बच्चे का दिमाग तेज करें इन 8 स्मार्ट तरीकों से

बच्चे कुछ भी याद नहीं कर पता तो जहर सी बात है कि माता-पिता यही सोचेंगे कि कैसे बच्चे का दिमाग तेज करें? कैसे उसे स्मार्ट बनाये. बच्चों की मासूमियत और चंचलता हम सभी को लुभाती है, लेकिन ऐसा भी न हो कि बच्चों की चंचलता इतनी भी न बढ़ जाए कि पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान ही न दें.

सभी माता-पिता चाहते है कि बच्चा पढ़ाई में सबसे आगे रहे, जिसके लिए बहुत ज़रुरी है कि बच्चा पूरी तरह ध्यान केंद्रित हो के पढ़ाई करे, क्योंकि ध्यान केंद्रित हुए बिना अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सकता. सफलता के लिए एकाग्रता ज़रुरी है. आज के technosavy युग में टीवी, मोबाइल, विडियो गेम जैसे चीजें आ गए है, जो बच्चे को विचलित करने के लिए काफी है.

इससे उनका ध्यान एक जगह नहीं टिक पाता. कई बार बच्चे के तंग करने पर हम ही इन्हें ये चीजें पकड़ा देते है और फिर शिकायत करते है कि बच्चे में न तो धैर्य है न तो एकाग्र होने की क्षमता.

जब बच्चा 1 से 3 साल का होता है. उसे दिखने वाले हर चीज नई प्रतीत होती है. इससे उसका ध्यान एक साथ अनेक चीजों पर होता है. वह इन चीजों और आसपास के वातावरण को समझने की कोशिश करता रहता है. इसलिए उसका ध्यान अलग-अलग चीजों में बटने लगता है.

3 से 7 साल के बच्चे में एकाग्रता बढ़ने लगती है. वह अपनी पसंद की चीजों पर ध्यान लगाना और नापसंद चीजों को नज़रअंदाज़ करना सिख जाता है. यही वह समय है, जब नीचे बताई गई कुछ गतिविधियों को करके खेल-खेल में ही बच्चे की समझने की क्षमता बढ़ाकर उसकी एकाग्रता बढ़ाई जा सकती है.

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बच्चों के दिमाग तेज करना है तो अपनाए ये 8 तरीके

बच्चे का दिमाग तेज कैसे करें? 8 स्मार्ट तरीके

1. स्मृति खेल (Memory Game)

  • इस खेल को खेलने के लिए बच्चों को चीजों, फलो, सब्जियों आदि के नाम पता होना चाहिए, तभी वे यह खेल खेल सकते है.
  • इस खेल के लिए table पर कुछ चीजें- पेन, पेंसिल, कॉपी, किताब या अन्य कोई भी चीज रखें. बच्चों को 30 सेकंड तक ध्यान से देखने के लिए कहें. बाद में वे चीजें हटा दें या उन्हें कपड़े से ढंक दें. अब बच्चें से उन चीजों के नाम पूछे.
  • यदि ज्यादा बच्चें खेल नहीं रहे हो, तो बच्चा पूरे नाम या ज्यादा से ज्यादा नाम बताए, उसे इनाम दें.
  • इसमें बदल-बदलकर कभी फल, सब्ज़ियाँ, खिलोनेवाले पक्षी, जानवर या घर की चीजें रखी जा सकती है, ताकि खेल में नवीनता आए.

इस खेल को खेलने से बच्चे में याद रखने और दिमाग केन्द्रित करने की क्षमता बढ़ती है.

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2. शब्द और अक्षर से गाना

  • बच्चे के सामने चित्र वाली या स्पेल्लिंग वाली किताब रखें. किताब में उसे कोई 1 चित्र या स्पेल्लिंग या कोई अक्षर या शब्द खोजने के लिए कहें. 30 सेकंड या चाहें तो उससे कम समय दें.
  • इसे दूसरी तरफ से भी खेला जा सकता है. कुछ चीजों की स्पेलिंग लिखें और जान-बूझकर एक शब्द न लिखें. बच्चे से वही मिस्सिंग वर्ड्स लिखने के लिए कहें. हाँ, समय अवश्य निर्धारित कर दें.
  • आजकल बाजार में ऐसे खेलों की किताबें मौजूद है. इस गतिविधि को घर बैठे के आसानी से करवाया जा सकता है.

मिस्सिंग चीजें / लेटर ढूंढने के लिए कम समय देने से बच्चे ज्यादा ध्यान से ढूंढते है. इससे उनका एकाग्रता बढ़ता है.

3. अंताक्षरी

  • गानों की अंताक्षरी तो सभी खेलते है, बच्चों के लिए अलग तरह की खेलें. अंताक्षरी किसी जानवर के नाम से शुरू करें. नाम के अंतिम अक्षर को बोले. दूसरा बच्चा उस अक्षर से नाम कहे, फिर उसके अंतिम अक्षर को चुनकर तीसरा बच्चा कोई नाम कहे, जैसे- कुत्ता, बिल्ली, चीटी आदि.
  • बच्चों को अंताक्षरी का अभ्यास होने के बाद, अंताक्षरी के प्रकार चुने. कभी जानवरों की, कभी पक्षियों की, कभी फल-सब्जियों, कभी लोगों के नामों की अंताक्षरी खेलें. बच्चे इससे बहुत आनंद करेंगे.

इस खेल में बच्चों को बहुत मजा आता है. चूंकि यह बहुत तेजी से फटाफट खेला जाता है, इसलिए यह बच्चें के मस्तिष्क को उत्तेजित और प्रोत्साहित करने का कार्य करता है.

4. खोया हुआ नंबर

इस खेल में नंबर बोले जाते है, जिसमे जान-बूझकर एक-दो नंबर छोड़ दिए जाते है. इसे ही बच्चे को पहचानना है. जैसे – 3, 4, 5, 7, 9. इसमें 6 और 8 मिस्सिंग है. यदि बच्चा नहीं पहचान पता, तो फिर से शुरू करें. अभ्यास होने पर 2 अंक 12 से 19 तक मिस्सिंग नंबर खेलें. इसके बाद tables – 2, 4, 6, 8 से अभ्यास करवाए. इससे सोचने, याद रखने और केन्द्रित करने की शक्ति बढ़ती है. बच्चों को तेजी से पहाड़े सिखाने का यह बहुत अच्छा तरीका है.

5. खोई हुई चीजें

बच्चे को कमरे की चीजें दिखा कर याद रखने के लिए कहें और उसे बाहर भेज दें. अब 1-2 चीजें हटा दें और उसे पहचानने के लिए कहें. इस खेल को खेलने से घर में या बच्चे के स्कूल बैग में एक भी चीज गुम हो जाए, तो बच्चे को पता चल जाता है. इससे याद रखने की क्षमता बढ़ती है.

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6. बोलने में कठिन शब्द

पहले आसान टंग ट्विस्टर, ‘कच्चा पापड़, पक्का पापड़‘ बोलने को कहें. जब बच्चें की ज़ुबान पलटने लगे, तो कठिन, ‘चंदु के चाचा ने चंदू की चची को चांदनी रात में चांदी की चम्मच से चटनी चटाई’. इसी तरह इंग्लिश टंग ट्विस्टर का अभ्यास करवाएं ‘she sells sea shells on the sea shore’. इस तरह के बहुत से टंग ट्विस्टर आपको मिल जायेंगे.

यह बहुत तेजी से कहना होता है. ग़लतियाँ होंगी, तो भी आपका बच्चा आनंद उठाएगा और सही कहने की पूरी कोशिश से ध्यान लगाएगा. इससे एकाग्रता के साथ-साथ उसका शब्द भंडार भी बढ़ेगा.

7. विपरीत शब्द

इस खेल में बच्चे को उल्टा कहना होता है, जैसे – मोटा-पतला, सुख-दुख आदि. इसे खेलने के लिए आपके बच्चे को विपरीत शब्द पहले से पता होना चाहिए. इससे एकाग्रता बढ़ने के साथ-साथ शब्दों की समझ भी बढ़ती है.

8. आवाज पहचानना

यह छोटे बच्चे के लिए बेहतर है. बच्चे को आँख बंद करने के लिए कहें, अब चिड़िया या जानवर की आवाज़ निकालें. इस तरह के केसेट भी बाजार या इंटरनेट में मिलते है. अब बच्चे को आवाज़ पहचानने के लिए कहें. चूंकि इस खेल में आँखें बंद होती है और ध्यान पूरी तरह से आवाज़ पर होता है, तो इससे एकाग्रता बढ़ती है.

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