आत्म सुधार

हमारा कर्तव्य और व्यवहार कैसा होना चाहिए?

मानव एक सामाजिक प्राणी है। सामाजिक प्राणी के लिये व्यवहार की महत्ता होती है। व्यवहार का पालन और सूक्ष्म स्वरूप है वाणी। मानव के बोलने से ही उसका परिचय मिल जाता है। इसके बाद आता है व्यवहार। व्यवहार का क्षेत्र विस्तृत होता है और उसे मानवता की कसौटी कहा जा सकता है। व्यवहार से ही…

आत्म ज्ञान कहा मिलेगा? Self-Knowledge, in Hindi

केले के वट वृक्ष (banyan tree) की ओर देखो, एक राई के बराबर किसी बीज में छिपा बैठा था, पृथ्वी ने सहायता की, जल, अग्नि, वायु, आकाश ने उसे बढ़ने का समय दिया, कितना विशाल हो गया। मनुष्य में भी अनंत विशेष गुण हैं, यदि उसे ठीक समय मिलता चला जाए तो वह अनेक ब्रह्मांडो…

नाम का महत्व कितना जरुरी है? Importance Of NAME

आज कल के Newly Educated GENTLEMAN कहने लगते हैं कि नाम में क्या रखा है, कहीं मिठाई कहने से मुंह थोड़ी ही मीठा हो जाता है ? हम इसे अपने भाईयों से कहेंगे कि ज़रुर मिठाई के नाम लेने से मुंह नहीं मीठा होता, लेकिन खटाई और खटाईयों में भी ‘ निम्बू ‘ का नाम…

भाव और भगवान एक सच्ची कहानी

एक बार शंकराचार्य जी यात्रा पर जा रहे थे। तो उन्होंने एक गांव के किनारे देखा कि एक भक्त गीता सामने रखे रो रहा है। अश्रुधार बह रही है। कौतुहलवश वह वहां खड़े हो गए तो उन्होंने देखा कि बीच में वह गीता के श्लोक भी बोलता है परन्तु इस तरह से जैसे उसे संस्कृत…

क्या है जीवन मुक्ति का उपाय?

मौसम के बारे में जो भविष्यवाणियाँ होती है उसमें हमेशा यह लिखा रहता है अभी दो दिन और शीत पड़ने की संभावना है। यह नहीं होता कि उसमें यह लिखा हो कि दो दिन शीत और पड़ेगी। यह संभावना या अनिश्चितता ही प्रकृति का अभिन्न अंग है। प्रकृति में जो कुछ होता है उसमें हमेशा…

भगवान कहां है? भगवान कहां मिलेंगे?

सभी कहते है कि भगवान सभी जगह है, कण-कण में मौजूद हैं। संपूर्ण ब्रह्मांड में ओत-प्रोत है। हर जगह हर समय उनका ही वास है। पेड़-पौधों की हरियाली और हर प्रकार के सुन्दर फूलों के विकास में उसी की झलक है। लगातार बहने वाली नदियों और झरनों में, पक्षियों की मधुर कुक में और सुबह…

जहाँ प्रेम और क्षमा है वहां क्रोध नहीं होता

साधारण गणित में एक और एक दो हो सकते है लेकिन गुस्से के गणित में तो एक और एक ग्यारह ही होता है। मैंने भी गुस्सा किया है और उसके दुष्परिणाम देखे है। आपने भी अपने गुस्से के दुष्परिणाम ज़रुर ही देखे होंगे। हम सभी फायदे वाला व्यापार करना चाहते है, कोई मुझे बता सकता…

क्या पैसा ही सब कुछ है?

लोग कहते हैं कि बाप बड़ा ना भईया सबसे बड़ा रुपया। कई लोगों को लगता है कि ये बिलकुल सही है। वे कहते है कि आखिर पैसों से ही रोटी, कपड़ा और मकान ख़रीदा जा सकता है। समाज में पैसे के बारे में एक लेख में लिखा था ‘अगर उधार लेने के लिए पैसे का…

मौत से क्या डरना ये तो हमारा मित्र है – Death is our friend, in Hindi

हम पढ़ते है – “बड़े भाग मानुष तन पावा “। इस मनुष्य शरीर के साथ-साथ परमात्मा की महान देन जीवन का प्रत्यक्षीकरण होता है। मनुष्य शरीर की प्राप्ति (जन्म) और मृत्यु से जीवन का प्रारंभ व समाप्ति नहीं होती। जीवन और मरण तो इसके रात और दिन है। जन्म से मेरा जीवन शुरू नहीं होता…

बुजुर्गो को भी दें सम्मान – Give respect to the elderly, in Hindi

चेहरे पर अनुभवों की सिलवटें जब झुरियों के रूप में उभर आती है, तब जिंदगी काफी बदल जाती है। एक लंबा अनुभव साथ होता है, लेकिन उन अनुभवों को बाँटने के लिए उनके अपनों के पास समय ही नहीं होता। ऐसे में बुजुर्ग खुद को महत्वहीन समझते है। जबकि सच यही है कि उनका महत्व…