इस समय जो संकट कद (height) छोटा होने का चल रहा है उसका लाभ उठाने के लिए कोई भी प्राणी पीछे रहने को तैयार नहीं. इनमें कुछ ऐसे स्वार्थी तत्व शामिल हो गए हैं, जो धन कमाने के लोभ में अंधे होकर, बेमतलब की दवाइयाँ बेचे जा रहे हैं. उनके विज्ञापन (advertisement) कुछ इस प्रकार के होते हैं कि उसे पढ़ते ही छोटे कद वाले यह महसूस करने लगते हैं कि इस दवाई से उनका कद लंबा हो ही जाएगा. जैसे मैंने एक विज्ञापनकर्ता, एक आधे-अधूरे डॉक्टर का विज्ञापन पढ़ा, जो इस प्रकार से था –
30 दिन में कद लंबा होने की गारंटी, हमारे पास जर्मन, अमेरिका, इंग्लॅण्ड के प्रसिद्ध डॉक्टरी की कुछ ऐसी दवाइयाँ हैं, जिन के उपयोग से आप 30 दिन में शर्तिया कब लंबा कर सकते हैं.
अथवा ऐसा विज्ञापन भी होता है –
” छोटे कद वाले निराश नहीं, हमारे पास साधू-संयासियों द्वारा तैयार किए गए देशी जड़ी-बूटियों के अनमोल नुस्खे हैं. जिनके सेवन से आपका कद 1 फूट तक शर्तिया बढ़ सकता है. एक बार आजमा कर देखें. “
इस प्रकार अनेकों विज्ञापन हमारे देश में आधे-अधूरे डॉक्टर छपवा कर खूब धन कम रहे हैं. इस में कोई संदेह नहीं कि जो रोगी होते हैं, वह मन से दुखी होते हैं. यदि वो दुखी न भी हो तो लोग उन्हें दुखी कर देते हैं. उदाहरण के लिए मैं आपको कुछ ऐसे ही लोगों के बारे में बताता हूं.
एक प्राणी जिनका कद छोटा था. जैसे ही जवान हुए तो उन्होंने अपनी शिक्षा भी अच्छे नुम्बरों से पूरी की थी. BA करने के बाद उन्होंने नौकरी की तलाश शुरु की.
लेकिन! नौकरी तो अच्छे खासे लोगों को जब नहीं मिलती तो इन छोटे कद वाले लोगों को कौन पूछता था. उन्हें इस बात का गर्व था कि उन्होंने प्रथम श्रेणी से BA पास किया है. उन्हें तो हंस कर हर स्थान पर नौकरी मिल जाएगी.
मगर वे जैसे ही नौकरी के लिए निकले, तो हर स्थान पर उन्हें इसलिए ठुकरा दिया गया कि उनका कद (height) छोटा है.
कुछ स्थानों पर तो उन्हें ऐसी भी आवाजें सुनने को मिली –
- ठिंगु जी, आप कहां नौकरी की तलाश में भटक रहे हो, आप के लिए तो कुर्सी भी नहीं बनी है. इस कुर्सी पर यदि आप बैठोगे तो आप कुर्सी के बीच में ही दब कर रह जाओगे, बाहर से आने वाले तो आपको देख भी नहीं पाएंगे.
- अरे मिया कहां दफ्तर में चले आए कहीं विकलांगों के स्थान पर जाकर अपने लिए जगह तलाश करो.
- अरे आदमी न आदमी की जात, कर रहे हैं नौकरी की तलाश.
ऐसे ही अनेक व्यंग उस बेचारे को सुनने पड़े, नौकरी तो क्या मिलनी थी, हर स्थान पर उसका मज़ाक उड़ाया गया.
पुलिस में भारती होने गये तो छोटे कद (height) होने के कारण उन्हें वहां से निकाल दिया गया. यही नहीं, चपरासी की नौकरी के योग्य उन्हें नहीं समझा गया.
निराश, चिंता, दुख, बेकारी के सिवा उन्हें कुछ न मिला, तो कद (height) बढ़ाने वाले डॉक्टर के जाल में जा फंसा – मरता क्या न करता.
यह संसार उम्मीद पर ही चल रहा है. हर सुबह की पहली किरण आशा का संदेश लेकर आती है. उन्हें कद (height) बढ़ाने का विज्ञापन पढ़ते ही यह आशा हो गई थी कि अब तो इस दवाई के खाते ही उनका कद बढ़ जाएगा. बस फिर उन्हें नौकरी मिल जाएगी. लेकिन ऐसा कहां संभव था. यह सब तो केवल विज्ञापन की बातें थी. इस विज्ञापन के द्वारा सैंकड़ो रूपए की दवाइयाँ ठिगु जी ने खरीद कर खा लीं.
” लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात “
भला इन दवाइयों से भी कद (height) बढ़ते हैं? यह तो केवल कुछ लोगों ने धन कमाने का साधन बना रखा है. मजबूर लोगो की मज़बूरी का लाभ उठाना हम भारतवासी खूब जानते हैं. कुछ लोग तो इस काम मैं ऐसे लगे हैं कि कंगालों से कड़ोरपति बन गए हैं.
कल तक फूटपाथ पर बैठ कर जो मर्दाना कमज़ोरी की दवाइयाँ बेचते थे, आज sex specialist हो कर डॉक्टर बन गए हैं – मर्दाना कमज़ोरी, गुप्त रोग, विवाहित आनंद से वंचित लोगों का इलाज करने के बड़े-बड़े विज्ञापन छपवा कर देश के भले-भाले लोगों को ठग कर उन्होंने कड़ोरो रूपए कमा लिए. धन कमाने का यह सबसे सरल साधन किसको बुरा लगता है?
चाहे वह कद बढ़ाने के विज्ञापन से कमाया जाए अथवा मर्दाना कमज़ोरी और गुप्त रोग के इलाज द्वारा. हमारे ठिंगु जी जैसे लोग बेचारे दुखी होकर लुटते रहेंगे. वे लोग यह सोचने का कष्ट नहीं करते कि यदि इन दवाइयों से कद बढ़ सकते होते, तो बड़े-बड़े धनवान लोग जो छोटे कद के हैं, वह क्यों न अपना कद लंबा कर लेते ?
- क्या आप जानते है कि संसार का सबसे बड़ा विजेता “ नेपोलियन ” केवल 5 फूट का ही ठिंगु आदमी था. जिसने सारी दुनिया पर अपनी विजय के झंडे गाड़ दिए हैं.
- यही नहीं साम्यवाद को इस संसार में पहली बार रूस जैसे बड़े देश में लाने का श्रेय लेनिन जैसे महान क्रन्तिकारी को जाता है जिसका कद केवल 5 फूट 2 इंच था.
- प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी जिसने क्रिकेट इतिहास में सबसे अधिक रिकॉर्ड तोड़ कर अपना नाम क्रिकेट के शिखर पर पहुँचाया. उनका कद भी सब खिलाड़ियों से छोटा यानि 5 फूट 2 इंच है. इसी छोटे कद के कारण उन्हें लिटिल मास्टर के नाम से याद किया जाता है.
अब आप यह तो जान गए होंगे कि इतने बड़े-बड़े लोगों के पास धन का अभाव नही होता, यदि ये लोग चाहते तो बड़े से बड़े डॉक्टर से अपना इलाज करवा कर अपने ठिगने कद को बड़ा कर सकते थे.
परन्तु ऐसा नही हुआ.
” आखिर क्यों ? “
यही सोचने की बात है. इससे यह बात तो स्पष्ट हो जाती है कि दवाइयाँ खाने से कद नहीं बढ़ सकता. अब प्रश्न उठता है कि –
यदि दवाइयाँ खाने से कद नहीं बढ़ सकते तो फिर कद बढ़ाने का और कौन सा रास्ता है ?
इस प्रश्न का सीधा उत्तर तो यही है कि कद बढ़ सकता है, लेकिन इसके लिए सबसे पहले माँ-बाप को अपनी ज़िम्मेदारी को महसूस करना होगा.
यह भी बात मत भूले कि बच्चों के अनेक रोग केवल माँ-बाप की लापरवाही के कारण ही पैदा होते हैं. उनमें कद (height) छोटा रहने का रोग प्रमुख है.
आज आपने क्या जाना?
आज आपने जाना कि क्या दवाइयों से height बढती है या नहीं, और हमें पूरी उम्मीद है कि आपको आपके सवालों के जवाब मिल चूका होंगे. अगर आपको हमसे कुछ पूछना हो तो comment जरुर करे और जानकारी अच्छी लगी हो तो इस लेख को अपने दोस्तों के साथ भी जरुर share करें ताकि उनके मन कि शंका भी दूर हो सके. धन्यवाद
- कद (Height) बढ़ाने के लिये क्या खाए? कद बढ़ाने के 10 food
- 18, 21 और 25 उम्र के बाद Height को कैसे बढ़ाये?
- क्या धुम्रपान करने से height नहीं बढ़ती?
- जल्दी height कैसे बढाए?
- height बढ़ाने के लिए क्या खाए ?