अगर आपके मन में ये उलझन है कि अगर आप हिन्दी में ब्लॉग बनाना चाहते है तो आपके ब्लॉग की भाषा हिन्दी होगी या हिंगलिश। आपकी ये उलझन आज हम दूर करने की कोशिश करेंगे और जानेंगे कि आपके ब्लॉग की भाषा क्या होना सही रहेगा।
हिन्दी ब्लॉग कितने तरह के होते है?
1. हिन्दी भाषा ब्लॉग
जिस ब्लॉग का मुख्य भाषा हिन्दी होती है यानी कि जो ब्लॉगर अपने ब्लॉग पर सिर्फ हिन्दी भाषा का इस्तेमाल करते है उसे हिन्दी भाषा ब्लॉग कहा जाता है।
उद्धरण के लिए: मेरा नाम रवि साव है और मैं आपको ये बताऊंगा कि जिस ब्लॉग में सिर्फ हिन्दी भाषा का इस्तेमाल होता है उसे हिन्दी ब्लॉग कहते हैं, जो की एक देवनागरी भाषा है। तो आपको स्पष्ट हो गया कि हिन्दी ब्लॉग में अ, आ, क, ख, ग, घ.. अक्षरों के इस्तेमाल से ब्लॉग लिखा जाता है। हमारा ब्लॉग भी हिन्दी ब्लॉग ही है।
2. हिंगलिश ब्लॉग
जिस ब्लॉग की मुख्य भाषा हिन्दी होती है पर उस ब्लॉग में हिन्दी की जगह हिंगलिश का इस्तेमाल करते है। यानी की हिन्दी लिखने केलिए English अक्षरों का इस्तेमाल करना। उदाहरण के लिए: अगर मैं मेरा नाम रवि साव है इसको हिंगलिश में लिखूंगा तो ये होगा Mera naam Ravi Saw hai. हम whatsapp, फेसबुक और सभी सोशियल नेटवर्किंग पर हिंगलिश में ही मैसेजिंग करते है।
3. हिन्दी और हिंगलिश ब्लॉग
जिस ब्लॉग में हिन्दी और हिंडलश भाषा का इस्तेमाल हो। ऐसे ब्लॉग में हिन्दी आर्टिकल होते है लेकिन उनके बीच-बीच में इंग्लिश के शब्द इस्तेमाल होता है। उदाहरण के लिए: मेरा नाम Ravi Saw है और मैं आपको ये बताऊंगा कि जिस blog में सिर्फ हिन्दी भाषा का use होता है उसे हिन्दी blog कहते हैं, जो की एक देवनागरी भाषा है।
अब आप सबको स्पष्ट हो गया होगा कि अगर आपको हिन्दी में ब्लॉग बनाना है तो आप 3 तरह से आप आर्टिकल को प्रकाशित कर सकते है।
अब सवाल ये आता है कि हिन्दी या हिंगलिश किस भाषा में ब्लॉग बनाना फायदेमंद होगा?
इस सवाल का जवाब आपके पास ही है। अपने कभी गूगल पर सर्च किया है, अगर किया है तो आपको पता होगा कि जब भी कोई इंसान गूगल पर सर्च करता है तो वो a,b,c,d,e .. अक्षरों को ही इस्तेमाल करता है। मतलब की इंग्लिश में टाइप करके को गूगल पर सर्च करता है।
अगर आपको कुछ चीज के बारे में सर्च करना हो तो आप कभी भी उसे हिन्दी में टाइप करके सर्च नही करोगे, आप उसे हिंगलिश या फिर इंग्लिश में टाइप करके सर्च करते हो।
पर क्या सर्च एंजिन आपके हिन्दी ब्लॉग को समझ सकता है?
गूगल पर ज्यादातर सर्च इंग्लिश या फिर हिंगलिश में ही होते है, और गूगल आपके सर्च को बेहतर तरीके से जानता है कि आप किस भाषा में टाइप करके सर्च कर रहे हो। गूगल हिन्दी और हिंगलिश को अलग-अलग स्तर पर देखता है। पर वो समझता यही है की ये दोनो हिन्दी भाषा ही है। इसे समझने के लिए हमने गूगल translator की मदद ली और translator पर mera naam kya hai टाइप किया, गूगल ने ये समझ लिया की ये भाषा हिन्दी है।
आप गूगल पर कुछ भी हिंगलिश में टाइप करो वो उसे हिन्दी ही समझेगा।
इसे हम इस उदाहरण के जरिए बेहतर तरीके से समझ सकते है, अगर हम गूगल पर सर्च करते है duniya ka sabse amir aadmi, तो हमें परिणाम कुछ इस तरह नजर आएँगे।
अगर इसी को हम हिन्दी में सर्च करे तो ज्यादा कुछ अंतर नजर नही आएगा।
निष्कर्ष
आप हिन्दी में ब्लॉग बनाओ या हिंगलिश में गूगल उसे हिन्दी ही समझेगी। यानि कि गूगल हिन्दी को ज्यादा महत्व दे रहा है। अगर कोई व्यक्ति हिन्दी या फिर हिंगलिश में कुछ सर्च करता है तो इसका मतलब साफ है कि वो व्यक्ति को हिन्दी आती है और वो हिन्दी में आर्टिकल पढ़ सकता है। और यही वजह है कि आज आप कुछ भी हिंगलिश में सर्च करो तो सबसे पहले हिन्दी वाले वेबसाइट या ब्लॉग नजर आते है.
इसलिए अगर आपको ये चिंता सता रही है कि हिन्दी में ब्लॉग बनाया जाए या हिंगलिश में तो हमारा सुझाव यही है की आप हिन्दी में ब्लॉग बनाओ।
अगर आपके मन में कुछ सवाल है तो आप हमें कमेंट के जरिए पूछ सकते हो। HAPPY BLOGGING
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