बोले हुए शब्द वापस नहीं आते – Moral story in Hindi

बोले हुए शब्द वापस नहीं आते – Moral story in Hindi

बोले हुए शब्द वापस नहीं आते – Moral story in Hindi: एक बार एक किसान ने अपने पड़ोसी को बुरा-भला कह दिया, पर जब बाद में उसे अपनी गलती का एहसास हुआ तो वो एक संत के पास गया। उसने संत से अपने शब्द वापस लेने का उपाय पूछा।

संत ने किसान से कहा कि ‘ तुम खूब सारे पंख इकट्ठा कर लो, और उन्हे शहर के बीच जाकर रख दो। ‘ किसान ने ऐसा ही किया और फिर संत के पास पहुँच गया।

तब संत ने कहा, ‘ अब जाओ और उन पंखों को इकट्ठा कर के वापस ले आओ।’

किसान वापस गया पर तब तक सारे पंख हवा से इधर-उधर उड़ चुके थे। और किसान खाली हाथ संत के पास पहुँचा, तब संत ने उसे कहा कि ठीक ऐसे ही तुम्हारे द्वारा कहे गये शब्द के साथ भी ऐसा ही होता है, तुम आसानी से इन्हे अपने मुख से निकाल तो सकते हो पर कह कर भी वापस नही ले सकते।

इस कहानी से हमे क्या सिख मिली?

कुछ कड़वा बोलने से पहले ये याद रखे कि भला-बुरा कहने के बाद कुछ भी कर के अपने शब्द वापस नही लिए जा सकते। हाँ, आप उस व्यक्ति से जाकर माफ़ी ज़रूर माँग सकते है, और मांगनी भी चाहिए, पर human nature कुछ ऐसा होता है कि कुछ भी कर लीजिए इंसान कही ना कही hurt हो ही जाता है।

जब आप किसी को बुरा कहते है तो उसे hurt पहुँचाने के लिए होता है, पर बाद में वो आप ही को ज़्यादा परेशानी देता है। खुद को परेशान करने से क्या फायदा, इससे अच्छा तो है कि आप चुप रह जाए।

Ravi Saw

रवि साव एक पेशेवर blogger हैं! वे एक इलेक्टिकल इंजिनियर थे पर blogging करने की रूचि ने उन्हें acchibaat.com बनाने कि प्रेरणा दी. इस वेबसाइट के जरिये वे रिश्तों कि जानकारी और बारीकियों के बारे में बताते हैं ताकि आपका रिश्ता जीवन भर खुशहाल रहे. साथ में रवि जी इस वेबसाइट पर टेक्निकल से संबंधित जानकारियां भी प्रकाशित करते हैं.

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