पीरियड में खून के थक्के
अगर कभी पीरियड्स में महिलाओं की योनि से रक्तस्राव के दौरान खून के थक्के या ब्लड क्लॉट आ जाते हैं तो इससे वे चिंता में आ जाती हैं। क्या कभी यह जानने का प्रयास किया है कि आखिर ऐसा कब और क्यों होता है और क्या पीरियड्स के समय रक्त का स्राव थक्का के रूप में होना उचित है।
ऐसी ही कुछ सवाल हैं जो अकसर इस समस्या से जूझ रही महिलाओं के मन में उमड़ते रहते हैं। यकीनन, कुछ तो इस वजह से तनाव में आ जाती हैं। फिलहाल, हम आपको आज इस समस्या के होने का कारण, और इलाज बताएंगे। साथ में यह भी जानेंगे कि क्या कभी-कभी थोड़ा-बहुत क्लॉट आना उचित है।
मासिक धर्म (mc) में रक्त के थक्के होने का क्या मतलब है? क्या यह समस्या है?
यह एक चौंकाने वाली बात होगी, लेकिन, पीरियड्स के समय रक्तस्राव के दौरान खून के थक्के बनना Menstrual cycle का एक स्वाभाविक हिस्सा है। अर्थात, यह कोई समस्या नहीं है लेकिन, कई बार खून के थक्के बनने का कारण कई गंभीर बीमारी भी हो सकती है। लेकिन, इसमें भी कई तरह की शर्त होती हैं।
शरीर की सुरक्षा करने के लिए रक्त के थक्के बनना शरीर एक प्राकृतिक कार्य है। जिस तरह शरीर में चमड़ी के कट जाने पर रक्तस्राव को रोकने के लिए खून के थक्के (blood clots) बन जाते हैं । ठीक उसी तरह अगर किसी औरत के मासिक धर्म में रक्त का बहाव ज्यादा है तो शरीर में रक्त की कमी न हो पाए इसलिए, थक्के बन जाते हैं।
थक्के रंग में ब्राइट हो सकते हैं, या गहरे लाल रंग के हो सकते हैं। ज्यादा बड़े थक्के काले दिख सकते हैं। मासिक धर्म का रक्त प्रत्येक अवधि के अंत में गहरा और अधिक भूरा दिखाई देने लगता है क्योंकि रक्त अधिक पुराना होता है और शरीर को कम जल्दी छोड़ देता है।
मासिक धर्म के दौरान खून के थक्के कब बनते हैं?
जब महिला के गर्भाशय के स्तर की लाइनिंग ज्यादा मोटी हो जाती है और उसमें रक्त की ज्यादा मात्रा आ जाती है तब जब रक्त डिस्चार्ज होता है तो थक्के बनने लगते हैं। जैसे कि, जब चोंट लगने पर खुली त्वचा में रक्त का बहाव होने लगता है तब थक्के का निर्माण होता है और बहाव कम हो जाता है।
अगर इस महीने के पीरियड्स में रक्तस्त्राव भारी मात्रा में हो रहा है तो थक्के बनना स्वाभाविक हैं। वहीं, अगर अगले खून का बहाव कम है तो कोई थक्का नहीं होगा।
यह भिन्नता (बदलाव) स्वाभाविक है, और आहार और जीवन शैली कारकों के कारण परिवर्तन हो सकता है। इस तरह देखा जाए तो मासिक धर्म में थक्कों का बनना स्वाभाविक भी है। लेकिन, अगर थक्के सामान्य न हो तो यह बीमारी भी हो सकती है। तब आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
मासिक धर्म में रक्त के थक्के बनने का कारण
शरीर एक प्रकार का प्रोटीन स्रावित करता है जो गर्भाशय में रक्त को जमने में मदद करता है। यह इसलिए होता है ताकि, गर्भाशय के अस्तर से खून न बहे। लेकिन, जो खून रिलीज़ होता है उसमें में ठीक यही प्रोटीन पाया जाता है।
जब प्रोटीन एक दूसरे से मिलते हैं तो इनकी मात्रा और भी ज्यादा हो जाती है और फिर खून के थक्के का निर्माण हो जाता है। periods me blood clots aana बड़ी बात नहीं है।
मासिक धर्म में रक्त के थक्के बीमारी कब माने जाते हैं?
- आकार में एक चौथाई से बड़े हैं।
- बहुत ज्यादा हैं।
- अगर प्रवाह ज्यादा हो रहा है। महिला को हर घंटे या दो घटने में पैड या टैम्पोन को बदलना पड़ता है।
- बहुत ज्यादा दर्द के साथ बाहर आते हैं।
- अगर इन लक्षण के साथ रक्त के थक्के स्त्रावित होते हैं तो यह कोई बीमारी हो सकती है. इसलिए, ऐसा होने पर आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाकर जांच करानी चाहिए. फिलहाल हम आपको कुछ बीमारी बता देते हैं जिस वजह से रक्त के थक्के जमते हैं.
मासिक धर्म के रक्त के थक्के कौन सी बीमारी के कारण जमते हैं?
1. गर्भाशय पॉलीप्स या फाइब्रॉएड
फाइब्रॉएड एक ऐसी समस्या है जिसमें, गर्भाशय अपनी सामान्य आकार से ज्यादा लम्बा हो जाता है. आकार बढ़ जाने के चलते रक्त का स्त्राव होने में बाधा होती है और इसलिए, खून के थक्के बन जाते हैं. फाइब्रॉएड होने पर आपको ये लक्षण नजर आएंगे.
- लगातार पीठ के निचले हिस्से में दर्द
- संभोग के दौरान दर्द, या डिस्पेर्यूनिया
- पेट के निचले हिस्से में सूजन
- प्रजनन संबंधी समस्याएं
- अचानक से खून के धब्बे दिखाई देना.
- मासिक धर्म के दौरान ज्यादा दर्द होना.
2. एंडोमेट्रिओसिस (Endometriosis)
एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय के अस्तर के टिश्यू (ऊतक) गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगते हैं और मासिक धर्म के दौरान एक दीवार बन जाते हैं जिससे रक्त जल्दी से बाहर नहीं निकल पाता है और फिर खून के बड़े और गाढ़े थक्के दिखने लगते हैं.
इसके लक्षण फाइब्रॉएड से मिलते जुलते हैं.
3. ग्रंथिपेश्यर्बुदता – Adenomyosis
एडेनोमायोसिस तब होता है जब गर्भाशय की परत, अज्ञात कारणों से, गर्भाशय की दीवार बढ़ जाती है। जो गर्भाशय को बड़ा और मोटा करने का कारण बनते हैं. पीरियड्स में लम्बे समय तक एवं भारी रक्तस्राव या periods me blood clots aana के अलावा, यह सामान्य स्थिति गर्भाशय को उसके सामान्य आकार से दो से तीन गुना बढ़ासकती है।
4. हार्मोनल असंतुलन
गर्भाशय को स्वस्थ बनाए रखने के लिए शरीर में हार्मोन का संतुलन आवश्यक है। यदि कुछ विशेष हार्मोन का स्तर असंतुलित हो जाता है, तो कई समस्या हो सकती है , जिसमें भारी मासिक धर्म या रक्त के थक्के शामिल हैं।
5. गर्भपात होने पर
अगर किसी महिला का गर्भपात हो जाता है तो रक्त की अधिकता होने के कारण रक्तस्त्राव के दौरान खून के गाढ़े और बड़े थक्कें दिखाई देंगे। जिसे periods me blood clots aana भी कह सकते हैं।
6. गर्भाशय के आकार में वृद्धि
फाइब्रॉएड, एंडोमेट्रियोसिस या एडेनोमायोसिस के अलावा भी कई ऐसे कारण हैं जिससे गर्भाशय के आकार में काफी वृद्धि हो जाती है और पीरियड्स के समय रक्त के थक्के नजर आते हैं.
7. रक्तस्राव विकार
कुछ रक्तस्राव संबंधी विकार भारी मासिक धर्म प्रवाह के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं, क्योंकि वे जमावट प्रोटीन को प्रभावित कर सकते हैं जिससे पीरियड्स के दौरान ब्लड क्लॉट (periods me blood clots aana) हो सकता है।
पीरियड्स या मासिक धर्म के रक्त के थक्के का इलाज
अगर थक्के सामान्य हैं तो इलाज की कोई आवश्यकता नहीं है. लेकिन, अगर ऊपर बताए गए लक्षण के दायरे में आते हैं तो आपको तुरंत एक अच्छे डॉक्टर से इलाज की आवश्यकता होगी. पीरियड्स में खून के थक्के का स्त्राव होने का इलाज डॉक्टर दो तरह से करेगा.
- मेडिसिन
- सर्जरी
1. मेडिसिन
अगर हार्मोनल असंतुलन, या बिना वजह रक्त के ज्यादा स्त्राव होने की वजह से पीरियड्स के दौरान खून के थक्के आ रहे हैं तो इसे कुछ दवाइयों की मदद से ही ठीक किया जा सकता है. इस तरीके का इस्तेमाल कर इलाज करने में डॉक्टर आपको कुछ ख़ास मेडिसिन prescribe कर सकता है. अगर फाइब्रॉएड को मेडिसिन से कम किया जा सकता है तो इसी का सहारा लिया जाएगा.
2. सर्जरी
अगर पीरियड्स में रक्तस्त्राव के दौरान खून के थक्के फाइब्रॉएड, एंडोमेट्रियोसिस, एडेनोमायोसिस या अन्य कोई कारण की वजह से बन रहे हैं तो इसका एक ही आप्शन बचता है. सर्जरी का!
निष्कर्ष
‘periods me blood clots aana’ यह सामान्य हैं और आमतौर पर भारी मासिक धर्म प्रवाह का एक लक्षण है। हालांकि, जो कोई भी अन्य लक्षणों के साथ भारी प्रवाह या भारी थक्के के एक पैटर्न को नोटिस करता है, उसे डॉक्टर को देखना चाहिए।