गर्भपात क्यों होता है और कैसे इससे बचा जाए?

गर्भपात क्यों होता है और कैसे इससे बचा जाए?

90 दिनों तक या इससे पहले गर्भाशय से अगर गर्भ बाहर आ जाए तो उसे गर्भपात यानी miscarriage कहते हैं। Medical science के अनुसार अगर पहले तीन महीने में ही गर्भाशय से गर्भ बह जाए, तो उसे miscarriage और दूसरे तीन महीनों तक, यानी 6 माह में गर्भ बाहर आ जाए, तो उसे abortion कहते हैं और 9 महीने से पहले गर्भ बाहर आ जाए तो उसे premature birth कहते हैं।

जिस महिला को 3 या उससे अधिक बार गर्भपात हो जाते हैं, उसे habitual abortion कहते हैं। प्राकृतिक रूप से गर्भ का गिरना miscarriage कहलाता है। गर्भपात यानि miscarriage का खतरा शुरुआती 20 हफ्ते यानि कि शुरू के 5 महीनों में ज्यादा रहता है।

इसलिए गर्भावस्था के शुरुआती 20 हफ्तों में ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। Miscarriage के बहुत से कारण होते हैं जिनमें कुछ को टाला जा सकता है और कुछ को नहीं। कम उम्र की गर्भवती महिला को miscarriage होने का खतरा ज्यादा रहता है। ये वे महिलाएं होती हैं जिनकी शादी नाबालिक उम्र में कर दी जाती है।

नाबालिक महिला का शरीर शिशु को जन्म देने के लिए पूरी तरीके से तैयार नहीं होता है, यहीं वजह है कि जिसके कारण नाबालिक गर्भवती महिला एवं शिशु दोनों को जान का खतरा रहता है।

अगर आप गर्भवती हैं या गर्भवती होना चाहती हैं या miscarriage की समस्या से परेशान हैं तो आपको miscarriage जैसी समस्या से बचने के लिए miscarriage के लक्षणों के बारे में जानन बहुत जरूरी है, क्योंकि कई बार महिला को पता नहीं होता कि वह गर्भवती हैं और miscarriage हो जाता है तो आइए जानते हैं miscarriage के लक्षण क्या हैं।

गर्भपात के लक्षण – Symptom of miscarriage

Miscarriage के अनेकों लक्षण होते हैं यह जरूरी नहीं है कि miscarriage के लक्षण सभी महिलाओं में सामान हों।

Miscarriage का एक प्रमुख लक्षण vaginal discharge है, जिसमें गहरे लाल रंग या भूरे रंग की bleeding होती है जो 7 से 8 दिनों तक रहती है। लेकिन कई महिलाओं में गर्भावस्था के पहले के 3 महीने vaginal discharge हल्की मात्रा में होती है जो सामान्य समस्या है।

अगर आपको गर्भावस्था के शुरुआत में vaginal discharge होता है तो सुरक्षा की दृष्टि से आपको अपने gynecologist से संपर्क करना चाहिए।

गर्भपात क्यों होता है? Miscarriage क्यों होता है?

अगर गर्भावस्था में पेट के निचले हिस्से में ज्यादा दर्द होता है तो इसे miscarriage का लक्षण माना जाता है। पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द का मतलब भ्रूण निष्कासित होने की जानकारी होती है। कई बार गर्भावस्था के दौरान पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द के साथ-साथ पेट में ऐठन, सांस लेने में तकलीफ आती है।

इसलिए अगर गर्भावस्था के दौरान आपको अपने पेट या पीठ के तेज दर्द को मामूली नहीं समझना चाहिए और अपने doctor से जल्द contact करना चाहिए। अगर गर्भावस्था के शुरुआत में आपको तेज संकुचन (contraction) होता है जो बर्दाश्त के लायक नहीं तो यह miscarriage का लक्षण हो सकता है। यह संकुचन प्रति 5, 10 या 15 मिनट के दौरान लगातार होता है यह संकुचन अक्सर प्रसव के दौरान महसूस किया जाता है।

अगर गर्भावस्था के पहले 3 महीने में आपको संकुचन महसूस होता है तो आपको जरुर अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला का वजन अचानक कम होने लगे तो यह miscarriage का लक्षण हो सकता है।

बहुत सी महिला इस लक्षण को नजरअंदाज कर देती है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान अचानक वजन का कम होना आगे चलकर बड़ी समस्या का रूप ले सकता है। 80% miscarriage unusual chromosome के कारण होता है। यह जरूरी नहीं है कि यह समस्या genetic हो इसमें miscarriage जल्दी नहीं होता बल्कि इसमें कई हफ्तों का समय लगता है जिसमें भ्रूण की मृत्यु हो जाती है।

अगर गर्भावस्था के दौरान पेशाब (urine) करने में दर्द महसूस होता है तो यह miscarriage का लक्षण हो सकता है। अगर भ्रूण की heartbeat और movement में लगातार कमी आती है तो miscarriage होना तय है।

Miscarriage क्यों होता है? गर्भपात होने के अनेक कारण होते हैं, जैसे –

  • महिला का 16 वर्ष से कम की उम्र होना और पुरुष की 25 वर्ष से कम की उम्र में से-क्स करना
  • दौड़ धुप करना
  • रस्सी कूदना
  • खेलकूद में सक्रियता से भाग लेना
  • उछलना-कूदना
  • Pregnancy में कमर कसकर कपड़े पहनना
  • से-क्स की अधिकता
  • अत्यधिक व्यायाम या शारीरिक श्रम करना
  • भरी चीजें उठाना
  • ऊंचाई पर चढ़ने की कोशिश में गिरना
  • तेज प्रकृति की एलोपैथिक
  • आयुर्वेदिक दवाइयां खाना
  • पेट और कहीं चोट लगना
  • उबड़-खाबड़ रास्ते पर यात्रा करना
  • रात में अधिक जागना और दिन में अधिक सोना
  • अधिक गर्मी, धुप और आग के संपर्क में आना
  • क्रोध, चिंता, शोक, भय जैसे मानसिक तनाव पहुँचाने वाले कारण
  • पोषक पदार्थों का सेवन न करना
  • गर्भाशय की विकृतियाँ
  • अधिक उपवास करना
  • शराब जैसे मादक द्रव्यों का अधिक सेवन
  • हृदय और रक्त के रोग होना

गर्भपात होने के पूर्व, कमर, गर्भाशय, कूल्हे और उदर में दर्द होने लगती है और योनी मार्ग से रक्त भी आने लगता है। कहा गया है कि चिकित्सा से बेहतर बचाव करना होता है।

यदि गर्भपात की आशंका हो तो क्या करे?

  • महिला को पूर्ण आराम करने दें और उसे हिलने-डुलने न दें
  • उस पर शारीरिक और मानसिक भार न पड़ने दें
  • पैरों के नीचे तकिया लगाकर ऊँचा रखें और तब तक ऐसी अवस्था में रखें, जब तक रक्तस्राव बंद न हो जाए।
  • रक्तस्राव बंद हो जाने के बाद ही आराम से उठे।
  • भोजन हल्का, digestible और soft दें  योनी और पेडू पर बर्फ से भीगा कपड़ा या बर्फ के पानी की थैली रखें।
  • चाय, कॉफी जैसे उत्तेजक पदार्थ सेवन न करने दें।
  • डॉक्टर की सहायता प्राप्त कर गर्भपात होने से बचने का पूरा प्रयत्न करें।

आज आपने क्या जाना?

आज हमने जाना कि miscarriage क्यों होती है और इसकी जवाह और लक्षण क्या है, साथ में ये भी जाना कि अगर आपको लगे कि गर्भपात होने वाला है तो क्या करना चाहिए। अगर आपको हमसे कुछ पूछना हो तो comment कर सकते हो और अगर आपको हमारा आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरुर share करे ताकि उन्हें भी इसके बारे में जानकारी हो सके। धन्यवाद

Ravi Saw

रवि साव एक पेशेवर blogger हैं! वे एक इलेक्टिकल इंजिनियर थे पर blogging करने की रूचि ने उन्हें acchibaat.com बनाने कि प्रेरणा दी. इस वेबसाइट के जरिये वे रिश्तों कि जानकारी और बारीकियों के बारे में बताते हैं ताकि आपका रिश्ता जीवन भर खुशहाल रहे. साथ में रवि जी इस वेबसाइट पर टेक्निकल से संबंधित जानकारियां भी प्रकाशित करते हैं.

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