हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी- हिंदी निबंध, Hindi essay: हमारा भारत एक विशाल देश है। यहाँ हर प्रांत की अपनी विशेष भाषा है। उत्तर और दक्षिण भारत की भाषाओं में काफी अलग है। देश में एक आम भाषा न होने पर अलग-अलग प्रांतों के लोगों का मेल-मिलाप बहुत मुश्किल हो जाता है। इसलिए हमारे यहाँ एक उत्तम संपर्क भाषा का होना बहुत जरूरी है। यही कारण है कि स्वतंत्र भारत के संविधान में हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया है।
राष्ट्रभाषा हिंदी बहुत पहले से देश की संपर्क भाषा रही है। वह देश की सबसे अधिक प्रचलित भाषा है। भारत भर में भ्रमण करने वाले हजारों साधू संत इसी भाषा का प्रयोग करते हैं। देश के अधिकतर भागों में हिंदी बोली, पढ़ी और लिखी जाती है। लगभग सभी प्रांतों में लोग हिंदी भली-भांति समझ लेते हैं।
हिंदी सरल भाषा है। उसकी लिपि संस्कृत भाषा की देवनागरी है। उसे सीखना बहुत आसान है। इसलिए उसका पूरे देश में प्रचार हुआ है। आज अहिन्दीभाषी प्रदेश के लोग भी अच्छी हिंदी बोल लेते हैं। सरकार कर्मचारियों के लिए भी हिंदी सहज और सुगम है। अहिन्दीभाषी लेखक (Non-Hindi writer) और कवि भी हिंदी में उत्कृष्ट रचनाएँ करते हैं।
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हिंदी में लोगों तक पहुचने की शक्ति है। आजादी की लड़ाई में हिंदी भी एक प्रभावशाली हथियार बन गया था। देश के नेता हिंदी में ही भाषण देते थे और लोगों में अदभुद जाग्रति पैदा करते थे। महात्मा गाँधी देश के गांव-गांव में जाकर हिंदी में ही जनता को संबोधित करते थे। हिंदी में लिखे क्रांतिकारी गीतों ने भारतवासियों में आजादी का जबर्दस्त जोश पैदा कर दिया था।
‘ आज हिमालय की चोटी से फिर हमने ललकारा है।
दूर हटो ए दुनियावालो।
हिंदुस्तान हमारा है ।’
जैसे गीत देश में क्रांति की लहर ले आए थे।
राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी देश की एकता की भाषा है। आज देश के हर भाग में हिंदी बोली जाती है। हिंदी अखबार और पात्र-पत्रिकाओं का भी देश में सर्वत्र बहुत प्रचार है। रेलगाड़ियों में यात्री भी परस्पर प्राय हिंदी में ही बातचीत करते हैं। हमारी सेना में भी हिंदी का ही प्रयोग होता है। इस तरह देश को एक और अखंड बनाने में हिंदी का बहुत बड़ा हाथ है।
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राष्ट्रभाषा हिंदी एक समृद्ध भाषा है। इस भाषा में देश की मिट्टी की महक है। इसका साहित्य ऊँचे दर्जे का है। लगभग सभी विषयों पर हिंदी में पुस्तक उपलब्ध है। आज विदेशों में भी हिंदी के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है। हिंदी फिल्मों बरसों से मनोरंजन का प्रमुख साधन रही है। दूरदर्शन (TV) पर दिखाए जाने वाले हिंदी धारावाहिक खूब लोकप्रिय रहे हैं। इसमें संदेह (doubt) नहीं कि हिंदी एक जानदार भाषा है।
इतना होने पर भी हमारे देश में आज भी अंग्रेजी का बहुत महत्व है। नौकरी या ऊँचा पद पाने के लिए अंग्रेजी का ज्ञान अनिवार्य समझा जाता है। पर कभी हमारी राष्ट्रभाषा नहीं बन सकती, क्योंकि इस विदेशी भाषा को बहुत कम लोग समझते हैं। इस भाषा में देश की आत्मा और संस्कृति की वास्तविक अभिव्यक्ति नहीं हो सकती। निसंदेह हिंदी सच्चे अर्थों में हमारे देश की राष्ट्रभाषा है। इसलिए हिंदी की शिक्षा एवं प्रसार को उचित महत्व देना चाहिए।