ब्लॉग बनाने की एक वजह होती है और अपने ब्लॉग के जरिए earning करना ही सबसे बड़ी वजह है जिसके चलते लोग ब्लॉग बनाते है। पर क्या आपको लगता है कि सिर्फ earning के लिए ही ब्लॉग बनाए जाता है। ज्यादातर लोग तो बस यही सोचते है कि कैसे ब्लॉग के जरिए अच्छी कमाई हो जाए तो लाइफ सेट है, लेकिन उन ज्यादातर लोगों में से ही बहुत कम ऐसे लोग है जो ब्लॉग्गिंग तो करते ही है लेकिन ब्लॉग्गिंग करना उनका जूनून है। ऐसे लोग ब्लॉग्गिंग के जरिए अपनी सोच और अनुभव शेयर करने का काम करते है, उन्हे ना तो earning की चिंता होता है ना ही ब्लॉग ट्रैफिक की, वो तो बस अपने ब्लॉग्गिंग पर लगे रहते है।
और जो लोग बिना किसी उम्मीद के लगातार ब्लॉग्गिंग करते है उन्हे सफल ब्लॉगर और अपने ब्लॉग के जरिए earning करने से कोई रोक नही सकता। लेकिन दुख की बात ये है कई ऐसे लोगों की संख्या ना के बराबर है, इसलिए आज हिन्दी ब्लॉग में जीतने भी सफल ब्लॉगर है उनको आप उंगलियों पर गिन सकते हो।
मेरे कहने का मतलब ये है कई हिन्दी ब्लॉग्गिंग में competition है ही नही क्योंकि ज्यादातर लोग तो earning और ब्लॉग ट्रैफिक के पीछे ही भाग रहे है और उन्हे ब्लॉग्गिंग करने से कोई मतलब ही नही है। वो बस यही सोचते है कि कैसे मुझे गड़ा हुआ खजाना मिल जाए और में रातों रात अमीर हो जाऊं।
अब आप सोच रहे होंगे कि मैं ये सब आपको क्यूँ बता रहे हूं, ऐसा इसलिए क्यूंकी ये सच्चाई है। अगर आपने अपना एक मोटिवेशनल ब्लॉग बनाया है तो कभी आपने ये सोचा है कि आपके ब्लॉग का कॉंपिटिटर कौन-कौन है, शायद 2 ब्लॉग होंगे या फिर 10 ब्लॉग या फिर 50 ब्लॉग। मैं गॅरेंटी के साथ कह सकता हूं कि आपके ब्लॉग का कॉंपिटिटर 30 से ज़्यादा हो ही नही सकता।
और अगर आप उन 30 कॉंपिटिटर ब्लॉग को compete करते हो तो आप आगे निकल जाओगे।
मैने एक आर्टिकल प्रकाशित किया था कि अगर ब्लॉग्गिंग में सफलता पानी है तो खुद को सक्सेस्फुल ब्लॉगगेर समझो, आप उस आर्टिकल को जरूर पढ़े ताकि आपके मन से वो सभी संदेह साफ हो जाए जिसके वजह से आप अपने ब्लॉग्गिंग में ध्यान केंद्रित नही कर पा रहे।
लेकिन सबसे पहले ये समझना होगा कि ब्लॉग्गिंग में competition होने की वजह क्या है?
मैं ये नही मानता की ब्लॉग्गिंग में competition है, खास कर हिन्दी ब्लॉग पर तो competition है ही नही। लेकिन कुछ ब्लॉगर competition को अलग ही नजरिए से देखते है। जैसे –
ब्लॉग की ट्रैफिक इंप्रूव ना होना- ब्लॉग ट्रैफिक इंप्रूव ना होने की वजह से ज्यादातर ब्लॉगर निरास हो जाते है और उन्हे ये लगता है कि ब्लॉग्गिंग हमारे बस की बात नही। लेकिन अगर इसी को आप positively लोगे तो 6 महीने, 1 साल या फिर 2 साल के बाद आप खुद देख सकते हो कि आपके ब्लॉग पर ट्रैफिक कितने इंप्रूव हो गये है। मतलब कि आपको लगातार ब्लॉग्गिंग करना ही होगा।
Adsense approve ही नही हो रहा – कुछ लोगों का ये मानना है कि अगर ब्लॉग Adsense के लिए approve नही हो रहा तो ब्लॉग्गिंग में बहुत competition है। पर ऐसा नही है, अगर आपका ब्लॉग Adsense के terms and condition को follow करती है तो आपको Adsense approvel मिल जाता है।
- Adsense approve नहीं होने की वजह क्या है?
इंटरनेट पर पहले से बहुत से पोस्ट है – ब्लॉग बनाने के बाद उलझन ये होती है कि किस विषय पर पोस्ट लिखा जाए और जब हम इंटरनेट पर देखते है तो हमें वो सभी विषय पर हज़ारों पोस्ट मिल जाते है जिसपर हम पोस्ट लिखने वाले है। और यही उलझन से लगता है की ब्लॉग्गिंग में बहुत competition है।
ब्लॉग के जरिए earning ना होना – अगर आप अपने ब्लॉग के जरिए अच्छी earning नही कर पाते हो तो आप समझ लेते हो कि ब्लॉग में सफल होना आसान काम नही और आप इसे competition के हिसाब से लेने लगते हो।
अब आप भी सोचते होंगे कि क्या सच में हिन्दी ब्लॉग्गिंग में competition है या नही तो चलिए आपको इसके बारे में डीटेल में बताते है।
हिन्दी ब्लॉग में Competition है?
अगर बात की जाए हिन्दी ब्लॉग में competition की तो सबसे पहले ये जानना होगा कि लोग अपना हिन्दी ब्लॉग क्यूँ बनाते है। आपको ये तो पता ही होगा कि ज्यादातर लोग अपना ब्लॉग इसीलिए बनाते है कि वो अपने ब्लॉग के जरिए earning कर सके और Adsense के जरिए earning हो।
आज से 6 साल पहले की अगर बात की जाए तो हिन्दी ब्लॉग इंटरनेट पर लगभग ना के बराबर थी, मुझे याद है कि उस समय में जब में कुछ भी इंटरनेट पर सर्च करता था तो सर्च रिजल्ट में ज्यादातर इंग्लिश वेबसाइट ही नजर आते थे। मुझे तब लगता था कि हिन्दी वेबसाइट और ब्लॉग की कितनी कमी है, उस समय मुझे ब्लॉग्गिंग के बारे में उतना पता नही था।
लेकिन 2014 के बाद की बात की जाए तो हिन्दी ब्लॉग और हिन्दी वेबसाइट की मानो आँधी आ गई है, और इसकी वजह एक ही है वो है Adsense हिन्दी भाषा को सपोर्ट करने लगा। अब जो ब्लॉग और वेबसाइट 6 साल पहले से लोगों को हिन्दी में जानकारी दे रही थी वो ब्लॉग Adsense के लिए एलिजिबल हो गयी और उनकी earning भी शुरू हो गई।
Overall dekOverall देखा जाए तो 2014 में जब Adsense ने हिन्दी भाषा को approvel दिया तब से ही हिन्दी ब्लॉग बनने लगे। मैं ये नही कहता कि 2014 से पहले हिन्दी ब्लॉग इंटरनेट पर नही थे, लेकिन इतने भी नही जीतने 2014 के बाद बनने लगे है। आज के समय में लाखों हिन्दी ब्लॉग बन रहे है और इसकी बस एक ही वजह है Adsense.
अब आप ही सोचिए कि सही मायने में हिन्दी ब्लॉग की संख्या 2014 से ही इंप्रूव हुई है। और इन 6 सालों में आप खुद अंदाज़ा लगा सकते हो की हिन्दी ब्लॉग पे कितना competition होगा।
जिन्होंने अपना ब्लॉग 2014-2016 के बीच में बनाया है और जो लगातार ब्लॉग्गिंग कर रहे है वो आज के समय में Adsense के जरिए अच्छी earning कर रहे है। में उन लोगों को बात नही कर रहा जो अपने हिन्दी ब्लॉग के जरिए लाखों रुपए कमा रहा है, में उन लोगों की बात कर रहा हूं जो अपने ब्लॉग के जरिए 10000-30000 तक कमा रहे है, और इनकी सांख्य भी लाखों में है। जिसका हम अंदाजा नही लगा सकते।
तो दोस्तों इतना तो आप समझ ही गये होंगे कि 2014 के बाद से हिन्दी ब्लॉग्गिंग में competition शुरू हुई है, लेकिन कभी आपने ये सोचा है कि ये competition आखिर है क्या? चलिए एक उदाहरण के जरिए समझते है।
एक newbie blogger की सोच?
जब से Adsense हिन्दी भाषा को approve करने लगा है तब से ऑनलाइन पैसे कमाने का हवा चलने लगी है, लोग अपना फ्री ब्लॉग बनाने लगे है और Adsense approve करने में लग जाते है उन्हे competition से कोई मतलब नही वो सिर्फ अपने ब्लॉग से earning करना चाहते है।
ज्यादातर लोग ऐसा ही करते है वो सिर्फ और सिर्फ Adsense के जरिए earning करना चाहते है इसलिए उन्होने अपना ब्लॉग बनाया है। अब आप ही अंदाजा लगा सकते हो कि ऐसे लोगों की संख्या कितनी होगी जो सिर्फ अपने ब्लॉग के जरिए earning करने के लिए ब्लॉग बनाते है। लगभग सभी लोगों को अपने ब्लॉग के जरिए earning करनी है। और यही सबसे बड़ी वजह है की हिन्दी ब्लॉग में competition है ही नही।
लेकिन हाँ अगर आज से 2-4 साल बाद कि बात की जाए तो हिन्दी ब्लॉग में जरूर competition हो जाएगी। ऐसा इसलिए है क्यूंकी आज जीतने भी नए ब्लॉग बन रहे उनका main मकसद सिर्फ earning करने का है और उन्हे ब्लॉग्गिंग से कुछ लेना देना नही है, लेकिन अब धीरे धीरे लोगों को समझ में आ रहा है की ब्लॉग बनाने के बाद directly earning पर ध्यान नही देना है और जब लोग इसके बारे में समझने लगते है तब हमें एक कॉंपिटिटर मिल जाता है।
वैसे चिंता करने की जरूरत नही क्यूंकी-
- आज ज्यादातर जीतने भी ब्लॉग बन रहे वो सिर्फ Adsense approve करने के लिए ही अपना ब्लॉग बनाते है।
- उनमें से बहुत कम का Adsense approve हो जाता है और ज्यादातर लोग ब्लॉग्गिंग से छोड़ देते है।
- और जिनका Adsense approve हो गया है को earning के चक्कर में अपने ब्लॉग को ही बर्बाद कर देते है।
- अच्छी earning न होने की वजह से लोग ब्लॉग्गिंग करना छोड़ देते है।
और यही मैं वजह है की हिन्दी ब्लॉग पे competition नही है।
और ये competition सही मायने में 2-4 साल बाद शुरू होगी, जब इंटरनेट पर ऐसे ब्लॉग की संख्या बढ़ेगी जो earning के अलावा अपने ब्लॉग पर फोकस करेंगे।
आखिर में मैं आपसे एक बात जरूर कहूँगा कि अगर आज आपने अपना ब्लॉग बनाया है और आप 2 साल तक एक ही विषय पर ब्लॉग्गिंग करोगे तो मैं 100% गॅरेंटी के साथ कह सकता हूं कि आपका ब्लॉग सफल जरूर होगा और आपके ब्लॉग को बहुत से लोग फॉलो भी करेंगे।
दूसरों की अपेक्षा यदि आपको
‘सफलता’ देर से मिले…
तो निराश नहीं होना चाहिये।
क्योंकि ‘मकान’ बनने से ज्यादा
समय ‘महल’ बनने में लगता है ! 🙂
HAPPY BLOGGING
Masha Allah Bemisaal likhaa hai jnaab…..
Bahut hi Achha Article share kiya hai Aapne Ravi bhaaijaan.
puri post hi knowledgeable hai.
Ek baar fir se dil se Aapko Thank you ….☺☺
Thanks sandeep bhai, keep visiting s2b
बिल्कुल सही कहा आपने जो लोग ब्लॉगिंग पर फॉक्स करते हैं उनके लिए किसी भी प्रकार का compaction नहीं है
Ji puran bhai
Apka no dijiye what’s app ka ya mujhe msg kijiye aap…
Humne apna whatsapp number diya hua hai aa haamre blog ko check kare.
Wow!! Nice content!!
Thanks bhai keep visiting S2B
@ravi ji, aapne isme competition or blogging me success dono ko sath lekar chala…really awsome post