आदर्श नागरिक- निबंध in Hindi: व्यक्ति नागरिक के रूप में अपने राष्ट्र की इकाई है। नागरिकों का तेज ही राष्ट्र का तेज होता है। नागरिकों द्वारा विभिन्न क्षेत्रो में की गई प्रगति राष्ट्र की प्रगति होती है। राष्ट्र की चेतना उसके नागरिकों में ही निवास करती है। इसलिए आदर्श राष्ट्र का निर्माण आदर्श नागरिक ही कर सकता है।
आदर्श नागरिक का जीवन उच्च आदर्शों को लेकर चलता है। वह अपने परिवारीक उत्तरदायितवों के साथ-साथ अपने सामाजिक और राष्ट्रीय उत्तर्दयितावों को भी भली-भाती निभाता है। वह राष्ट्र के कानूनों का पालन करता है। वह अपने परिवार, पड़ोस और कार्यक्षेत्र में सबसे हिल-मिलकर रहता है। वह समाज और राष्ट्र के हित का ख्याल रखता है। बिना टिकट यात्रा, कालाबाजारी, करचोरी, रिश्वतखोरी आदि से वह कोसों दूर रहता है। उसका आचरण हर तरह से शुद्ध और अनुकरणीय होता है।
आदर्श नागरिक अपने राष्ट्र और संस्कृति का भक्त होता है। राष्ट्र की प्रगति में ही वह अपनी प्रगति देखता है। राष्ट्र के हित के लिए वह शासन को पूरा सहयोग देता है। राष्ट्रीय संकट की घड़ी में वह अपना सर्वस्य त्याग देने को तैयार रहता है। शासनतंत्र की गलती का वह सही तरीके से विरोध करता है। राष्ट्र के कल्याण के लिए वह जाग्रत रहता है।
आदर्श नागरिक अपने धर्म या संप्रदाय का मुस्तेदी से पालन करता है, लेकिन दूसरे धर्मों-संप्रदायों का कभी विरोध नहीं करता। वह जाती-पांति के भेदभाव नहीं मानता। वह लड़ाई-झगड़े, सांप्रदायिक उपद्रव या राजनीति के नाम पर दंगे-फसाद करने-कराने में रूचि नहीं लेता।
आदर्श नागरिक अपने अधिकारों की अपेक्षा अपने कर्तव्य को अधिक महत्व देता है। आदर्श नागरिक अपने कर्तव्यों को पूर्ण निष्ठा और लगन से पूरा करता है। वह प्रत्येक काम ईमानदारी और कर्मठतापूर्वक कर अपने देश की सच्ची सेवा करता है।
सचमुच आदर्श नागरिक राष्ट्र का आभूषण होता है। उसका चरित्र, शक्ति, साहस और संकल्प ही राष्ट्र का सच्चा धन है। इसलिए आदर्श नागरिक बनना हमारा मुख्य लक्ष्य होना चाहिए।
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Sahi kaha apane aisa hi hota hai adarsh nagrik
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