Mafi Kaise Mange?
आपकी और आपके साथी के बीच कभी-कभी किसी बात पर बहस हुई है। आप सोचते हैं ‘मैं माफी क्यों माँगू? मैंने थोड़ी न झगड़ा शुरू किया है। फिर आप सोचते हैं ‘चलो छोड़ो, जाने दो’, लेकिन अब भी आप दोनों के मन में कही न कही थोड़ी बहुत नाराज़गी है। फिर आप सोचते हैं, ‘शायद मुझे ही sorry मांग लेनी चाहिए’। लेकिन आपको ऐसा करना बहुत ही मुश्किल लगता है।
ऐसा क्यों होता है?
1. घमंड – EGO
एक पति जिनका नाम मुकुल है, कहते हैं – कभी-कभी मेरे लिए माफी माँगना बहुत मुश्किल हो जाता है, क्योंकि मुझे लगता है कि ऐसा करने से मेरी कोई प्रतिष्ठा ही नहीं रह जाएगी’। जब आप में घमंड (ego) होता है, तो आपको ये कबूल करने में बहुत ही शर्मिंदगी होती है कि कुछ हद तक गलती आपकी भी है।
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2. गलती आपकी नहीं
आपको शायद लगे कि माफी तभी मांगनी चाहिए, जब ग़लती आपकी होती है। जानवी जी कहती है, ‘अगर ग़लती सिर्फ़ मेरी है, तब तो माफी माँगना बहुत आसान होता है, लेकिन जब हम दोनो ने एक-दूसरे को भला-बुरा कहा हो, तो बात अलग है। अब गलती दोनो की है, तो क्यो माफी माँगू?’
अगर आपको लगता है कि गलती सिर्फ़ और सिर्फ़ आपके साथी की है, तो आप शायद सोचे कि आपको माफी माँगने की कोई ज़रूरत नहीं है। तो माफी न माँगने से आप यह जताते है कि आप बेकसूर है।
3. परवरिश
हो सकता है कि आपकी परवरिश ऐसे वातावरण में हुई हो जहाँ कोई एक-दूसरे से माफी नहीं माँगता था। इसलिए अपने कभी गलती मानना सीखा ही नही। बचपन में आपने कभी माफी नहीं माँगी, इसलिए बड़े होने पर भी अपनी गलती के लिए माफी माँगने की आपको आदत न हो।
आप क्या कर सकते है? कैसे माँगे माफ़ी– Galti Ki Mafi Kaise Mange?
1. अपने साथी पर ध्यान दीजिए
जरा उस पल के बारे में सोचिए जब किसी ने आपसे माफी माँगी थी। आपको उस समय कितना अच्छा लगा था, है ना? तो क्यो न आप भी अपने साथी से माफी माँगकर उसे वही खुशी दे? भले ही आपको लगे कि आपकी कोई गलती नहीं है, फिर भी आप अपने साथी से कह सकते है कि आपको इस बात का दुख है कि उसे बुरा लग रहा है, या आपको इस बात का अफ़सोस है कि उसे आपकी वजह से चोट पहुंची है, लेकिन आपका ऐसा करने का कोई इरादा नहीं था। जब आप अपने साथी से ऐसा कहेंगे, तो बेशक वह नाराज़ नहीं रहेगा।
2. अपने शादीशुदा जिंदगी पर ध्यान दीजिए
माफी माँगने से आपकी हार नही, बल्कि आपकी शादीशुदा जिंदगी की जीत होगी। जो व्यक्ति नाराज़गी पाले रखता है, उसे मनाना एक शक्तिशाली शहर पर जीत हासिल करने से भी ज़्यादा मुश्किल होगा, तो आपस में सुलह करना बड़ा ही मुश्किल हो जाएगा।
वही दूसरी तरफ अगर आप माफी माँगते है, तो बात वही के वही ख़तम हो जाएगी और बात का बतंगड़ नहीं बनेगा। और इस तरह आप देखेंगे कि आपके लिए आपके साथी के साथ आपका रिश्ता ज़्यादा मायने रखता है।
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3. जल्द से जल्द माफी माँगे
यह सच है कि उस समय माफी माँगना बहुत ही मुश्किल होता है जब ग़लती दोनो की हो। चाहे आपके साथी से भी ग़लती हुई हो, लेकिन इसका यह मतलब ये नहीं कि आपको अपने किए की माफी माँगने की ज़रूरत नही। और यह सोचकर बात को मत टालिए की कुछ समय बाद सब ठीक हो जाएगा। इसके बजाय, अपने साथी से माफी माँग लीजिए।
अगर आप ऐसा करेंगे, तो आपके साथी के लिए भी आपसे माफी माँगना आसान हो जाएगा। भले ही शुरू-शुरू में आपको माफी माँगना मुश्किल लगे, लेकिन अगर आप ऐसा करते रहे, तो धीरे-धीरे माफी माँगना आपके लिए आसान हो जाएगा।
4. दिल से माफी मांगिए
अपने किए पर सफाई पेश करने के बजाय दिल से माफी मांगिए। माफी माँगते समय ऐसा मत कहिए – ‘मुझसे ग़लती हो गई, मुझे नहीं पता था कि तुम तिल का पहाड़ बना दोगे’। इसके बजाय अपनी ग़लती मानिए और अपने साथी से कहिए कि आपको इस बात का दुख है कि उसे बुरा लगा, फिर चाहे आपको ऐसा क्यो न लग रहा हो कि उसे जो दुख पहुँचा है वह जायज़ है।
5. सच्चाई का सामना कीजिए
इस बात को मानकर चलिए कि कभी न कभी आपसे ग़लती हो सकती है। आख़िर ऐसा कौन है, जो ग़लतियाँ नहीं करता? भले ही आपको लगे कि आपका कोई दोष नहीं है, लेकिन इस बात का भी ध्यान में रखिए की कई बार हमें पूरी बात मालूम नहीं होती है।
माफी कैसे मांगे?
हर इंसान में किसी न किसी प्रकार का अहंकार होता है, ये एक इंसानी फितरत है। कुछ लोग इतने अहंकार वाले होते है कि किसी भी इंसान से छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा कर लेते हैं। अपनी गलती होने पर भी उसे मानने को तैयार नहीं होते। छोटी-छोटी बातों पर बहुत जल्दी गुस्सा हो जाते हैं और पलट कर जवाब देने से भी पीछे नहीं हटते।
ऐसे लोग अपने अहंकार को अपने रिश्ते से ऊपर रखते हैं। अपने अहंकार पर जरा सी ठेस पहुंची कि ऐसे लोग कोई भी फैसला लेने को तैयार हो जाते हैं। इसी वजह से उनकी किसी भी लोगो से बनती नहीं है।
ऐसे लोगों की दोस्तों की संख्या भी कम होती है। कौन चाहेगा की उसका दोस्त झगड़ालू स्वभाव का हो।
रिश्ता अनमोल होता है चाहे वो दोस्ती का हो या रिश्तेदार का, सभी को संभाल के रखने की जरुरत है, ऐसा न हो कि आपके अहंकार की वजह से आपका रिश्ता कमजोर हो जाए।
अब आपके अहंकार की वजह से झगड़े भी होते होंगे, sorry कहने में शर्म भी आती होती, चाहे गलती आप की ही क्यों न हो। माफ़ी मांगने से न सिर्फ झगड़े सुलझते है बल्कि रिस्तो में पैदा हुई कड़वाहट भी मीठी हो जाती है और रिश्ते मजबूत भी होते है।
किसी बात पर आपसी मतभेद हो जाना आम बात है, लेकिन कभी-कभी यह मतभेद उग्र रूप भी ले लेता है। मतभेद या लड़ाई हर जगह होती है पर sorry बोल कर उस मतभेद को खत्म कर के रिश्तों में आई कड़वाहट दूर कर सकती है। अगर आपने अपने सबसे अच्छे दोस्त को कुछ ऐसा कह दिया है जिस से उसकी भावनाओं को ठेस पहुंची है तो तुरंत उससे माफ़ी मांग लीजिए। इस से बिगड़े रिश्ते को संभाला जा सकता है।
तो सवाल ये उठता है कि माफ़ी कैसे मांगी जाए? कुछ ऐसे तरकीब है जिसे अपना कर आप अपने दोस्ती और रिश्ते को फिर से अपना बना सकते हैं ।
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माफी कैसे मांगे? 6 उपाय
1. Phone करें
Phone करके sorry कहे। कभी ये न सोचे कि वही आपको phone करेगा। पहले आपको करनी होगी, अपने अहंकार को किनारे में रखते हुए आप उन्हें phone करके sorry कहे। अगर एक छोटी से शब्द “sorry” से अगर रिश्ते सुधर जाते है तो ऐसा कहने में हर्ज क्या है।
2. Letter लिखे
अगर आप सोच रहे है कि ये विचार बहुत पुराना हो गया है तो आप गलत सोच रहे हैं। ये विचार आज भी उतना ही कारगर है जितना पहले था। आप अपने letter में अपनी बात कह सकते है। आजकल तो Facebook, whatsapp, email का भी trend चला हुआ है, आप इसकी मदद से भी उनको मैसेज भेजकर sorry कह सकते हैं।
3. Card और फूल दें
आप अपने दोस्त या रिश्तेदार को card और फूल दे सकते है, जिसे देख कर उनका गुस्सा ग़ायब हो जाएगा।
4. SMS करे
ये एक कारगर तरीका है माफ़ी मांगने का क्योंकि आपका sms तो आपका दोस्त देख ही लेगा। इस तरह आप माफ़ी भी मांग लेंगे और आपको नीचा दिखना भी महसूस नहीं होगा।
5. कुछ ऐसे बात करें
उनसे कुछ ऐसे बात करें कि आपको अपनी गलती का एहसास है और आप अपनी गलती मान रहे हो। ऐसे में आप अपने डील की बात भी उनसे कह पाओगे, ताकि दोबारा आपसे वो गलती न हो।
6. खुद को तैयार रखें
ऐसा जरूरी नहीं है कि जिनसे आप माफ़ी मान ग रहे हो वो आपको माफ़ कर दे, इसलिए माफ़ी माँगते समय नकारात्मक परिणाम के लिए भी खुद को तैयार करें। आपने अपनी गलती की माफ़ी मांग ली बस इतना ही काफी है, इससे ये पता चलता है कि आप अपने रिश्ते को लेकर बहुत ही गंभीर हो और कभी भी अपना रिश्ता नहीं तोड़ना चाहते।
माफ़ न करे तो?
अगर बार-बार माफ़ी माँगने के बावजूद भी आपको आपका दोस्त माफ़ नहीं करता तो इसमें चिंता कि बात नहीं एक न एक दिन आपका दोस्त आपकी भावनाओं को ज़रूर समझेगा और आपको माफ़ कर ही देगा।
तो दोस्तों अगर आप भी किसी से नाराज़ है तो अपनी नाराज़गी को दूर करें और अपने रिश्ते को फिर से जोड़ने की पहल करें। अगर आपकी हमारी ये पोस्ट अच्छी लगी तो comment के जरिए बताए। धन्यवाद