हमारा कर्तव्य और व्यवहार कैसा होना चाहिए?
मानव एक सामाजिक प्राणी है। सामाजिक प्राणी के लिये व्यवहार की महत्ता होती है। व्यवहार का पालन और सूक्ष्म स्वरूप है वाणी। मानव के बोलने से ही उसका परिचय मिल जाता है। इसके बाद आता है व्यवहार। व्यवहार का क्षेत्र विस्तृत होता है और उसे मानवता की कसौटी कहा जा सकता है। व्यवहार से ही…