ध्यान कैसे करे? Meditation करने का तरीका क्या है?

ध्यान कैसे करे? Meditation करने का तरीका क्या है?

Dhyan kaise kare? Meditation karne ka tarika kya hai? आज मैं आपको बताऊंगा कि मैडिटेशन यानि ध्यान आखिर करते कैसे है? सबसे आम सवाल जो लोग पूछते है कि कहां ध्यान लगाया जाए? मतलब हम मैडिटेशन कहां पर कर सकते है? इसका आसान जवाब है कहीं भी। चाहे आप किस कुर्सी पर बैठे हो या किस पार्क के बैंच पे, आप जहां चाहे वह ध्यान कर सकते है।

इसे आप कहीं भी कर सकते हो क्योंकि ध्यान में शरीर का कोई movement नहीं होता है ये एक मन की व्यायाम जैसी होती है। पर एक चीज जरूरी है, चाहे आप कही भी ध्यान करो पर अपनी रीड की हड्डी को जितना हो सके उतना सीधा रखने की कोशिश करो। ये एक बहुत ही ज्यादा जरूरी नियम है।

बिस्तर पर ही लेटे हुए अगर आप अपने दिमाग को शांत करने की कोशिश करोगे तो आप ये जरूर नोटिस करोगे कि आपको नींद आने लगी है और अगर किसी आरामदायक कुर्सी पर बैठकर करते हो तब भी आपको नींद आने लगेगी।

इसलिए ध्यान का सबसे बेहतर तरीका है सीधा बैठकर किसी भी आसान में करना बाकी सब pose में भी ध्यान कर सकते हो पर ये आसान वाली तकनीक सबसे बेहतर है।

आसान वाली तरीका सबसे बेहतर इसलिए है क्योंकि जब भी आप किसी आसन में बैठते हो जैसे पद्माशन तब आपकी रीड की हड्डी सीधी होती है और इसके चलते आपको नींद नहीं आती।

आसान में अपने रीड की हड्डी को सीधे करके बैठने के बाद आप अपने मन को शांत करने की कोशिश कीजिए।

पर मन को शांत करना उतना आसान नहीं है। मन को शांत करना इस दुनिया के सबसे कठिन कामों में से एक है। पर आप इसको नियमित अभ्यास करोगे तो आप बहुत अच्छे से अपने मन को नियंत्रित कर सकोगे।

जैसे आप अपने मन को शांत करने की कोशिश करोगे वैसे आपके मन में और भी विचार आना शुरू हो जायेंगे और तब आप अपने सांस पर ध्यान लगाना।

आपके नाक से हवा कैसे अंदर जा रही है उसपर ध्यान लगाने की कोशिश करना। सांस कैसे अंदर-बाहर जा रही है उस पर ध्यान लगाइएगा। ये सांस पे ध्यान लगाने वाली तरकीब सबके लिए सबसे बेहतर काम करती है।

जब भी मन में कोई ख्याल आए तब आप अपने ध्यान को सांस पर लगा दीजिए और अपने ध्यान को सांस पर तब तक लगाए रखिये जब तक आपके विचार कम ना हो जाए। विचार आपका ध्यान वापस खिचेगी पर आप अपने ध्यान को वही सांस पर लगाए रखना।

जब आप इसे पहली बार करोगे तो आपके लिए ये बहुत ही ज्यादा कठिन होगा आपका दिमाग सोचेगा कि ये क्या करा रहे हो सांस पे ध्यान लगाने से क्या होगा उससे अच्छा कुछ काम करो, पर ये सब आपके दिमाग के ट्रिक्स है। पर जैसे-जैसे समय बीतेगी आप बहुत देर तक ध्यान को अपने सांस पर लगाए रख सकेंगे।

आप अपने ध्यान को एक चीज पर केन्द्रित करते हो और इसी के चलते आपकी फोकस ध्यान में बहुत बढ़ जाती है और इसके चलते general लाइफ में जिस चीज पे चाहे उस चीज पर फोकस कर सकोगे। चाहे वो पढ़ाई हो या ऑफिस का कोई काम।

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वैसे ध्यान के बहुत तरीके होते है जैसे –

  • Transcendental Meditation
  • Heart Rhythm Meditation
  • Mindfulness Meditation

जो मैंने अभी आपको सांस वाली तरकीब बताया वो ध्यान है। ध्यान का मतलब होता है किसी चीज का जागरूकता होना और इस तरकीब में आप अपने सांस पर ध्यान लगते हो। अपने सांस के अस्तित्व के बारे में अवगत होते हो। जितने भी ध्यान के तरीके है उनमें से सबसे बेहतर और सबसे आसान तरीका है।

जितनी देर तक आप ध्यान करोगे उतना ही आपको फायदा होगा। अगर आप सिर्फ 2 मिनट तक ध्यान करोगे तब भी आपको फायदा होगा और अगर आप 1 घंटे ध्यान करोगे तब भी होगा। पर आम तौर पर आपको 10-15 मिनट तक आपको ध्यान करना चाहिए।

कई लोग कहते है कि मेरे पास उतना समय नहीं है तो मैं तो यही कहूंगा कि पूरे दिन के 1440 मिनट में से कम से कम 10 मिनट तो निकालिये। 10 मिनट की ध्यान अगर 2 हफ्ते तक करोगे तब आपको अपने अंदर लाभ समझ आने लगेगा।

1 महीने बाद ये लाभ और भी बढ़ जायेगा। और 3-4 महीने के नियमित ध्यान के बाद ये लाभ परम चरण तक पहुंच जाएगी। वैसे इसकी समय कभी खत्म नहीं होगी पर 3-4 महीने बाद आपको अपने अन्दर कुछ बड़े बदलाव दिखने लगेगी।

Ravi Saw

रवि साव एक पेशेवर blogger हैं! वे एक इलेक्टिकल इंजिनियर थे पर blogging करने की रूचि ने उन्हें acchibaat.com बनाने कि प्रेरणा दी. इस वेबसाइट के जरिये वे रिश्तों कि जानकारी और बारीकियों के बारे में बताते हैं ताकि आपका रिश्ता जीवन भर खुशहाल रहे. साथ में रवि जी इस वेबसाइट पर टेक्निकल से संबंधित जानकारियां भी प्रकाशित करते हैं.

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