प्यार में हर एक चीज खूबसूरत लगती है. प्यार जिंदगी को जीने का नजरिया बदल देता है और एक सुखी जीवन जीने का जज्बा देता है.
अपनों से दूर रहते हुए भी अगर किसी का प्यार साथ हो तो बड़ी से बड़ी समस्या भी बड़ी आसानी से सुलझ जाती है. प्यार इंसान को जिंदगी के मायने सीखा देता है. प्यार में वो ताकत होती है जो दुश्मन को भी दोस्त बना देता है. इंसान चाहे कितनी भी दौलत कमा ले, चाहे कितनी भी अमीर बन जाए अगर उसकी जिंदगी में सच्चा प्यार नही है तो वो कभी खुश नही रह सकता.
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प्यार कब होता है?
प्यार की कोई निश्चित आयु या समय नही होती. ये तो जब होना होता है बस हो जाता है. प्यार कभी भी हो सकता है. ये स्कूल के दीनो में हो सकता है, ये कॉलेज के दीनो में हो सकता है, ये teenage में हो सकता है. प्यार शादी के बाद भी हो सकता है, प्यार बुढ़ापे में भी हो सकता है. ये तो ऐसी भावना है जो कभी भी, किसी से भी, किसी को भी देखकर हो सकता है और धीरे-धीरे समय के साथ गहरा होता जाता है.
प्यार कैसे होता है?
ये नही कहा जा सकता है कि प्यार कहा, कैसे और किससे हो जाए? आपको अपने पड़ोस में किसी से प्यार हो सकता है, अपने स्कूल, कॉलेज में साथ पढ़ने वाले दोस्त से प्यार हो सकता है, अपने teacher से प्यार हो सकता है, आपकी company में साथ में काम करने वाले से प्यार हो सकता है.
कोई आपको शादी में पसंद आ सकता है, कोई आपको college canteen या college library में पसंद आ सकता है, कोई किसी coaching center में पसंद आ सकता है तो कोई आपको मंदिर, station, train या bus में पसंद आ सकता है.
कहने का मतलब ये है कि आपको कब कोई पसंद आ जाए कहा नही जा सकता. बस इतना ध्यान रखना चाहिए कि अगर वो कुछ समय के लिए या उसका ख्याल कुछ दीनो के बाद दिलो-दिमाग से निकल जाता है तो ये प्यार नही attraction है. लेकिन अगर उसकी feeling आपको बार-बार हो, उसका ख्याल, उसकी याद बार-बार आए तो समझ जाना चाहिए कि आपको प्यार हो गया है.
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प्यार क्यों होता है?
मान लीजिए कि आपने पहली बार किसी छोटे बच्चे को देखा, आपने उसे बात करने की कोशिश की और उसने तोतली आवाज में आपसे कुछ कहा. अब आपको उसकी तोतली बात समझ में भी नही आई होगी तब भी आपको उसकी तोतली बात अच्छी लगेगी और उसकी प्यारी की मुस्कान आपके चेहरे पर भी मुस्कान ला देगी और आपको उस बच्चे से लगाव हो जाएगा.
फिर आप रोजाना कोशिश करेंगे कि आप उसकी तोतली आवाज में कुछ सुने क्योंकि ये आपको पसंद है, आपको अच्छा लगता है. बस ये लगाव ही तो जुड़ाव है जो आप अपने से feel करते है जो धीरे-धीरे प्यार में बदल जाता है.
इंसान का स्वभाव ही ऐसा है कि अगर उसे कही पर कोई चीज पसंद आ जाए या उसे कही पर थोड़ा सा interest feel हो तो वो उसकी ओर आकर्षित हो जाता है और फिर धीरे-धीरे यही आकर्षण लगाव बन जाता है और फिर धीरे-धीरे प्यार में बदल जाता है.
हमारे साथ भी ऐसा होता है कि हमें भी किसी का चेहरा पसंद होता है तो किसी का style, किसी की आँखें पसंद आ जाती है तो किसी के होठ, किसी का बात करने का तरीका अच्छा लगता है तो किसी का behaviour, किसी के quality पसंद आते है तो किसी का साथ.
जब हमें किसी इंसान में कोई चीज पसंद आती है तो हम अपने आपको उससे जुड़ा हुआ महसूस करते हैं. कभी समय और दूसरी जिम्मेदारी के कारण ये जुड़ाव ख़तम हो जाता है तो कभी बहुत बढ़ जाता है, जो धीरे-धीरे प्यार में बदल जाता है और फिर हमें उसकी आदत सी हो जाती है और कभी-कभी ये आदत दीवानगी बनकर हद से भी गुजर जाती है.
क्या होता है जब प्यार होता है?
जब किसी से प्यार होता है तो उसकी दुनिया बहुत बदल जाती है, एक अलग ही एहसास होती है. प्यार में कभी-कभी इंसान बेवजह भी मुस्कुराता है. जब किसी को किसी से प्यार होता है तो हर पल उसके ख्याल में, उसकी यादों में वही होता है जिससे वो प्यार करता है.
उसकी हर अच्छी-बुरी बात अच्छी लगने लगती है. बार-बार उसे देखने का, उससे मिलने का मान करता है.
उसके पास रहने को दिल करता है. ऐसा मन करता है की वो हर पल सामने रहे, पास रहे, साथ रहे. उसकी ग़लतियों पर भी प्यार आने लगता है. उसकी पसंद के काम करने लग जाते है. उसकी पसंद के हिसाब से खुद को बदलने लग जाते है.
Romantic movie देखना शुरू कर देते है, romantic songs सुनना, गाना गाना शुरू कर देते है. Romantic शायरी पढ़ना start कर देते है और यहां तक की शायरी लिखना भी शुरू कर देते है. उसके phone का, उसके message आने का इंतेजर रहता है.
Phone चाहे किसी का भी हो ऐसा लगता है की जैसे उसी ने किया है, उसके नाम का password रख लेते है एक दिन भी मिलना ना हो या बात ना हो तो बैचानी हो जाते है. उसकी खुशी के लिए कुछ भी करने के लिए ready हो जाते है.
i like this baatein
Hm ak ldki ko propose kiye wah reply nhi di kahti hai hm achhe friend hai or hm use kai baar propose kiye kintu wah naraj nhi hoti hai or hmse baate bhi krti hai raat ko fb pr pr propose krta hu to reply nhi deti kya chahti hai relationship me …. Hm kya kre ?
Sir reply kijiye jruri hai kahi hm unke yaad me smaa jlaate rah jlaate koi or hmari smaa ko udaakr le na jaaye….. Highschool ke baad hm usse dur ho gye the ak galat fahmi ke jriye …hm soache ki wo hmko bhul gyi hai but 1year baad wah hmko yaad rakhi …. Mene 4 saal baad us ldki se baat kiya to kahti hai ki wo Meri felling jaanti hai or jhut mut ke mere friendo ka naam bta kr kah rhi hai ….ki unse yah PTA Chala hai… Mere propose krne se pahle….. Fir uske baad hi mene propose kiya…. Kya matlb hai eska …
Aap kya kehna chahte ho jara acche se bataye.
Usse JB bhi romantic bate krta hu to mna nhi krti… Achha jii kahti hai…
Yah bhi to ho sakta hai time mang rhi ho
Wo aapko frnd manti hai isliye baat karti hai.. aap apne aapko mature banao or apni soch badlo.
Hmne usse 4 option Diya ki …. 1 – Bhai BNA le…
2- dost wahi purana
3- anjaan Puri tarah se
4- yah tumhare liye golden option hai .. Jo tum chaho….wo BNA lo… Eska bhi usne koi reply nhi diya
Wahi purana dost ka bhi option hai wah use. Bhi to choose nhi kr rhi hai… Or bate bhi krti hai… Use JB bhi propose krta hu to wah saaf mna bhi to kah sakti hai … Yah bhi to kah sakti hai ki hme es metter pr baat hi nhi krna…..
Saaf saaf na bolti to hm chal bhi jaate… Ak baar to hm usko reply n Dene pr unfriend tk maar diye uske baad bhi wo hmse baate krti hai .. use kitti tk BNA diye or I love u bhi kahte hai to bhi naraj nhi hoti… Eska Kya matlb hai.. Pyaar ke naam pr offline ho jaati hai…