किसी को प्यार करने के लिए खुद को कैसे रोकें?

प्यार करना सब सीखते हैं पर जब प्यार जब हमें छोड़ कर चला जाए तो उसे कैसे छोड़े, उसे कैसे भूले ये कोई नहीं सिखाता. प्यार सब सीखते हैं पर प्यार के साथ मिलने वाले दुखों को सहना कोई नहीं सिखाता. उन दुखों से उभरना कोई नहीं सिखाता. उन दुखों को अपने जीवन से दूर करना कोई नहीं सिखाता.

आपके लिए ये जरूरी क्यों है किसी को भूल जाना? आखिर जिंदगी में ऐसा क्यों नहीं होता कि हम किसी को बस प्यार करे और अगर वो हमारे साथ ना रहे तो हमें उससे फर्क ना पड़े. हाँ ऐसा इसलिए नहीं होता क्योंकि मानव मनोविज्ञान के हिसाब से इंसान के भावनाएं जब कही जुड़ जाए तो उसके लिए उन भावनाओं को छोड़ पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है.

क्योंकि वहां एक दूजे से attachment हो जाती हैं. एक दूजे की आदत सी हो जाती है और फिर वही आदतें हमें अलग होने से रोकने लगती हैं या यह भी कह सकते हैं कि वही आदतें हमें किसी को भूलने नहीं देती. बार-बार उस इंसान की याद दिलाने लगती है. तो जब बार-बार आपको किसी की याद आए तो उस इंसान को भूल पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. तो ऐसे में क्या करे कि हम किसी को भुला सके और ये जरूरी क्यों है?

किसी को प्यार करने के लिए खुद को कैसे रोकें?

किसी को प्यार करने के लिए खुद को कैसे रोकें?
Aisa kya karu ki me usko bhul jau? Apne pyar ko kaise bhulaye?

यह जरूरी इसलिए है क्योंकि अगर आप किसी एक के लिए जो पहले से आपको छोड़ कर जा चुका है उसके लिए भागते रहोगे तो आप अपने जीवन में बहुत पीछे रह जाओगे. आप जिंदगी की उस दौड़ से निकल जाओगे जहां आपको होना चाहिए और एक ऐसी दौड़ में जुट जाओगे जहां आपका होना कोई मायने नहीं रखता क्योंकि जिसे जाना है वो तो चला गया या चली गए. तो अब अपनी जिंदगी उनके पीछे लगा कर क्यों बिताए.

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1. उसके बारे में सोचना छोड़े

वैसे अगर आपको किसी को प्यार नहीं करना ही है तो सबसे पहले तो आपको ये सोचना छोड़ना होगा कि किसी से प्यार कैसे न करें? क्योंकि यह सवाल अपने आप में ही एक है. एक याद उस इंसान की जिसे आप भूलना चाहते हैं. तो अगर आप हर समय बस ये सोचते रहे कि कैसे उसे प्यार करना छोड़े यानी कि आप indirectly ना चाहते हुए भी हर समय बस उन्ही के बारे में सोच रहे हो कि कैसे आप उन्हे भुला सके.

2. जो हुआ उसे स्वीकार करें

अंतिम विकल्प इसे स्वीकार करें, क्योंकि आप चाहे सोच ले, चाहे खुद को किसी की याद में तडपा ले, चाहे किसी को मनाने के रास्ते ढूँढ ले या चाहे किसी को भूलने की तरकीब लगा ले जबतक आप खुद इस चीज को स्वीकार नहीं कर लेते तब तक कुछ भी नहीं होगा. तब तक कोई भी तरकीब असर ही नहीं करेगी जबतक आप ये स्वीकार नहीं कर लेते कि जिसे आप चाहने की कोशिश कर रहे हो वो अब आपको नहीं चाहती/चाहता.

और आपको पता है की स्वीकारना सबसे अच्छा उपाय है जब आप ये स्वीकार कर लेंगे कि अब कोई रास्ता नहीं बचा तो आप किसी को भी भुला सकते हो. आपको किसी को भुलाने की जरुरत नहीं बस आपको ये स्वीकार करना होगा की जिसे आप चाहते हो वो आपको नहीं चाहती/चाहता, बस यही काफी है.

उम्मीद है कि मेरी इस उपाय से आपको बहुत मदद मिली होगी और आपकी परेशानी दूर हुई होगी. और दोस्तों अगर आपका कोई और सवाल हो तो आप कमेंट के जरिए जरूर पूछे मुझे आपके सवालों का इंतज़ार रहेगा.

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Ravi Saw

रवि साव एक पेशेवर blogger हैं! वे एक इलेक्टिकल इंजिनियर थे पर blogging करने की रूचि ने उन्हें acchibaat.com बनाने कि प्रेरणा दी. इस वेबसाइट के जरिये वे रिश्तों कि जानकारी और बारीकियों के बारे में बताते हैं ताकि आपका रिश्ता जीवन भर खुशहाल रहे. साथ में रवि जी इस वेबसाइट पर टेक्निकल से संबंधित जानकारियां भी प्रकाशित करते हैं.

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