मुहावरे और उनके अर्थ, उदाहरण के साथ: Hindi muhaware, Hindi muhavare collection. Dimag lagane wale muhaware:
अंग-अंग ढीला होना – बहुत थक जाना – आज बहुत दौड़-धुप करने से मेरा अंग-अंग ढीला हो गया।
अंग छूना – कसम खाना – मैं अंग छु कर कहता हूँ कि मैंने तुम्हारी पुस्तक नहीं चुराई।
अंग-अंग मुस्कुराना – बहुत प्रसन्न होना – परीक्षा में सफल होने के कारण अपूर्व का अंग-अंग मुस्कुरा रहा था।
अंगूठा दिखाना – देने से साफ इनकार कर देना – सेठजी ने मंदिर के लिए 300 रुपये दान देने को कहा था, लेकिन जब हम उनसे मांगने गये तो उन्होंने अंगूठा दिखा दिया।
अक्ल पर पत्थर पड़ना – कुछ समझ में न आना – तुमको क्लब में जाने से कितनी बार रोका गया है, पर तुम्हारे तो अक्ल पर पत्थर पड़े हुए है।
अगर-मगर करना – टालमटोल करना – अध्यापकजी जब मोहन से पाठ सुनने को कहते हैं तभी वह अगर- मगर करने लगता है।
मुहावरे और उनके अर्थ, उदाहरण के साथ [Collection – 1]
अपना-सा मुंह लेकर रह जाना – लज्जित करना – खरगोश ने सोचा कि कछुआ अभी तक गाँव में नहीं पहुँचा होगा, परन्तु जब उसे ठिकाने पर पहुँचा हुआ पाया तो अपना-सा मुंह लेकर रह गया।
अपने पांव पर आप कुल्हाड़ी मारना – अपनी हानी खुद करना – पाकिस्तान ने बंगला देश पर आक्रमण करके अपने पांव पर आप कुल्हाड़ी मारी थी।
अपना उल्लू सीधा करना – स्वार्थ साधना – उस बनिये कि बात पर विश्वास ना करना, वह तो अपना उल्लू सीधा करने के लिए तुमसे मीठी-मीठी बातें करता है।
अपनी खिचड़ी अलग पकाना – साथ मिलकर न रहना – भारत के राजवाड़े अपनी खिचड़ी अलग पकाते रहे, जिससे विदेशी यहाँ शासन जमाने में सफल हो गए।
अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बनना – अपनी बड़ाई आप करना – मैं पढाई में सबसे चतुर हूँ, यह कहकर मैं अपने मुंह मियाँ मिट्ठू नहीं बनना चाहता।
अंगारे बरसाना – अत्यंत क्रोध से देखना – अभिमन्यु के बर्बरतापूर्ण वध कि बात सुनकर अर्जुन कि आँखें अंगारे बरसाने लगी।
अंगार उगलना – क्रोध में कठोर शब्द बोलना – जब नौकर देर से पहुँचा तो भाई साहब अंगार उगलने लगे।
अक्ल के घोड़े दौड़ना – सोच विचार करना – बड़े-बड़े विज्ञानिकों ने अक्ल के घोड़े दौड़ाये, तब कहीं विमान हमारे सामने प्रकट हुआ।
अक्ल का दुश्मन – बेवकूफ – अक्ल के दुश्मन ने पत्थर से भाई का सिर फोड़ दिया।
अक्ल के पीछे लट्टू लिये फिरना – मुर्खतापूर्वक काम करना – मैं ठीक कह रहा हूँ कि इस समय कुछ पढ़-लिख लो, पर तुम तो अक्ल के पीछे लट्टू लिये फिरते हो। तुम्हे मेरी बता अच्छी नहीं लगती।
आंख दिखाना – गुस्से से देखना – जो हमें आँख दिखायेगा, हम उनकी आँखें फोड़ देंगे।
आँखों में गिरना – सम्मानरहित हो जाना – रिश्वत का पैसा लेने के कारण कुछ मंत्री जनता कि आँखों से गिर गए है।
आँखों में धुल झोकना – धोखा देना – राणा प्रताप शत्रुओं कि आँखों में धुल झोंककर युद्ध के मैदान बहार निकल गये।
आँखों का कांटा – अप्रिय व्यक्ति – गन्दी आदतों के कारण पुत्र पिता कि आँखों का काँटा बन गया।
आँखों में चर्बी उतरना – अभिमान होना – व्यापार में लाखों रुपये पा जाने से सेठजी की आँखों कि चर्बी उतर आई है। वे अब हम जैसों से बात नहीं करते।
आँखें चार होना – अपने सामने होना – ज्योंही नेवले और सांप कि आंखें चार हुई वे लड़ने को तैयार हो गये।
आँखें पथरा जाना – देखते-देखते बहुत थक जाना – पति कि प्रतीक्षा करते-करते पत्नी कि आँखें पथरा गई।
आँखें खुलना – होश आना – जब धूर्त मित्रों ने सारा धन हजम कर लिया, तब कहीं उसकी आँखें खुली।
आँख मारना – इशारा करना – गवाह मेरे भाई का मित्र निकला, मेरे भाई ने उसे आँख मारी, नहीं तो वह मेरे विरुद्ध गवाही दे देता।
आँख बचाना – छिपकर निकलना – शिष्य अध्यापक से आँख बचाकर स्कूल से भाग गया।
आँखें बिछाना – सत्कार करना – शास्त्री जी जिधर जाते थे उधार जनता उनके लिए आँखें बिछाये खड़ी होती थी।
आँखों पर परदा पड़ना – लोभ के कारण सच्चाई दिखाई ना देना – धन कि अधिकता से मनुष्य कि आँखों पर परदा पड़ जाता है, उसे अच्छे-बुरे के ज्ञान नहीं होता।
आँखों का तारा – बहुत प्यारा – राम अपनी माँ कि आँखों का तारा हैं।
आँख उठाना – साहस करना – शत्रुओं को ऐसे कुचल दिया गया है कि वे कभी आँख उठा नहीं सकते।
आड़े हांथों लेना – अच्छी प्रकार काबू करना – चन्दगीराम ने मेहरदीन आड़े हाथों ले लिया।
आंच न आने देना – तनिक भी कष्ट न होने देना – माता स्वयं कष्ट उठा लेती है, पर पुत्र पर आंच नहीं आने देती।
आपा-धापी पड़ना – अपनी-अपनी पड़ जाना – जब भारत पर मुसलमानों का आक्रमण हुआ, उस समय देश में सब राजाओं को आपा-धापी पड़ गई।
आसमान पर चढ़ना – बहुत अभिमान करना – परीक्षा में प्रथम आ जाने के कारण नीला का सिर आसमान पर चढ़ गया है।
आसमान सिर पर उठाना – बहुत शोर करना – आसमान सिर पर क्यों उठा रहे हो ? तनिक शांति से बैठ जाओ।
आकाश के तारे तोड़ना – असम्भव कार्य करना – भारत के जवान यदि डट जाएँ तो वे आकाश के तारे भी तोड़कर दिखा सकते है।
आकाश-पाताल करना – पूरा प्रयत्न करना – भारत के नेताओं ने गरीबी दूर करने के लिए आकाश-पाताल एक कर दिया है। परन्तु अभी उन्हें सफलता नहीं मिली।
आकाश-पाताल का अन्तर – बहुत फर्क होना – पंखे और कूलर की ठंडी हवा में आकाश-पाताल का अन्तर है।
आकाश से बातें करना – बहुत ऊँचा होना – छत्तीस मंजिलों का भवन आकाश से बातें करता है।
आग-बबूला होना – गुस्से से भर जाना – जब संसद सदस्यों ने कानून और व्यवस्था निति कि करारी आलोचना की, तो गृहमंत्री आग-बबूला हो गये।
आटे-दाल का भाव आलुम होना – कठिनाई में पड़ना – दोस्त जब शादी के बाद गृहस्थ का भार संभालोगे तब तुम्हे आटे-दाल का भाव मालूम होगा।
आपे से बाहर होना – मर्यादा लांघना – परशुरामजी शिव-धनुष के टूटने की बात सुनकर आपे से बाहर हो गये।
इधर का उधर होना – चाहे कुछ भी हो – चाहे इधर का उधार हो जाये, मैं अवश्य तुम्हारा साथ दूंगा।
इधर-उधर की हांकना – व्यर्थ बोलना – तुम रात को घर में क्यों घुसे, साफ बताओ। इधर-उधर की हाँकने का कोई लाभ नहीं।
ईद का चाँद होना – कभी-कभी दिखना – मित्र तुम तो सचमुच ईद का चाँद हो गए हो। आजकल कहाँ रहते हो ?
ईट से ईट बजाना – नष्ट-भ्रष्ट कर देना – शक्ति शिंह ने कहा, यानि राणा के राज्य कि ईट से ईट ना बजा दूँ तो मुझे शक्ति शिंह ना कहना।
ईट का जवाब पत्थर से देना – दुष्ट के साथ अधिक दुष्टता करना – अहिंसा बहुत अच्छी निति है, परन्तु जब तक ईट का जवाब पत्थर से ना दिया जाये, तब तक शत्रु नहीं मानते।
उल्टी गंगा बहाना – नियम के विरुद्ध कार्य करना – भिखारियों से दान माँगकर उल्टी गंगा बहाना तुम्हारे लिए ठीक नहीं।
उन्नीस-बीस का अंतर – बहुत थोड़ा फर्क – लव और कुश कि आकृति में उन्नीस-बीस का अंतर होने से साधारण व्यक्ति उनमे भेद नहीं कर पाते थे।
उँगली पर नाचना – वश में रखना – आजकल कि नारियां अपने पतियों कि उँगलियों पर नाचती है।
उँगली उठाना – लांछन लगाना – सीता जैसी देवियों के चरित्र पर उँगली उठाने वाले को धिक्कार है।
ऊँगली पकड़कर पहुँचा पकड़ना – धीरे-धीरे वस्तु पर अधिकार कर लेना – व्यापारी अंग्रेजो ने भारत कि ऊँगली पकड़कर पहुँचा पकड़ लिया, धीरे-धीरे सारे भारत पर पूर्ण अधिकार जमा लिया था।
उल्लू बनाना – मुर्ख बनाना – सैर कराने के बहाने मित्रों ने सब रूपया ठगकर कल्लू को खूब उल्लू बनाया।
एड़ी छोटी का जोर लगाना – शक्ति भर कार्य करना – एड़ी छोटी का जोर लगाकर भी माइक गेटिंग कि टीम सुनील गावस्कर एकादश को क्रिकेट के मैच में हरा न सकी।
एक ही लकड़ी से हाँकना – अच्छे-बुरे की पहचान न करना – मूर्खों के राज्य में सज्जन और दुर्जन सभी एक ही लकड़ी से हाँके जाते है।
एक ही थैली के चट्टे-बट्टे – सभी का एक जैसा होना – यहाँ विश्वास किस पर करे, झूठ बोलने में तो सभी राजनितिक दल एक ही थाली के चट्टे-बट्टे है।
एक और एक ग्यारा – मेल में शक्ति होना – शिवाजी और छत्रसाल ने संगठित सेना द्वारा शत्रुओं को परास्त करके सिद्ध कर दिया कि एक और एक ग्यारा होते है।
कमर कसना – तैयार होना – कमर कस लो, न जाने कब विदेशी शत्रुओं से फिर लोहा लेना पड़े।
कलई खुलना – रहस्य प्रकट हो जाना – 1971 कि लड़ाई में पकिस्तान कि शक्ति कि कलई खुल गयी।
कलम तोड़ना – लिखने में सबको पीछे छोड़ देना – कवि सुमित्रानंदन पंत ने प्रकृति-सौन्दर्य के वर्णन में कलम तोड़ दी।
कलम उठाना – किसी विषय पर लिखना – ईश्वर के विषय में जितने दार्शनिकों ने कलम उठाई, सभी गम्भीर विचारक थे।
कलेजा मुँह में आना – अत्यंत व्याकुल होना – जून मास कि गर्मी के कारण कलेजा मुँह को आ रहा है।
करवट बदलते रहना – नींद न आना – आज पिताजी कि बीमारी का समाचार सुन मैं सारी रात करवट बदलता रहा।
काँटा दूर होना – विरोधी व्यक्ति का दूर हो जाना – विभीषण के लंका से निकल जाने पर रावण ने समझ लिया कि एक काँटा तो दूर हो गया।
कसौटी पर कसना – परखना – गांधी जी कसौटी पर कसे लोगों को ही सत्याग्रह कि आज्ञा देते थे।
कफ़न सिर पर बांधना – मृत्यु के लिए तैयार होना – वीर कफ़न सिर पर बाँधकर सत्याग्रह-संग्राम की आग में कुड पड़े।
कलेजा छलनी होना – दिल बहुत दुखी होना – जब पिता कि परवाह ना करके पुत्र घर से चल दिया तो पिता का कलेजा छलनी हो गया।
कलेजा थामना – अपने को कठिनता से संभालना – परीक्षा में असफलता का समाचार सुनकर विद्यार्थी ने कलेजा थाम लिया।
कलेजे पर हाथ रखना – दिल को साक्षी बनाना – अपने कलेजे पर हाथ रखकर कहो कि क्या तुमने घड़ी नहीं तोड़ी ?
कलेजा ठंडा होना – संतोष होना – डाकुओं को कैद हुआ जानकार गाँव वालों का कलेजा ठंडा हो गया।
कंचन बरसना – खूब धन सम्पति होना – आवत हिय हिरषे नहीं, नैनन नहीं सनेह। तुलसि तहाँ न जाइये, कंचन बरसे मेह।
कान कतरना – बहुत चतुर होना – छोटे भाई को बच्चा मत समझो, वह तो बड़े-बड़ों के कान कातरता है।
कानों कान खबर होना – एक दुसरे के द्वारा बात का फ़ैल जाना – मुझे कानोकान खबर हुई कि चीनी का भाव बढ़ जायेगा।
कान पर जूं तक न रेंगना – कुछ असर न होना – माता-पिता ने पुत्र को बहुत समझाया, पर उसके कान पर जूं तक ना रेंगी।
कान का कच्चा – जो झूठी सिकायत पर ध्यान दे – जो मालिक कान के कच्चे होते है, वे भले कर्मचारियों को निकाल देते है।
काम तमाम करना – मार देना – बंगला देश कि मुक्ति वाहिनी ने सैकड़ो पाकिस्तानी सैनिकों का काम तमाम कर दिया।
काया पलट होना – बहुत परिवर्तन होना – कश्मीर कि सेना से तुम्हारी तो काया पलट हो गयी।
कला अक्षर भैंस बराबर – बिल्कुल अनपढ़ – राजू से पत्र क्या पढ़वाओगे, हिन्दी तो उसके लिए काला अक्षर भैंस बराबर है।
किनारा करना – साथ छोड़ देना – धन नष्ट हो जाने पर, स्वार्थी मित्रों ने उससे किनारा कर लिया।
कागज काले करना – व्यर्थ ही लिखना – इतने वर्षों में क्या कागज ही काले कर रहे हो ? तुम्हे निबंध लिखना तो आता नहीं।
किस्मत फूटना – भाग्य का विपरीत होना – जो पाने वृद्ध माता-पिता कि सेवा नहीं करते, उनकी किस्मत फूटी हुई है।
क्सिमत को रोना – भाग्य को बुरा भला कहना – जो बालक पढाई-लिखाई नहीं करते, परीक्षा में असफल होने पर वे अपनी किस्मत को रोते है।
किस्मत खुलना – भाग्य चमकना – भारत कि स्वतंत्रता जे साथ किसानो कि क्सिमत खुल गयी। सरकार बहुत ऊँचे और नकद दामों पर उपज खरीदती है।
किताबी कीड़ा – हर समय पढाई में लगे रहने वाला – किताबी कीड़ा बनने से स्वास्थ्य खराब हो जाता है। खेल-कूद में भी भाग लेना चाहिए।
कुत्ते की मौत आना – बुरी तरह से मरना – देश से द्रोह करने वाले कुत्ते कि मौत मरते है।
कोल्हू का बैल – लगातार काम में लगा रहने वाला – कोल्हू का बैल बनकर भी आज हमारो लोग भरपेट भोजन नहीं जुटा पाते।
खरी-खोटी सुनाना – बुरा-भला कहना – आपस में खरी-खोटी सुनने का क्या लाभ, शांतिपूर्वक समझौता कर लो।
खटाई में पड़ना – संदिग्ध हो जाना – तुम्हारे आलस्य करने से तुम्हारी नौकरी का मामला खटाई में पड़ गया।
खिल्ली उड़ना – हंसी उड़ना – बड़े-बूढों कि खिल्ली उड़ाना भले मनुष्य का काम नहीं।
खाला जी का घर – बहुत सरल कार्य – बरसती हुई गोलियों में आगे बढ़ना कोई खाला जी का घर नहीं है।
खाक में मिलाना – नष्ट-भ्रष्ट कर देना – रावण ने सीता को वापस न देकर लंका को खाक में मिला दिया।
खाने को दौड़ना – बुरी तरह बात करना – जब कभी हम उससे बात करते है तभी वह खाने को दौड़ता है।
खाक छानना – दर-दर भटकना – बंगला देश के कई नागरिको ने वनों कि खाक छानी, परन्तु पाकिस्तान सैनिको कि आधीनता स्वीकार नहीं कि।
खून खौलना – जोश आना – अपने देश पर आक्रमण होते देख किसका खून नहीं खौलता।
खुशामदीद टट्टू – दूसरों की चापलूसी करने वाला – खुशामदीद टट्टू कि अपेक्षा आज्ञा पालन करने वाले क्षात्र अध्यापकों के अधिय प्रिय होते है।
खून का प्यासा – जानी दुश्मन – वे दोनों पहले दोस्त थे पर आजकल एक-दुसरे के खून के प्यासे बने हुए है।
खोपड़ी गंजा करना – बुरी तरह से पीटना – हलवाई ने बेचारे नौकर को मार-मारकर उसकी खोपड़ी गंजा कर दी।
खेत रहना – युद्ध में काम आना – कितने कि सैनिक 1971 के भारत-पाक युद्ध में खेत रहे।
खेल बिगाड़ना – काम ख़राब कर देना – उसने अपनी चंचलता से अपना बना-बनाया कहल बिगाड़ दिया।
खेल-खेल में – आसानी से – हरीश ने एम।ए । कि परीक्षा भी खेल-खेल में ही पास कर ली।