क्या प्यार करना गलत है? क्या प्यार करना पाप है?

आज के समय प्यार को हर कोई अपने – अपने नजरिये से देखता हैं जिसको लेकर सब की राय अलग – अलग हैं हर कोई अपने नजरिये से प्यार की परिभाषा देता है प्यार गलत या सही हैं इसको ज्यादा खिचने की जरूरत नहीं हैं, प्यार कभी गलत नहीं हो सकता हैं और ना ही प्यार करना पाप हैं. तो प्यार करना कब गलत होता हैं और प्यार का सही अस्तित्व क्या हैं इसका जवाब आज के इस लेख में मैं आपको क्या प्यार करना पाप हैं बताने वाले हूँ.

पर उससे पहले प्यार क्या हैं इसे जरूर पढ़ना चाहिए, प्यार के बारें में जानने के बाद प्यार किसे कहते हैं और क्या प्यार करना पाप हैं सभी कुछ जान जायेंगे.

क्या प्यार करना पाप हैं? क्या प्यार नहीं करना चाहिए?

पहले तो आपको बता दे की प्यार करना गलत नहीं हैं और ना ही प्यार पाप हैं जो ऐसा समझते हैं कि प्यार करना गलत हैं, तो उन्हें प्यार के बारे में ठीक से समझ नहीं हैं. प्यार ईस्वर का रूप हैं जिसे किसी से तुलना नहीं कर सकते हैं, हाँ कुछ परिस्थिथि में प्यार करना पाप हो सकता हैं लेकिन वो प्यार नहीं होता हैं वो बस शारीरक आकर्षण होता हैं.

आज के समय ज्यादात्तर लोग शारीरिक संबंध को ही प्यार कहते हैं जो परपुरुष और परस्त्री से होता हैं ऐसा प्यार करना गलत ही होता हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हैं हुए कि प्यार गलत या सही हैं इसके बारे में बात करने वाले हैं तो चलिए बिना समय गवाए सभी कुछ जानते हैं प्यार के बारे में.

शादी के बाद प्यार कम क्यों होता हैं

प्यार का महत्व

प्यार दुनिया का एक बहुत ही सुंदर एहसास हैं जिसे मनुष्य से लेकर धरती के सभी जीव भी एहसास करते हैं, प्यार की वजह से यह दुनिया चल रहा हैं इसी के वजह से हम एक – दूसरे से जुड़े हैं. प्यार की वजह से हम किसी के चेहरे पर ख़ुशी ला सकते हैं उसके अन्दर मान – सम्मान बढ़ाने के साथ उसकी जीवन को और भी सुंदर बना सकते हैं, इस दुनिया में प्यार ही हैं जो सभी जीवों को एक दूसरे से जोड़े हुए हैं.

वरना सोच – समझ की शक्ति न रखने वाला पशु -पंछी भी अपने बच्चों की देखभाल नहीं करता. प्यार का हमारे जीवन में बहुत ज्यादा महत्व हैं प्यार की वजह से मनुष्य मुश्किल से मुश्किल परिस्थित में एक दुसरे का साथ नहीं छोड़ता हैं. शायद आपको पता चल गया होगा की जीवन में प्यार का क्या महत्व हैं, लेकिन वो कहते हैं न कि, किसी भी चीज की अति बुरी होती हैं फिर चाहे वो प्यार क्यों न हो.

प्यार की भी एक सीमा – होती हैं जिसे मनुष्य को इसका ख्याल रखना अगर प्यार अपनी मर्यादा से बाहर हो जाती हैं तो इससे बर्बादी भी होती हैं.

सेल्फिश प्यार

जब अपनी ख़ुशी के लिए प्यार के लिए क्या सही है क्या गलत है यह भूल जाते है और और एकतरफा प्यार में लड़की को चैन से जीने नहीं देते हैं कि, तुम मेरी नहीं तो किसी और की भी नहीं हो, तो ऐसा प्यार गलत होता हैं. प्यार में हिंसा नहीं होता है प्यार पाने का नाम नहीं हैं की जिसे हम प्यार करते हैं उसे किसी भी कीमत पर पा लिए फिर चाहे उसकी मर्जी हो या न हो.

प्यार में धोखा क्यों मिलता हैं?

क्या शादी के बाद किसी और से प्यार करना गलत हैं

शादी एक बहुत ही पवित्र रिश्ता हैं शादी हम अग्नि को साक्छी मानकर 7 फेरों के साथ 7 वजन खाते हैं और तब हम एक दूसरे के पूरक बन जाते हैं शादी के बाद अपने पति/पत्नी के शिवा किसी और को देखना भी पाप होता हैं. अगर कोई महिला या पुरुष शादी के बाद किसी और से प्यार करता हैं, तो यह पाप हैं अब उसका धर्म और प्रेम पति/पत्नी ही हैं अगर ऐसा कोई करता हैं तो वो घोर पाप करता हैं. शादी के बाद अपने प्यार को याद भी करना पाप हैं इससे पवित्रता नाश होता हैं.

प्यार का अंतिम पड़ाव

गलत या सही प्यार का आखिरी पड़ाव दोनों का आना हैं किसका क्या निष्कर्ष निकलेगा यह प्यार की स्थिथि पर पता चलता हैं. सच्चा प्यार का निष्कर्ष हमेशा अच्छा ही होता हैं लेकिन सही प्यार तभी तक सफल होता हैं जब उसमें आपके परिजनों का आशीर्वाद होता हैं.

गलत प्यार का अंतिम पड़ाव हमेशा दुःख और बदनामी से भरा होता हैं ऐसे प्यार को इस लोक में ना ही देव लोक में स्वीकार किया जाता हैं, क्योंकि यह प्यार होता ही नहीं हैं यह तो शारीरक आकर्षण संबंध से भरा होता हैं. जो एक समय आने पर आपके पार्टनर का भी आपसे आकर्षण ख़त्म हो जाता हैं और जब आपको समझ ता हैं तब तक बहुत देर हो गयी होती हैं.

सलाह –

क्या प्यार करना गलत हैं? के बारें में आपको बताये उम्मीद हैं प्यार गलत या सही का कांफियुजन आपका दूर हो गया हो गया होगा. इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें ताकि उन्हें भी प्यार के बारे में कुछ पता चले.

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