Pregnant wife ka khayal kaise rakhe? Garbhwati mahila ka dhyan kaise rakhe? क्या आप अपनी गर्भवती पत्नी का ख्याल रखते हैं या फिर उन्हें अपने हाल पर छोड़ देते हैं? अगर आप एक जिम्मेदार पिता बनने की चाहत रखते हैं तो आपको अपने बच्चे की देखरेख गर्भ से ही शुरू कर देनी चाहिए।
किसी भी गर्भवती महिला के पति को चाहिए कि वो ज़िम्मेदारी खुद निभाए ना कि दूसरों पर छोड़ दें।
गर्भवती महिला की देखरेख की सबसे ज्यादा ज़िम्मेदारी पति की होती है, लेकिन पुरुषों को ये पता नहीं होता कि वह अपनी गर्भवती पत्नी का ख्याल किस तरह रख सकते हैं।
इसलिए आज हम आपको बताएँगे कि गर्भवती पत्नी की देखभाल किस तरह करना चाहिए।
जब पत्नी प्रेग्नेंट हो तो सबसे पहले क्या करें?
1. पत्नी कि गर्भावस्था (pregnancy) कि खबर अपने परिवार वालों को दें
अगर आपको अपनी पत्नी के गर्भवती होने का पता चल जाए तो सबसे पहले अपनी पत्नी के गर्भवती होने की जानकारी अपने घरवालों को दें।
बहुत बार गर्भवती होने की बात बड़े-बुजुर्गों को ना बताना काफी महँगा पड़ सकता है, क्योंकि गर्भावस्था की शुरुआती 3 महीने बहुत नाज़ुक होते हैं।
अगर गर्भावस्था के शुरुआत में ज्यादा भारी काम किया जाए तो गर्भपात (miscarriage) भी हो सकता है।
अगर घरवालों को गर्भावस्था का पता ना हो तो वे आपकी पत्नी से भारी काम करवा सकते हैं।
2. परिवार के सभी सदस्यों को आपके पत्नी कि गर्भावस्था कि जानकारी दीजिए
आपकी पत्नी गर्भवती है इसका पता घर के हर एक सदस्यों को होनी चाहिए, नहीं तो घर के बाकी सदस्य आपकी पत्नी से सामान्य महिलाओं की तरह व्यवहार करेंगे जो कि गर्भवती महिला के पेट में पल रहे बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
3. बाइक पर न घुमे
आपको अपनी गर्भवती पत्नी को बाइक पर नहीं घुमाना चाहिए।
अगर बहुत ज्यादा जरूरी हो तो ही जाएं और बाइक धीरे चलाएँ।
गर्भावस्था के दौरान सिर्फ कार का सफर वो भी धीमी गति से सुरक्षित माना जाता है।
अपनी गर्भवती पत्नी को बस, ट्रेन एवं अन्य असुरक्षित वाहन का सफर नहीं करने देना चाहिए।
जब पत्नी गर्भवती हो तो उसका ख्याल कैसे रखे?
1. पत्नी के खान-पान का ध्यान रखे
पति की ये नैतिक ज़िम्मेदारी है कि वह अपनी पत्नी के खान-पान का पूरा ख्याल रखें।
इसके लिए पति को dietitian (आहार विशेषज्ञ) से सलाह-मशवरा लेना चाहिए क्योंकि कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें गर्भावस्था के दौरान बिल्कुल नहीं खाना चाहिए, उदाहरण के तौर पर गर्भावस्था के दौरान पपीता खाने से गर्भपात हो जाता है।
2. Gynecologist कि सलाह जरूर लें
अगर आपकी पत्नी गर्भवती है और साथ में आपकी पत्नी को कोई और भी बीमारी है तो किसी भी दवा का इस्तेमाल करने से पहले अपने gynecologist की सलाह ज़रूर लें क्योंकि बहुत सी दवाएँ ऐसी होती है जिनका इस्तेमाल करने से गर्भ में पल रहे शिशु पर बहुत बुरा असर पड़ता है।
3. पत्नी के आस-पास स्वस्थ वातावरण बनाये
पति को चाहिए कि अपनी पत्नी को किसी भी तरह के केमिकल के पास ना आने दें।
अगर गर्भवती पत्नी साफ-सफाई करना चाहती है तो उसे दस्ताने (gloves) ज़रूर पहनने को कहें।
पति को अपनी गर्भवती पत्नी के आस-पास स्वस्थ वातावरण बनाए रखना चाहिए।
4. समय-समय पर जांच करवाते रहे
अपनी गर्भवती पत्नी की समय-समय पर की जाने वाली जांच की ज़िम्मेदारी पति को खुद उठानी चाहिए।
ऐसा करने से गर्भवती महिला बहुत ज्यादा खुश हो जाती है और गर्भवती महिला का मनोबल बढ़ जाता है।
आपको अपनी पत्नी के साथ gynecologist से खुलकर बात करनी चाहिए और अपने मन में उठने वाले सवालों को खुलकर पूछना चाहिए।
5. पत्नी को गुस्सा ना दिलाए
गर्भवती पत्नी के सामने पति को ऐसी बातें करने से बचना चाहिए जिससे गर्भवती महिला को गुस्सा आ जाए और वह तनाव में आ जाए।
गर्भावस्था के दौरान अगर कोई भी गलती गर्भवती पत्नी से हो तो उसे डांटे नहीं।
गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला का व्यवहार बच्चों जैसा हो जाता है।
इसलिए गर्भावस्था के दौरान पति को धैर्य से काम लेना चाहिए।
6. सेक्स करने से बचे
अगर गर्भवती महिला को किसी भी तरह का कोई उलझन ना हो तो पूरी गर्भावस्था के दौरान शारीरिक संबंध बनाया जा सकता है, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से गर्भावस्था के शुरुआती 3 महीने एवं आख़िरी के 3 महीने सेक्स करने से बचना चाहिए।
पति की यह नैतिक ज़िम्मेदारी है कि गर्भावस्था के दौरान सेक्स करने से पहले gynecologist की सलाह ज़रूर लें और पत्नी की इच्छा के खिलाफ सेक्स बिल्कुल ना करें।
7. पत्नी को कोई तकलीफ़ ना हो इसका ख्याल रखे
पति को चाहिए कि गर्भवती पत्नी को किसी भी तरह की कोई तकलीफ़ ना हो।
अगर घर में तेज़ आवाज में TV या गाने चल रहा है तो उसे बंद कर दें।
गर्भावस्था के दौरान अपनी पत्नी को भावुक करने वाली फ़िल्में या TV serials ना देखने दें क्योंकि गर्भवती महिला के भावुक होने से शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
8. पत्नी को नशा ना करने दे
नशा करने से गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है।
बहुत से अनुसंधान में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि गर्भावस्था के दौरान ज्यादा नशा गर्भपात कर सकता है।
इसलिए अगर आपकी गर्भवती पत्नी smoking या शराब का सेवन करती है तो उसे ऐसा करने से रोके।
9. पत्नी को पालतू जानवर से दूर रखे
अपनी गर्भवती पत्नी को पालतू जानवर से दूर रखना चाहिए क्योंकि पालतू जानवर पर पाए जाने वाले जीवाणु संक्रमण पैदा करते हैं और किसी भी तरह का संक्रमण अगर गर्भवती महिला को होता है तो उसका असर शिशु पर बहुत बुरा पड़ता है।
दोस्तों अब आप ये तो जान ही गए होंगे कि जब पत्नी गर्भवती हो तो उनका ख्याल कैसे रखना चाहिए, तो चाहिए ये भी जान लेते हैं कि जब पत्नी गर्भवती हो तो वो खुद से कैसे अपना ख्याल कैसे रख सकती है।
गर्भावस्था के दौरान महिला अपना ख्याल कैसे रखे?
गर्भावस्था के समय पर एक माँ को अपने से ज्यादा अपने बच्चे की चिंता होती है।
ऐसे में आपको अपनी देखभाल करनी चाहिए तभी आप अपने बच्चे की भी देखभाल कर सकती हो।
एक गर्भवती महिला को पता होना चाहिए कि गर्भावस्था में अपनी देखभाल कैसे करनी चाहिए? क्या खाना चाहिए? डॉक्टर से कब मिलना चाहिये? हम आपको वो सब कुछ बताएँगे जो एक गर्भवती महिला को करना चाहिए।
शारीरिक रूप से देखभाल कैसे करे?
यहाँ हम आपको ये बताएँगे कि आप शारीरिक रूप से अपनी देखभाल कैसे कर सकती हो।
यहाँ पर हमने बहुत से उपाय बताए है, जिन्हें आपको पालन करना चाहिए।
1. उचित डॉक्टर को दिखाए
गर्भावस्था से लेकर delivery तक आपको उचित डॉक्टर से जांच करवाना चाहिए।
कोशिश करे कि आपके पति हर समय आपके साथ रहे और डॉक्टर की सलाह ले। एक महीने में कम से कम 2 से 3 बार अपना जांच करवाए और डॉक्टर से सुझाव लेते रहे कि अब क्या करना है।
कई महिलाएं डॉक्टर के पास कम जाती है और गर्भावस्था के समय पर डर जाती है कि ये क्या हो रहा है? ऐसा क्यों हो रहा है? जितना आप डॉक्टर के पास जाएँगे उतना ही आपको सहज और संतुष्टि महसूस होगी।
कोशिश करे कि अच्छे अस्पताल या क्लिनिक पर अपना इलाज करवाए।
2. पूरी नींद ले
डॉक्टर का मानना है कि गर्भावस्था के समय पर जितना हो सके उतना आराम करना चाहिए क्योंकि गर्भवती महिलाओ को थकान जल्दी लगती है।
जब गर्भवती महिला आराम कर रही होती है तो सबसे ज्यादा दिक्कत position set करने में आती है कि किस तरफ से सोना चाहिए।
गर्भवती महिला को हमेशा सीधा सोना चाहिए, ऐसे में आराम बहुत मिलता है।
अगर नींद की बात की जाए तो गर्भवती महिला को कम से कम 10 घंटे तो सोना ही सोना चाहिए।
3. ज्यादा काम ना करे
गर्भावस्था की हालत में जितना हो सके उतना आराम करे, काम करने की तो सोचिए भी मत।
अगर आप अपने परिवार के साथ रहती है तो फिर आपको काम करने की दिक्कत नही है, आपकी सासू माँ आपका ख्याल रखने के लिए जरूर होगी।
पर अगर आप अपने पति के साथ रहती है तो आपको थोड़ा दिक्कत हो सकती है, जैसे कि आपको पता है की आपके पति 24 घंटे आपके साथ नही हो सकते है क्योंकि उन्हे भी तो कम करनी है।
ऐसी स्तिथि में आप अपनी माँ को कुछ महीनों के लिए रहने के लिए बुला सकती हो।
4. वजन ना उठाए
बहुत सी महिलाएं गर्भावस्था में वजन उठाती है, अगर आप भी उठाती है तो कृपया वजन ना उठाए।
वजन उठाने से बच्चे को नुक्सान हो सकता है।
कई महिलाओ को वजन उठाने से पीठ में दर्द होता है।
तो कोशिश करे कि हल्का सा भी वजन ना उठाए, हो सके तो घर में किसी को वजन उठाने के लिए कहे।
5. सेक्स कर सकते है
बहुत सी माहियलो और पुरषो का व्यक्तिगत सवाल रहता है कि क्या गर्भावस्था में सेक्स कर सकते है? जी हाँ आप गर्भावस्था के समय पर सेक्स कर सकते है, सेक्स करने से महिलाओं को बहुत आराम महसूस होता है।
ध्यान रखे कि अगर आपकी पत्नी सेक्स करना नही चाहती है तो दबाव ना डाले और गर्भावस्था के सुरुवाती 3 महीने और आखिर के 3 महीने सेक्स करने से बचे।
6. स्वस्थ आहार ले
गर्भावस्था के समय पर आहार बहुत मायने रखती है, आप जो भी कुछ खायेंगी वो आपके बच्चे पर भी लगेगा।
तो आपको अपने आहार में सब्जी और फल का सेवन करना चाहिए।
कोशिश करे कि अपने आहार में जितना हो सके उतना प्रोटीन ले।
ध्यान रखे कि ज्यादा मसालेदार और snacks, drinks का सेवन ना करे, ये सब कुछ आपके लिए हानिकारक है।
7. Smoking और Drinking ना करे
गर्भावस्था के समय पर ना तो smoking करे और ना ही drinking।
ये सब आपके लिए हानिकारक है।
अगर आप दोनो चीजें करती है तो आपको ये छोड़ने में बहुत दिक्कत होगी वो भी गर्भावस्था के समय में।
गर्भावस्था के वक्त जो खाने का मन करता है और वो ना मिले तो आपको बैचेनी सी होने लग जाती है, ऐसे में आपको smoking और drinking ना पीना बहुत मुश्किल हो जाएगा पर आपको ये करना तो होगा ही।
अपने लिए नही तो अपने बच्चे के लिए ही सही।
मानसिक रूप से देखभाल कैसे करे?
शारीरिक तरीके से तरीके से तो आप अपनी देखभाल कर सकते हो पर मानसिक रूप से से देखभाल करना बहुत मुश्किल हो जाता है।
चिड़चिड़ापन और तनाव का होना आम बात है और ऐसे में relax होना बहुत मुश्किल है, पर tension ना ले हम इस भाग में कुछ उपाय बताएँगे जिससे आप मानसिक रूप से relax पा सकती है।
1. अपने इमोशनल को नियंत्रण में रखे
जब कोई भी महिला प्रेग्नेंट होती है तब कुछ दीनो के बाद उस महिला में चिड़चिड़ापन, इमोशनल और स्ट्रेस आ जाती है।
जिसे समझना बहुत मुश्किल है आप खुद भ्रमित हो जाओगे कि हो क्या रहा है।
ऐसे में मूड को समझना औरो को और खुद को मुश्किल हो जाता है।
तो अपने इमोशनल को नियंत्रण में रखे और हमेशा स्ट्रेस फ्री रहे।
2. योगा करे
योगा एक बेहतर तरीका है अगर आप चाहती है तनाव मुक्त होना।
डॉक्टर की माने तो सभी गर्भवती महिलाओ को योगा करना चाहिए।
इससे आपको बहुत अच्छा लगेगा और डीलिवरी के समय आपको दर्द भी कम होगा।
गर्भावस्था के समय पर हमेशा महिलाओं को कमर में दर्द रहता है क्योंकि वो इस position के भार को सह नही पाती, ऐसे में अगर आप योगा करती है तो आप कमर के दर्द से छुटकारा पा सकती है।
3. ताजी हवा ले
गर्भावस्था के समय पर ताजी हवा लेनी चाहिए, इससे आपका बच्चा और आप relax feel करोगे।
तजि हवा लेने के लिए आप सुबह में पार्क में घूम सकती है, नही तो शाम को एक चक्कर पार्क का लगा ले।
4. तनाव ना ले
गर्भावस्था के समय में तनाव ना ही ले तो अच्छा है, पर तनाव से पीछा छुड़ाना आसान नही है।
छोटी-छोटी बात पर tension और तनाव का होना आम बात है।
इससे पीछा छुड़ाने के लिए या तो आप योगा या ध्यान कर सकती है।
Meditation (ध्यान) का करना गर्भावस्था में थोड़ा मुश्किल हो जाता है पर आप योगा कर सकती है।
अगर आपकी पत्नी प्रेग्नेंट है तो इन 19 चीजों को जान लें
गर्भावस्था (pregnancy) के दौरान हमें कुछ चीजों का ध्यान देना बेहद जरूरी होता है, ये हमारे और हमारे पेट में पल रहे बच्चे की स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।
गर्भवती महिलाएं अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पाती और जिसका सीधा-सीधा असर उनके बच्चे पर पड़ता है।
ऐसे में हम कुछ बातों का ध्यान रख के अपने और अपने बच्चे की स्वास्थ्य की देखभाल कर सकते है।
अगर आप प्रेग्नेंट है तो आपको इन सभी बातों का ध्यान रखना होगा ताकि आगे चलकर कोई समस्या न आए।
1. बिल्ली से दूर रहे
गर्भावस्था के दौरान बिल्लियों से दूरी बनाए रखें।
अगर बिल्लियाँ पाली हुई है, तो उनके संपर्क में न रहे।
जिस box में वो बैठती है, आप उसकी सफाई खुद न करे।
बिल्ली में मल में Toxoplasmosis की आशंका रहती है, उससे फैलने वाली parasites गर्भपात (miscarriage), मृत बच्चे के जन्म और कई बीमारियों के साथ जन्म लेने का खतरा पैदा करती है।
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2. Smoking न करे
भले आप smoking करती हो, पर गर्भावस्था के दौरान इसे पूरी तरह त्याग दें।
सिगरेट पीने वाली महिलाओं का गर्भपात हो जाता है।
समय से पहले पैदा हुआ शिशु का जन्म होता है।
3. Smoking करने वालो के संपर्क में न रहे
एक बात का ख्याल रखें कि न तो सिगरेट पीना है और न ही सिगरेट पीने वाले के संपर्क में ही रहे।
दोनों ही स्तिथि में नुकसान महिला और उसके बच्चे को ही पहुंचता है।
4. शराब से दूर रहें
इस दौरान शराब को हाथ न लगाए, चाहे किसी समारोह में गई हो।
इसका असर अजन्मे शिशु पर पड़ता है।
इससे गर्भ में शिशु fetal alcohol syndrome का शिकार हो जाता है और मंदबुद्धि और आनुवांशिक रोगों से पीड़ित हो सकता है।
उसका nervous system नष्ट हो सकता है।
ऐसे बच्चे का cleft lip यानी जन्म से ही होठ कटा हुआ होता है।
उनकी आँखें और दिल में दोष होता है।
चेहरे के अलावा अंगों के system में अधूरापन हो सकता है।
कोई भी दवा डॉक्टर से बिना परामर्श किए न ले।
5. Microwave का इस्तेमाल न करें
Microwave का ज्यादा इस्तेमाल करने पर उससे होने वाले radiation का असर शिशु पर पड़ता है।
उसके विकसित हो रहे दिमाग और अंगों पर खराब प्रभाव पड़ता है।
गर्भवती महिला microwave से दूर ही रहे, इसी में उसकी और बच्चे की बेहतरी है।
6. मोबाइल का इस्तेमाल ज्यादा न करें
जो महिला गर्भावस्था के दौरान मोबाइल फ़ोन का ज्यादा इस्तेमाल करती है, उसके बच्चे व्यवहार संबंधी समस्याओं के साथ पैदा होते है।
मोबाइल के संपर्क में ज्यादा रहने से उससे होने वाले radiation body-mind और गर्भ प्रभावित करता है।
7. X-ray न कराये
इस अवस्था में x-ray बिल्कुल न करे। इसके नुकसान तुरंत नहीं पता चाहते, पर गर्भ को इसकी ray प्रभावित करती है।
डॉक्टर और dentist को बता दे की आप गर्भवती है और इस बात को ध्यान में रखते हुए ही वे इलाज करे।
अगर x-ray बच्चा होने तक टाला जा सकता है, तो x-ray न कराए।
8. घर का काम संभल कर करें
घर में ही मौजूद कई चीजें महिला के लिए जोखिमभरा हो सकता है।
अगर हर काम अपने आप करती है, तो cleaner, thinner और paint जैसे पदार्थों से दूर ही रहे। इनकी तेज chemical के गंध से गर्भावस्था में उलझन पैदा होती है।
गर्भावस्था के पहले 3 महीने में शरीर का तापमान नियमित रहना जरूरी है, वरना बच्चे के जन्म के समय दोष आ जाता है।
अगर गर्भावस्था के दौरान की जाने वाली exercise कर रही है, तो पानी और juice पीती रहे।
इससे शरीर का तापमान संतुलित रहेगा।
इसका ध्यान न रखने पर शरीर ज्यादा गर्म हो जाती है, जिससे बच्चे को नुकसान पहुंचता है।
इस दौरान ज़्यादा गरम पानी से न नहाए और न ही sauna-bath ले।
Pregnancy में क्या खाए? गर्भावस्था में क्या खाना चाहिए?
गर्भावस्था (Pregnancy) के शुरुवाती दीनो में क्या खाना चाहिए और क्या नही खाना चाहिए ये बातें अक्सर नयी-नयी बनने वाली माँ को बहुत ज्यादा परेशान कर देती है।
अक्सर महिला रिश्तेदारों या डॉक्टर की सलाह लेते हुए कई बार गर्भवती महिला बहुत ज्यादा तनाव में आ जाती है कि उसे आखिर क्या खाना चाहिए और क्या नही खाना चाहिए।
इसलिए हम आज आपके लिए लाए है कुछ ऐसे आहार (foods) जिसे आप गर्भावस्था के शुरुवाती दीनो में खा सकते है।
1. ताजा फल – Fresh fruits
ताजे फल का सेवन करना ना सिर्फ़ आपके गर्भावस्था के समय पर बल्कि पूरे साल करना भी बहुत अच्छा माना जाता है।
ताजे फलो के अंदर कुछ ऐसे तत्व होते है जो हमारी शरीर को अच्छे से काम करने के लिए प्रोत्साहित करते है।
अगर आप गर्भावस्था के शुरुवाती दीनो में है तो आपको फलो का सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए।
2. कच्चा दूध न पिए
वैसे तो कच्चे दूध के अंदर बहुत भारी मात्रा में vitamins और minerals पाए जाते है और कहा जाता है कि लोगो को बिना उबले ही कच्चे दूध का सेवन करना चाहिए, क्योंकि उबालने से उसकी शुद्धता खत्म हो जाती है।
लेकिन जब बात हो गर्भावस्था के शुरुवाती दीनो की तो गर्भवती महिला को गलती से भी कच्चे दूध का सेवन नही करना चाहिए।
ऐसा करने से उसे काफी समस्या हो सकती है।
इसलिए अगर आप गर्भावस्था के शुरुवाती दौर में है तो दूध को अगर आपको सेवन करना है तो उसे उबालने के बाद ही उसका सेवन करे।
3. अंडा – Egg
कई महिलाएं ऐसी होती है जिन्हे अंडा बहुत पसंद होता है, लेकिन अगर आप गर्भावस्था के शुरुवाती दीनो में है तो आपको कच्चे अंडे या फिर आधे पके हुए अंडे का सेवन बिल्कुल नही करना चाहिए।
आपको ये पता होगा कि अंडा बहुत ही गरम होता है, इसलिए अगर आप अंडे का सेवन करना चाहती है तो पहले अपने डॉक्टर से परामर्श कर ले।
4. Cheese
सभी तरह के cheese और paneer हानिकारक नहीं होते, इसलिए अगर आपको cheese या फिर paneer खाने का मन करे तो आप एक बार अपने dietician से जरुर consult कर ले।
5. Fruit juice
दुकान से खरीदा हुआ fruit juice बहुत ही ज्यादा preservative के साथ बनाया जाता है क्योंकि दुकानदार को उसे बहुत दीनो तक store करके रखना होता है, इसीलिए अगर आप गर्भावस्था के शुरुआती दीनो में fruit juice पीना है तो घर पर ताजे फलो का रस निकालकर पिए।
Market से खरीदा हुआ fruit juice का सेवन ना ही करे तो आपके लिए अच्छा है।
Pregnancy के दूसरा सप्ताह किन-किन बातों का ख्याल रखना जरूरी है?
गर्भवती होने के बाद महिला के शरीर में कुछ अलग बदलाव होना शुरू हो जाती है।
इसके परिणाम हमें शरीर के बाहर भी दिखाई देने शुरू हो जाते हैं। पहले सप्ताह में जो लक्षण दिखाई देते हैं वही लक्षण दूसरे सप्ताह में भी मौजूद रहते हैं।
ऐसे में महिला को थकान, बुखार, हाथ-पैरों में सूजन और सर में दर्द आदि की शिकायत बनी रह सकती है।
गर्भावस्था के दूसरे सप्ताह होने वाले लक्षण
गर्भावस्था का दूसरा सप्ताह शुरू होते ही महिला के हॉरमोन में भी तेजी से बदलाव आते है, इसी दौरान अंडे का ovary से बाहर आने का समय शुरू होने लगता है और भी इसी प्रकार के कई और लक्षण भी हमें दूसरे सप्ताह में दिखाई देते हैं।
गर्भवती महिला के दूसरे सप्ताह में महिला में गर्भ में भ्रूण के जीवन की शुरुआत हो जाती है।
दूसरे सप्ताह में हो सकता है कि कई बार आपके पैरों या पेट में ऐंठन भी हो सकती है।
ये सप्ताह ovary में बने अंडे के बाहर आने का समय होता है।
अगर महिला को जुड़वा बच्चे की संभावना होगी तो ovary में दो अंडे बनेंगे और दोनों क ही साथ इस समय ovary से बहार आयेंगे।
याद रखे कि शुरू-शुरू के सप्ताह में गर्भवती महिला में कोई विशेष लक्षण दिखाई नहीं देते लेकिन शुरुआती सप्ताह सबसे ज्यादा अहम होता है किसी भी प्रकार की लापरवाही से गर्भपात होने की आशंका बढ़ सकती है।
डॉक्टर से संपर्क करे
अगर आपको अपने गर्भवती होने में कोई समस्या हो तो दोसतोर से सलाह जरूर लेनी चाहिए जिस से सुनिश्चित हो जाए कि आप गर्भवती हैं अथवा गर्भावस्था के लक्षण में अगर महिला की बच्चेदानी बढ़ने लगे और पेशाब की थैली पर दबाव बढ़ने से ज्यादा पेशाब आने लगे तो यह महिला के गर्भवती होने का सबसे महत्वपूर्ण लक्षण है।
आइए जानते है कि दूसरे सप्ताह में महिला को कौन से आहार लेने चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए।
गर्भवती हो जाने के बाद महिला को चाहिए की वह खान-पान पर ज्यादा ध्यान रखे।
सामान्य खाना खाने की बजाय महिला अपनी आहार में फल, सब्जियां अथवा low fat दूध का इस्तेमाल कर सकती हैं।
गर्भावस्था में क्या ना खाए?
1. कच्चा दूध ना पिए
दूध में याद रखे कि महिला को गर्भवती हो जाने के बाद ठंडा या कच्चा दूध पिने से बचना चाहिए, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान खाया हुआ आहार आपके भ्रूण पर भी असर करता है।
इसलिए ऐसा आहार न लें जिससे की भ्रूण को किसी तरह का नुकसान हो।
2. मांस-मछली न खाए
गर्भावस्था में महिला को मांस और मछली के सेवन से परहेज करना चाहिए।
अगर non-veg खाने के मन हो तो पहले डॉक्टर से जरूर पूछ लेना चाहिए। फ्रीज में रखा कई दिनों का खाना खाने से महिला को परहेज करना चाहिए।
कुछ भी कच्ची, बासी अथवा ठंडी चीज के सेवन से गर्भ में पल रहे बच्चे पर विपरीत असर पड़ सकता है।
गर्भवती महिला को डॉक्टर की सलाह ले कर व्यायाम जरूर करना चाहिए इससे महिला गर्भावस्था में भी स्वस्थ रह सकती है और सबसे महत्वपूर्ण किसी भी महिला के लिए यह है कि उसे गर्भावस्था में अच्छी नींद लेनी बहुत जरूरी है।
थोड़ी सी सवाधानी और देखभाल के जरिए न सिर्फ सुरक्षित तौर पर गर्भावस्था की जटिलता को कम किया जा सकता है बल्कि एक स्वस्थ बच्चे को भी जन्म दिया जा सकता है।
जब गर्भवती (pregnant) महिला सही से खाना नहीं खाती तो क्या होता है?
गर्भवती महिला और उसके पेट में पल रहे शिशु के अच्छे स्वास्थ्य के लिए गर्भवती महिला को संतुलित भोजन ग्रहण करना बहुत जरूरी है।
गर्भवती महिला के शरीर को सही पोषण नहीं मिलने पर गर्भवती माँ एवं उसके शिशु की स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
जब गर्भवती महिला सही से खाना नहीं खाती तो उसे बहुत सी तरह की मानसिक बीमारियां होने का खतरा रहता है।
कई मामले ऐसे भी होते हैं जिनमे संतुलित आहार के ग्रहण न करने पर शिशु की रीड की हड्डी (back bone) का विकास सही से नहीं हो पाता है, तो कई मामलों में यह भी देखा गया है कि गर्भवती महिला द्वारा संतुलित आहार नहीं ग्रहण कर पाने के कारण पेट में पल रहे शिशु के सीखने की क्षमता कमजोर हो जाती है।
अगर आप गर्भवती हैं तो आपको अपने खान-पान में विशेष ध्यान देना जरूरी है क्योंकि कुपोषित माता के पेट में पल रहे शिशु की मृत्यु भी हो सकती है।
1. पेट में पल रहा बच्चा कमजोर होगा
अगर आप संतुलित भोजन ग्रहण नहीं करती हैं तो आप कमजोर और कम वजनी शिशु को जन्म देंगी और सभी जानते हैं कि कम वजन का या कमजोर शिशु आगे चलकर कई बिमारियों का शिकार हो सकता है।
कुपोषित माता द्वारा जन्म दिये गए शिशुओं में से अधिकतर की मौत 3 वर्ष आयु में पहले ही हो जाता है।
2. बच्चे का विकास नहीं होगा
जब कोई गर्भवती महिला सही से भोजन नहीं करती है तब उसके पेट में पल रहे शिशु का विकास बहुत धीमी होता है क्योंकि संतुलित भोजन ना करने की वजह से vitamins और अन्य पौषक तत्वों की कमी हो जाती है।
3. Premature baby का जन्म लेना
गर्भवती महिला को पहले के 3 महीने में 2200 calorie की जरूरत होती है तो दूसरे तिमाही में 2300 calorie और तीसरे तिमाही में 2500 calorie की जरूरत होती है।
गर्भवती महिला सही से भोजन नहीं करती है तब शरीर में जरूरत से कम calorie जाती है जो गर्भावस्था में बहुत नुकसानदायक होता है।
कम calorie के सेवन से और vitamins की कमी से शिशु समय से पहले जन्म ले लेता है।
गर्भवती महिला को रोजाना कम से कम चार बार भोजन करना चाहिए।
अगर कोई महिला ऐसा नहीं करती है और उचित आहार का सेवन नहीं करती है तो उसके पेट में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है।
अगर कोई गर्भवती महिला उचित calcium का सेवन नहीं करती है तो शिशु गर्भवती माँ के दाँतों और हड्डियों से calcium प्राप्त करता है जिसकी वजह से गर्भवती माँ arthritis या osteoporosis की शिकार हो सकती है।
शुरुआती pregnancy में folic acid की बहुत जरूरत होती है, जो गर्भवती महिला अपने खान-पान पर ध्यान नहीं देती हैं उसके शरीर में folic acid की कमी हो जाती है जिसकी वजह से तंत्रिका tissue संबंधित विकार उत्पन्न हो जाते हैं।
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