नपुंसकता से बहुत से लोग पीड़ित होते हैं. शहर के हर मोड़ पर आपको गुप्त रोग चिकित्सा केंद्र मिल जाएंगे, अख़बारों में इसके विज्ञापन आते रहते हैं जिसमें गुप्त रोग के बारे में बहुत ही बढ़ चढ़कर विज्ञापन किए होते हैं. लेकिन वास्तव में इनके असर शून्य ही होते हैं. आचार्य चरक के अनुसार “जो पुरुष स्त्री गमन की इच्छा रखते हुए भी अपने स्त्री से भी लिंग की शिथिलता (खड़ा न होने ) के कारण संभोग ना कर सके उसे नपुंसक कहा जाता है.” अंग्रेजी में इसे Impotence या Erectile Dysfunction कहा जाता है|
नपुंसकता होने के कारण
नपुंसकता कई कारणों से होती है जैसे-
- अत्यधिक कामुक साहित्य पढ़ना, अत्यधिक कामुक बातें हमेशा सोचते रहना, ब्लू फिल्में देखना, मानसिक तौर पर काल्पनिक मिथुन करना आदि के कारण हमारे नियंत्रण केंद्र पर प्रभाव पड़ता है और स्नायु (Ligament) तंत्र प्रभावित हो जाते हैं और कमजोर हो जाते हैं जिसकी वजह से इसके वजह से लाखों कोशिश करने के बाद भी भरपूर एक्शन नहीं होता और इंपोटेंसी (Impotence) हो जाती है
- एंडोक्राइन गलैंड्स (endocrine glands) में किसी भी प्रकार की कमी उत्पन्न हो जाने के कारण भी इंपोटेंसी हो जाती है.
- कई रोग जैसे कि मधुमेह, हाई बीपी, मोटापा, पाचन विकार, ह्रदय के रोग, मस्तिष्क के रोग आदि कई रोगों के कारण भी इंपोटेंसी हो जाती है
- अत्यधिक चिंता भय सुख या दुख क्रोध आदि के कारण भी इम्पोटेंसी हो सकती है
- शीघ्रपतन रोग भी आगे चलकर नपुंसकता में बदल जाता है
- कुछ पुरुष बांझपन, हस्तमैथुन के कारण या स्वप्नदोष होने के कारण विज्ञापनों में पढ़ कर अपने मन में भ्रम पाल लेते हैं की बचपन की गलतियों की वजह से हम नपुंसक हो गए हैं जबकि वास्तविकता ऐसी नहीं होती है. परंतु मानसिक विकार के कारण वे नपुंसकता को महसूस करते हैं. एक बार एक युवक भी स्त्री के साथ संभोग कर रहा था तो शीघ्र पतन हो गया उससे वह अपने आप को नामर्द समझने लगा कुछ दिनों बाद उसकी शादी हुई और वह इसे रोका अपने को रोगी समझता रहा. इस प्रकार से मन के भरम ही इसके कारण होते हैं.
- अत्यधिक नशाखोरी, शराब पीना, भांग खाना, अफीम खाना या अन्य प्रकार के नशा करना बे सिगरेट तंबाकू पान मसाला जर्दा आदि का सेवन का नपुंसकता का कारण है.
- शराबियों को कुछ दिन तक तो शराब के नशे की वजह से उन्हें शक्ति बढ़ी हुई सी महसूस होती है लेकिन बाद में धीरे-धीरे नपुंसक हो जाते हैं और उनके लिए कोई भी दवा इस धरती पर नहीं होती है.
- मनपसंद स्त्री ना मिलने, स्त्री के राजी ना होने, किसी भी प्रकार से संभोग में संतुष्टि ना मिलने, स्म्मान न मिलने के कारण मानसिक कारणों से किसी-किसी को मानसिक नपुंसकता हो सकता है.
नपुंसकता की प्राकृतिक चिकित्सा और इलाज – Treatment of Impotence in hindi – napunsakta ka ilaj
नेचरोपैथी के द्वारा भी इंपोटेंसी की की चिकित्सा की जा सकती है नेचुरोपैथी एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसमें दवाओं का इस्तेमाल नहीं किया जाता है जिसके अंतर्गत धूप में बैठना या स्नान करना अन्य प्राकृतिक उपाय जल ,मिट्टी आदि के प्रयोग किए जाते हैं
- napunsakta ka ilaj करने के लिए सुबह शाम खुली हवा में धीरे-धीरे 3 से 4 किलोमीटर प्रति दिन टहलें.
- रीढ़ की हड्डी पर गीली पट्टी रखें.
- पेट पर गीली मिट्टी की पट्टी रखें.
- सुबह नाश्ता में अंकुरित मूंग, चना, गेहूं या 100 ग्राम मूंगफली लें.
- दोपहर के खाने में हरी साग, सब्जी, सलाद, नारियल, खीरा, ककड़ी, टमाटर, गाजर आदि का सेवन करें.
- रात के भोजन में चोकर की रोटी और उबली सब्जी शामिल करें इससे napunsakta ka ilaj किया जा सकता है.
- जितना दूध पचा सकें उतना दूध पिएँ|
- यदि पेनिस बल्ब अर्थात लिंग की सुपारी बहुत सेन्स्टिव है तो उसे गीले कपड़े से मेहन स्नान के द्वारा उसका संवेदनशीलता कम किया जा सकता है.
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