Mere college ki true love story: प्यार का शुरुआत कुछ यु हुआ जब मैं अगस्त के मौसम में दूर के मामा के यहाँ बरेली शहर में पंहुचा तो मुझे बहुत सी लड़कियों के साथ एक सुन्दर लड़की दिखी जिसे मैं देखता ही रह गया वो सभी college से ही आ रही थी।
फिर कुछ यु हुआ की मेरा बस आगे निकल गया पर मुझे उस लड़की को फिर से देखना था पर मैं देख न पाया और मैं उसी के बारे में सोचता रह गया वो दिखने में बहुत ही प्यारी थी उसका चेहरा मासूमियत से भरा था।
मुझे उससे first sight love हो गया था मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं उससे कैसे मीलू जब मैं मामा के यहाँ पंहुचा तो सबसे मिला सब मुझे देखकर बहुत खुश थे क्योकि मामा के यहाँ मुझे बहुत ही love किया जाता था सब मुझे बहुत मानते थे पर मैं खुश नहीं था।
मैं यह बात एक लड़के को बताया जो मेरा मामा के यहाँ का दोस्त था वो मुझे बहुत मानता था उसके अन्दर एक बात था जो मैं आपको बता रहा हूँ उसके पास जब पैसा रहेगा तभी मेरे साथ घूमेगा नहीं तो नहीं घूमेगा। जब मैं अपनी love के बारे में बताया तो उसने कहा की एक बार उसी टाइम जाकर देख लो।
मुझे उसकी बात बहुत अच्छी लगी मैं कल उसी टाइम उसे देखने अपने दोस्त के साथ निकल गया पुरे 1घंटा इन्तजार किया पर वो दिखी ही नहीं उसके साथ जो लडकिया थी वो ही दिखी।
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फिर मैं अगले दिन भी गया फिर वो नहीं दिखी लगातार 4 दिन जाने के बाद भी वो जब नहीं दिखी तो मैं जाना ही बंद कर दिया।
मेरे College कि True Love Story
उसका चेहरा मेरे लिए भूल पाना मुश्किल था उसको देखने के लिए मैं घर पर कम और बाहर अपने दोस्त के साथ ज्यादा रहने लगा कि कही वो दिख जाए।
उस लड़की को देखे आज 13 दिन हो गए थे मेरा दोस्त कहने लगा कि कौन सी लड़की है जिसके लिए तू इतना खोया रहता है चल आज फ़ुटबाल खेलने चलते है हमारे घर के पीछे एक बड़ी ग्राउंड है जहा पेड़ पौधे भी है।
वही हम खेल रहे थे मैं काफी थक गया था तो आराम करने लगा और मैं अपने माथे से पसीना को पोछकर फेका तो मेरा ध्यान ऊपर की और गया तो सामने छत पर लड़की दिखी जो वो ही college वाली लड़की थी।
मैं बहुत खुश हुआ मेरे मन में कई तरह के सवाल उठने लगा आखिर इस चीज को क्या कहेगे जिसे मैं इतना धुडा वो नहीं मिली और यह मेरे बगल में ही मिली मैंने बताया अपने दोस्त को तो वो बोला ये ये तो प्रिया है।
मैंने कहा यार यह तो बहुत ही सुन्दर है फिर उसकी नजर मेरे पर थोड़ी टाइम के लिए पड़ी और वो चली गयी मैंने अपने दोस्त से उसके बारे में पूछा की क्या उसका कोई बॉयफ्रेंड है तो उसने बताया नहीं है।
मैं कहा अपने दोस्त से की इसके पीछे तो बहुत पड़े होगे तो दोस्त ने कहा हां पड़े तो है एक तो इसे घर तक चला आ जाता है देखने के लिए मुझे यह सुनकर बुरा नहीं लगा क्योकि प्रिया थी ही इतनी सुन्दर जिसे कोई भी बार – बार देखना चाहेगा।
उसका घर एक घर के बाद मेरा घर था उसका एक भाई भी था जो हम लोगो के साथ रहने लगा उससे ज्यादा बात होने लगा फिर मैं एक दिन उसके घर के पास से ही जा रहा था की प्रिया मुझे पुकारी और कही की मेरा भाई आपको बुला रहा है।
मैं सोचने लगा की यह इतनी सुंदर है और इसको जरा सा भी घमंड नहीं है यह सीधे मुझे बात की। प्रिया के कहने पर मैं उसके घर में चला गया और उसके भाई से मिला हम दोनो काफी समय तक एक दूसरे के साथ रहने लगे प्रिया का भाई जिसे सब छोटू कहकर बुलाते थे।
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मैं अक्सर उसके साथ उसके घर पर जाने लगा जिसे थोडा बहुत प्रिया से भी बात हो जाता था लेकिन मेरा सारा ध्यान प्रिया पर ही रहता था प्रिया के घर में जाने के बाद उसके घर वाले मुझे सब जानने लगे की मैं कैसा हूं कुछ बाते को लेकर प्रिया भी मुझसे बाते करने लगी थी।
हम दोनों जब भी मिलते बहुत बात करते थे मुझे प्रिया से बाते करते वक़्त पता चला की जिस दिन मैं प्रिया को देखा था उसके ठीक एक दिन बाद प्रिया अपने फूफी के यहाँ चली गयी थी।
इसी कारण हम अगल – बगल होने के कारण उसे देख नहीं पाया छोटू के चलते मेरा बात प्रिया से भी होने लगा था प्रिया और उसके घर वाले मुझसे बिलकुल फ्रेंकली बात कर लेते थे मैं सबको हसाता था हमेशा फनी बाते करता था इसी कारण प्रिया भी मुझसे थोडा बहुत मजाक करने लगी थी।
प्रिया में बहुत से गुर्ण थे जैसे कि वो बहुत सुन्दर और मासूम थी पढने में तेज थी और गाना भी बहुत अच्छा गाती थी और घर का सारा काम भी बहुत अच्छे ढंग से करती थी एक लड़की में जो गुर्ण होना चाहिए प्रिया में सारे गुर्ण थे इसी वजह से मैं प्रिया से बहुत love करने लगा था।
पुरे एक महीने बीत जाने के बाद मुझे फिर अपने घर आना पडा मुझे जाने का मन बिलकुल नहीं था पर आना पड़ा मेरे पास मोबाइल था नहीं की जिसे प्रिया से बात कर सकू यह उस समय की बात है जब लड़कों के पास बहुत कम मोबाइल होता था।
काफी टाइम बीत जाने के बाद मैं फिर किसी तरह अपने दूर के मामा के यहाँ पहुचा जून के महीने में हलाकि काफी टाइम हो गया था जब मैं पहुचा बरेली और शाम को जब उससे आमने सामने मुलाकात हुआ तो मैं ही बोला कि कैसी हो प्रिया उसने कहा ठीक हूँ।
प्रिया बहुत ही सर्मिली लड़की थी वो मुझे जब भी देखती थी तो सरमा जाती थी और अपने हाथ को अपने चेहरे से तोप लेती थी उससे बाते करने के लिए मैं ही आगे जाता था जब हम दोनों ज्यादा एक दुसरे में घुल – मिल गए तो वो मुझको चिडाने लगी थी पर मुझे बहुत अच्छा लगता था मैं भी उसे बहुत चिडाता चिढ़ता था हम दोनों में खूब झगडे भी होने लगे थे वैसे झगड़े नहीं जो लोगो के बीच होते है तर्क वाले झगड़े होते थे वो कहती थी की यह सही मैं कहता था की नहीं यह गलत है।
हम दोनों बैठकर लूडो खेलते थे पर मुझे लूडो में कोई दिलचस्पी नहीं था मुझे तो लूडो खेलने वाली के साथ दिलचस्पी था। मुझे मालूम हो गया था की जितना मैं प्रिया से बात करने और उसे देखने के लिए तडपता था उतना प्रिया भी तडपती थी।
प्रिया के घर में और भी लड़कियां थी जिसके साथ मुझे कोई लेना देना नहीं था प्रिया के बहन से भी बाते होती थी। लेकिन बहुत कम मैं सिर्फ प्रिया से ही बात करना चाहता था।
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प्रिया जब भी अपने घर के बाहर कुछ काम किया करती थी तो मैं उसके सामने से जाकर उसके गाल को टच करता तो उसके नाक को टच करता था प्रिया बुरा नहीं मानती थी क्योकि वो भी मुझसे love करती थी। मैं जब भी अपने घर के बाहर आता वो अपने हाल में आ जाया करती थी और गुनगुनाने लगती थी।
मैं जो भी करता था वो मेरा कापी करने लगती थी बारिश के मौसम में जब मैं अपने छत पर प्रिया ने पाया तो वो भी नहाने अपने छत पर चली आई मैं गागल्स लगाकर आसमान की और देखकर बूंदों का आनंद ले रहा था तभी प्रिया भी मेरा कापी किया हलाकि वो गागल्स नहीं पहनी थी पर वो बारिश का दिन भूलने से भी नहीं भुलाया जाता है वो मेरे लिए बहुत अच्छा दिन था।
उसके एक दिन बाद फिर बारिश हुआ शाम के 7:00 बजे होगे की वो छत पे बारिश कम मज़ा ले रही है मेरा दोस्त ने बताया तुरंत मैं अपने छत पे गया तो देखा प्रिया छत पर है उसके भीगे बाल उसका चेहरा बहुत सुन्दर लग रही थी।
कभी ऐसा भी होता था की हम दोनो दूर बैठेकर एक दूसरे को देखते रहते थे कई लोगो को यह मालूम हो गया था कि हम दोनो एक दूसरे को चाहते थे कभी मैं प्रिया को चीड़ाने तो कभी वो मुझे चिड़ाने लगी थी हम कभी साथ में बैठते थे तो एक दूसरे की भावना को समझते थे मुझे यकीन हो गया था की प्रिया मुझे चाहती है पर उसे कहने की हिम्मत नहीं जुटा पाया।
प्रिया मुझे देखकर गाना गाने लगी थी वो अपने घर में मेरे बारे में बात करने लगी थी प्रिया कोई भी काम करती थी तो वो छत या अपने हाल में आकर करती थी ताकि वो मुझे देख सके।
समय आ गया था की मैं अपने घर जाऊ जब मैं प्रिया की बहन से बाहर बात कर रहा था तो प्रिया छत पर थी वो भी बात कर रही थी मैने दोनो को बताया कि जाना है एक दो दिन में तो प्रिया ऐसे देखने लगी थी जैसे की अब उसकी नजर मेरे से कभी हटने वाला नहीं है।
उसने कहा सूरज जरा उपर आओगे एक बात तुमसे कहना था प्रिया के घर में जाना मुझे सरम आता था इसी वजह से मैं प्रिया से कहा की बोलो यही पर मैं सुन रहा हूँ उसने जिद की मैं उपर आउ मैने कहा अरे तुम यही से बोल सकती हो।
फिर कुछ टाइम के लिए प्रिया चुप हो गयी और मैं प्रिया की बहन से बात करने लगा कुछ टाइम बात करने के बाद मैं प्रिया से कहा कि मैं आउ उपर उसने मना कर दिया और कहा की नहीं मत आओ मैंने कहा कि आ जा रहा हूँ बोल देना पर प्रिया का मुड़ ही बदल गया था उसने साफ मना कर दिया।
अगले दिन ही मैं चला गया फिर प्रिया के बिना कहा अच्छा लगता था कोई न कोई बहाना करके मैं बरेली चला आता था।
प्रिया से बात करना उसको टच करना वो किसी बात से रूठ जाती थी तो मैं उसे मानता था मैं प्रिया से कितना प्यार करता था कभी कह न सका।सारा दिन प्रिया के साथ ही रहना सुबह दोपहर शाम को उससे बात करना होता था और जब मैं अपने छत पर रहता था तो वो अपने छत पर आकार अपने बहनो के साथ मस्ती करने लगती थी।
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मैं एक जगह बैठकर बस प्रिया के चेहरे को निहारता था प्रिया जानती थी की सूरज मुझे देख रहा है और इसी वजह से प्रिया मेरे सामने रहकर अपनी बहनों के साथ मस्ती करती थी।
एक दिन ऐसा आया जब मैं अपने घर चला गया और अपनी पढाई l के कारण बरेली आना मुश्किल हो गया था पूरे दस महीने बीत चुके थे जब वक़्त आया बरेली जाने का तो सिर्फ प्रिया के ही बारे में सोचने लगा था मैं सोचने लगा था कि क्या सच में मैं प्रिया को देख पाउगा।
एक हफ्ते बाद मैं फिर बरेली जाने वाला था मैं अपने दोस्त के साथ घूम रहा था तो मेरे दोस्त के दोस्त ने मेरे दोस्त के साथ मुलाकात हुई उन दोनो के बीच अपनी girlfriend की बात होने लगी किसी ने कहा की मेरी girlfriend का nature तो समझ ही नहीं आता है
मेरा दोस्त ने कहा की मेरी वाली से तो breakup हो गया है उसी वक़्त मैं प्रिया के बारे मे, सोचने लगा की मेरी प्रिया ऐसी नहीं है वो तो मुझसे बहुत love करती है। इस बार बरेली जाउगा तो प्रिया को प्रपोज का दुगा।
दोस्तो के पास से जाने के बाद जब मैं रात को सोया तो मुझे बड़ा अजीब सा सपना आया की मैं बरेली पहुँचा और प्रिया अपने छत पर बैठी थी जब मैने उसे देखा तो वो खुश नहीं थी प्रिया मुझे देखते ही अपना चेहरा घुमा ली।
नींद टूटने के बाद मैं सोचने लगा की ऐसा सपना क्यो आया मैं इस सपने को इग्नोर कर दिया अगले दिन ही मैं बरेली गया और मैं प्रिया को देखा तो प्रिया का व्हिहैवियर चेंज हो चुका था मैने मन बना लिया था की इस बार अपने दिल का हाल प्रिया को सुना दुगा।
जब प्रिया किसी काम से बाहर आई तो मैने कहा की प्रिया तुमसे कुछ बात करना है प्रिया ने कहा बोलो मैने कहा यहा नहीं बाद में प्रिया बोली मेरे पास टाइम नहीं है तो मैने कहा ठीक है जब टाइम हो तब छत पर आ जाना प्रिया का छत और मेरा छत सब बराबर ही था जो कोई भी एक छत से दूसरे छत से आ जा सकता है।
काफी टाइम होने के बाद भी प्रिया छत पर नहीं आई मेरा उस समय बुरा हाल था मैं बाहर ही बैठा था कि प्रिया आई मैने उसे इशारों से उपर आने को कहा तो उसने हस्ते हुए अभी नहीं आने को कहा।
लड़कियोंं को क्या अच्छा लगता है?
1:00 PM बज चुके थे मैं छत पर गया तभी प्रिया भी कपड़े पसारने आई मैने प्रिया को आवाज दिया तो प्रिया आई मैने कहा प्रिया मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ प्रिया पूरे confidence से बोली हा कहो मैं प्रिया का चेहरा देखकर डर गया प्रिया से कहा कैसे कहु डर लग रहा है कही तुम बुरा मान जाओगी प्रिया बोली नहीं मनोगी बोलो मैं फिर कहा की कैसे कहु मुझे बहुत डर लग रहा है।
प्रिया ने कहा की जब डर खत्म हो जाए तब बोलना मैं जा रही हूं मैने प्रिया का नाम लेते ही रोका और प्रिया को प्रपोज कर दिया प्रिया चुप सी हो गयी प्रिया बोली क्या कहे हो फिर से बोलोगे मैने कहा सुनाई नहीं दिया है।
प्रिया ने मना कर दिया मुझे बुरा नहीं लगा लेकिन बाद में मुझे बहुत बुरा लगा मैने पहली बार किसी को यह 3 शब्द बोला था।
मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा था मुझे रोना आ रहा था जिस लड़की से मैं इतना love किया प्रिया के बिना किसी लड़की को देखता भी नहीं था आज उसने मेरा दिल तोड़ दिया।
मैं उसके अगले दिन ही अपने घर कानपुर आ गया। मैने बरेली के दोस्त को सारा बात बता दिया था उसने बताया की उसका चक्कर किसी और लड़के के साथ चल रहा है।
मैं socked हो गया जब प्रिया को प्यार नहीं था तो मेरे साथ इतना close क्यों रही मेरे साथ love वाली हरकते क्यों की। किसी के भावनाओ के साथ खेलने की किसी को क्या हक़ है प्रिया मेरा पहला प्यार थी।
इतना होने और बाद भी मैं प्रिया से प्यार करता हूँ और करता रहुंगा चाहे प्रिया हमसे प्यार करे या न करे प्यार तो नसीब से होता है और प्यार में धोखा तो लोगो से होता है।
इतना love प्रिया से करने के बाद मेरा दिल टूट गया था पर मैं किसी को जरा सा भी शक नहीं होने दिया कि मेरे अंदर कितना गम है मैं पूरी तरह शांत था मेरे दिल का हाल सिर्फ बरेली का दोस्त ही जनता था।
मेरे दोस्त ने कहा की यदि अब प्रिया की हां होगी तो शादी करेगा मैने कहा की कल तक प्रिया से शादी करना मैं खुद को नसीब वाला मानता था।
और अब प्रिया की हा भी हो तो भी मैं प्रिया से शादी नहीं कर सकता है मैं प्रिया से अभी बहुत प्यार करता हूं पर शादी नहीं कर सकता क्योकि वो अब किसी और की हो चुकी है। मेरा इतना प्यार वो पुरानी प्रिया के लिए था जो अब शायद कही गुम हो गयी है।
बस उसके बाद मैं कभी पीछे नहीं देखा कभी अकेले में कोई love story movie देखता या सुनता तो आँखो में आसु आ जाता था। मैं उसको हमेशा याद करता था और आज भी करता हूँ प्रिया से मैं इतना प्यार किया था की सिर्फ उसके नाम से ही मेरे चेहरे पर ख़ुशी आ जाता था। बस यही था मेरा छोटा सा love story in hindi में जो आपके साथ share किया है।