पढाई-लिखाई

रूपया बोलता है- निबंध

रूपया बोलता है- निबंध, Hindi essay: जी हाँ, मैं रूपया हूं। मैं आदमी के दिमाग की उपज हूं। मेरा जन्म होने के बाद मनुष्य के आर्थिक लेन-देन में क्रांति आ गई। चीजों को खरीदना-बेचना आसान हो गया। दुनिया ने मुझे तांबे, चांदी और सोने के रूप में देखा है। एक दिन की बादशाहत में एक […]

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मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना- निबंध

मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना- Hindi essay: आजकल आए दिन धर्म के नाम पर होने वाले संघर्षों के समाचार अखबारों में आते रहते हैं। कहीं अलग-अलग धर्म मानने वाले लोगों के बीच दंगे भड़क रहें हैं। कहीं एक ही धर्म के भिन्न-भिन्न संप्रदाय आपस में टकरा जाते हैं। इसका कारण अपने-अपने धर्म या

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समय का महत्व- निबंध

France का सम्राट नेपोलियन बोनापार्ट एक महान विजेता था, लेकिन वाटरलू के युद्ध (Battle of Waterloo) में वह अंग्रेजों से बुरी तरह हार गया। उसकी इस हार का मुख्य कारण था उसके एक सेनापति का मदद के लिए आधा घंटा देर से पहुंचना। अगर सही समय पर नेपोलियन को मदद मिल गई होती, तो वह

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परिश्रम सबसे बड़ा गुरु- निबंध

प्रकृति का संदेश है कि आप उसके नियमों का पालन करके सुख और प्रसन्नता के उपहार को प्राप्त करें। प्रकृति आपको कहती है कि मैंने संघर्ष करने के लिए ही आपको सुदृदता प्रदान की है। उसी ने आपको कठिनाइयाँ सहने का सामर्थ्य दिया है ताकि आप ऐसा चरित्र बनाए, जिससे आपको महान उद्देश्यों की प्राप्ति

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दहेज प्रथा एक अभिशाप- Hind essay

दहेज प्रथा एक अभिशाप- हिंदी निबंध: तीन शब्द से बने ‘ दहेज़ ‘ का अर्थ है – विवाह के अवसर पर कन्या पक्ष की ओर से वर पक्ष को दिया जाने वाला धन और सामान। भारत में दहेज़ प्रथा का आरम्भ कब हुआ और कैसे हुआ यह तो निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता

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नारी और शिक्षा- निबंध

नर और नारी वो दो पहिये है, एक के भी अभाव में पूरे समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती, कोई भी समाज तभी विकास कर सकता है जब दोनों सामान रूप से शिक्षित हो। शिक्षा का नारी जीवन में बहुत ज़रुरी है एक कुशल गृहिणी होना अनिवार्य है, शिक्षा ना सिर्फ नारी को

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मेरा प्रिय खिलाड़ी- निबंध

मेरा प्रिय खिलाड़ी- निबंध, Hindi essay: महानता के फूल प्रत्येक क्षेत्र में खिलते हैं। खेलों की दुनिया में भी अपनी खुशबू फैलाने वाले लाजवाब फूलों की कमी नहीं है। आज क्रिकेट जगत में महकते फूलों में सचिन तेंडुलकर एक बहुत ही लोकप्रिय नाम है। सचिन के बिना भारतीय टीम अधूरी लगती है। पाँच फुट चार

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जहाँ चाह है वहाँ राह है- निबंध

चाह का मतलब है – प्रबल इच्छा या महत्वाकांक्षा। मानव-शक्ति की कहीं-न-कहीं सीमा होती है। इसलिए मनुष्य जितना सोच सकता है, उतना कर नहीं सकता। उसकी सारी इच्छाएं कभी पूरी नहीं हो सकती। उसकी वे इच्छाएं ही पूरी होती हैं जिनके पीछे उसके मन की शक्ति होती है। जब आदमी की चाहत उसका इरादा बन

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मेरे प्रिय शिक्षक (अध्यापक)- निबंध

मेरे प्रिय शिक्षक (teacher)- निबंध, Hindi essay: अपने छात्रजीवन में मुझे अनेक शिक्षकों से स्नेह तथा मार्गदर्शन मिला है, लेकिन इन सबमें सुरेंद्र शर्मा मेरे प्रिय अध्यापक रहे हैं। सचमुच, उनके जैसा अपार ज्ञान, असीम स्नेह और प्रभावशाली व्यक्तित्व बहुत कम अध्यापकों में पाया जाता है। शर्माजी का कद लंबा और रंग गोरा है। उनकी

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विज्ञान- वरदान या अभिशाप? निबंध

आज का युग विज्ञान के आविष्कारों और चमत्कारों का युग है। जीवन के हर एक क्षेत्र में विज्ञान ने क्रांति कर दी है। बिजली की खोज विज्ञान की एक बहुत बड़ी सिद्धि है। बिजली आज हमारा भोजन पकाती है, कमरा साफ करती है, पंखा चलाती है, प्रकाश देती है। अनेक कारखाने उसी की उर्जा से

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