रूपया बोलता है- निबंध
रूपया बोलता है- निबंध, Hindi essay: जी हाँ, मैं रूपया हूं। मैं आदमी के दिमाग की उपज हूं। मेरा जन्म होने के बाद मनुष्य के आर्थिक लेन-देन में क्रांति आ गई। चीजों को खरीदना-बेचना आसान हो गया। दुनिया ने मुझे तांबे, चांदी और सोने के रूप में देखा है। एक दिन की बादशाहत में एक […]