गरीबी एक अभिशाप- निबंध

गरीबी एक अभिशाप- निबंध, Hindi essay: इस संसार में उजाला है, तो अंधेरा भी है। फूलों के साथ कांटे भी हैं। यहाँ अमीरी है, तो गरीबी भी है। मुंबई और दिल्ली जैसे शहर में जहाँ अमीरों की भव्य कोठियाँ, इमारतें और बंगले हैं, वहाँ लाखों झोपड़ियां भी हमें दिखाई पड़ती हैं।

गरीबी की आग में झुलसती जिंदगी के उदाहरण रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों में भी मिलते हैं। गरीब भीलनी शबरी ने बेर खिलाकर श्रीराम का स्वागत किया था। गुरु द्रोणाचार्य अपने पुत्र अश्वत्थामा को दूध के अभाव में आटे का घोल देने पर विवश हुए थे। भीषण दरिद्रता से त्रस्त होकर ही सुदामा मित्र श्री कृष्ण के पास द्वारिका गए थे।

गरीबी दुर्भाग्य का सबसे दर्दनाक पहलू है। गरीबों को टूटे-फूटे घरों या झोपड़ियों में रहना पड़ता है। बरसात में टपकती छत उनके भाग्य में लिखी हैं। तन ढकने के लिए उन्हें मामूली कपड़ों से ही गुजारा करना पड़ता है। भोजन के नाम पर वे किसी तरह पेट भर लेते हैं। कई बार उन्हें भूखे भी रहना पड़ता है। बिजली के पंखों के अभाव में उनकी गर्मियां बिलबिलाते हुए ही बीतती हैं। जाड़े की कड़कड़ाती ठंड का मुकाबला उन्हें बिना कंबल या रजाई के ही करना पड़ता है।\

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गरीबी प्रगति के दुश्मन है। गरीब माता-पिता चाहकर भी अपने बच्चों को ऊँची शिक्षा नहीं दिला पाते। बच्चे कुछ बड़े हुए नहीं कि उन्हें कहीं मेहनत-मजदूरी के काम में लग जाना पड़ता है। बाल-मजदूरी पर रोक लगाने पर भी दुनिया में कड़ोरों बच्चे खतरनाक उद्योगों में काम पर लगे हुए हैं। बचपन की मौज-मस्ती से उनका परिचय ही नहीं हो पता।

बीमारियाँ गरीब और अमीर में भेद नहीं करती। अमीरों के लिए तो महँगे इलाज भी संभव हैं, पर गरीबों के लिए बीमार होना सचमुच एक अपराध सिद्ध होता है। महँगी दवाइयाँ और महँगे डॉक्टर उनकी पहुँच से बहुत दूर हैं।

अपराध के कीड़े गरीबी की गंदगी में तेजी से पनपती हैं। गरीबी की मार लोगों को चोरी, डकेती, लूटपाट, हत्या, अपहरण, तस्करी, नशीले पदार्थों का सेवन आदि अपराधों के लिए प्रेरित करती है। गरीब माँ-बाप के लिए अपनी बेटियों के हाथ पीले करना टेढ़ी खीर है। धन के अभाव में अच्छे वर की वे कल्पना तक नहीं कर सकते। दहेज की बलि पर चढ़ने वाली वधुएँ प्राय: गरीब घरों की ही लड़कियाँ होती हैं।

गरीब सब जगह अपेक्षित और तिरस्कृत होता है। सभी जगह ठुकराया जाना ही उसकी नियति है। सचमुच, गरीबी एक भीषण अभिशाप है। ‘ गरीबी हटाओ ‘ का नारा कब सफल होगा?

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