pyar kya hai ishq kya hai? आपको किसी से प्यार हो गया है और आपका दिल किसी के लिए धड़कने लगा है तो ये खुशनुमा एहसास आपको अलग ही दुनिया में ले जाता है. किसी से love होना ऐसा है मानो सारी दुनिया आपके कदमो में हो, पर उन लोगों को इस एहसास का पता देर से चलता है जिन्हें पहली बार प्यार हुआ है और वो सोचते है कि pyar kya hai?
खामोश सा अफसाना एक लहर तेरे ख्यालों की, मेरे वजूद को भिगो जाती है.
एक बूँद तेरे याद की मुझे इश्क के दरिया में डुबो जाती है.
तू कौन है, पता नहीं पर देरी होने की खुशबू मुझे कुछ खास बना जाती है.
प्यार से जुड़े कई बातें हमें अक्सर जाने अनजाने जानने-पढ़ने को मिलती है और हम उसे ही आधार बनाकर अपनी एक राय कायम कर लेते है.
बिना ये जानने की कोशिश किये कि इन बातों में कितनी सच्चाई है. यहाँ हम प्रयास करेंगे प्यार से जुड़े कुछ myth और factor को जानने की, ताकि प्यार को बेहतर तरीके से महसूस कर पाए. प्यार होता क्या है?
सबसे पहले वो common myth love को लेकर ये है कि प्यार के बाद शादी इसलिए जरूरी है कि शादी से प्यार हमेशा बरक़रार रहता है.
यानि शादी प्यार को हमेशा के लिए जिंदा रखने का सबसे बेहतर उपाय है. हकीक़त में प्यार का मतलब होता है अपने मन की भावनाओं को व्यक्त करना, जबकि शादी एक सामाजिक प्रथा है, जिसके होने से प्यार बने रहने की कोई गारंटी नहीं मिलती.
प्यार अपने आप में एक पूरा एहसास है, जिसे पूरे होने के लिए या हमेशा बने रहने के लिए किसी प्रथा या बंधन से बंधने की जरुरत नहीं.
कहते है सच्चा प्यार अँधा होता है और उसने आपको अपने साथी को उसी रुप में अपनाना करना जरूरी है, जैसे वो है. लेकिन सच्चाई तो ये है कि जब हम किसी के करीब आते है तो उसके गलत व्यवहार से दुखी व उदास होते ही है, तब हो सकता है, प्यार का रिश्ता लम्बे समय तक बना न रहे.
अक्सर कहा जाता है कि रोमांस की गर्माहट बनाए रखने के लिए थोड़ी दूरी भी जरूरी है. लेकिन दूसरी तरफ सच्चाई यह भी है कि नज़रों से दूर होते ही मन से भी दूर होने में समय नहीं लगता, इसलिए कहा गया है Out Of Sight Is Out Of Mind.
प्यार के रिश्ते को बनाए रखने के लिए शारीरिक आकर्षण और सेक्स बहुत जरूरी है.
प्यार की वजह से शारीरिक आकर्षण हो सकता है, लेकिन प्यार सिर्फ सेक्स पर ही टिका हो, तो उसे खत्म होते देर नहीं लगती. प्यार एक emotional feeling है, इसे पूरी तरह शरीर से जोड़ना ही सबसे बड़ी गलती है.
Pyar kya hai ishq kya hai
प्यार में पैसा भी बहुत जरूरी है, ताकि अपने साथी को महँगे तोहफे से खुश रखा जा सके.
यह बात पूरी तरह गलत है, प्यार में आपसी समझ और देखभाल प्रकृति सबसे जरूरी है, बजाय भौतिक चीजों के.
प्यार और रिश्ते के गहराई बढ़ाने के लिए अतिरिक्त प्रयास बेहद जरूरी है. सबसे पहली बात तो ये है कि जहाँ अतिरिक्त प्रयास की जरुरत पड़े, वहां प्यार की गहराई हो ही नहीं सकती.
प्यार एक प्राकृतिक प्रक्रिया और एहसास है, जिसमे आप खुद-ब-खुद बहते चले जाते है और अपने रिश्ते के लिए जो भी करते है, वो प्राकृतिक तौर पर करते है. प्रयास करने पर ऐसा लगेगा आप ज़बरदस्ती कुछ कर रहे है.
रोमांस वही सच्चा होता है, जैसा किताबों और फिल्मों में दिखाया जाता है. ये भी बहुत बड़ी गलतफहमी है.
जरूरी नहीं कि आप filmy style में candle night dinner कर ‘ I Love You ‘ कहे या किसी हीरो की तरह हर बार फूलों का गुलदस्ता अपने साथी के लिए ले के जाए.
प्यार का मतलब होता है अपने साथी के साथ सहज और comfortable रहना.
Uncomfortable होने का मतलब आप show-off कर रहे है.
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प्यार कैसे होता है? Pyar kya hai? इश्क क्या है? मोहब्बत क्या है?
जब सारे रास्ते सिमट जाते है, तो कुछ मोड़ तनहा रह जाते है.
इन्तेजार में पड़े होते है कि कभी तो कोई मुसाफिर उन तक पहुँचेगा अपनी मंज़िल की चाह में.
दुनिया में इतने लोग होते है, ऐसे में क्या कारण है कि हमे कोई एक भाने लगता है और वो हमारे लिए special हो जाता है.
इनके पीछे एक कारण यह भी बताई जाती है कि हर कोई अपने level पर खुद से अधिक मजबूत व आकर्षक व्यक्ति की तरफ आकर्षित होता है.
अगर किसी को देख कर हमें ये लगता है कि यह हमारी देखभाल करेगा, हमारी रक्षा करेगा, हमारी भावनाओं को समझेगा, तो हम उसकी तरफ आकर्षित होते चले जाते है.
दूसरी कारण है हमारा रोमांस, यह बहुत बड़ी भूमिका निभाते है हमारे मन-मस्तिष्क को काबू करने में. जिंदगी की अलग-अलग मोड़ पर और अलग-अलग states में hormones कम या अधिक मात्रा में पैदा होते है. इन्ही की वजह से हम किसी की ओर आकर्षित होते है.
एक अनुसंधान के अनुसार, प्यार की तीन states होती है Lust (लालसा या वासना), Attraction (आकर्षण) और Attachment (जुड़ाव), ये different states हमारे रोमांस के बदलाव पर निर्भर करती है.
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1. वासना- LUST
यह पहली states होती है, जब हम किसी को देख के उसके प्रति physically attract होते है. ये state s*xual fantasy से अधिक जुड़ी होती है.
पुरुष और महिला दोनों को ही इस state के लिए s*x hormone testosterone और estrogen responsible होता है.
2. आकर्षण – Attraction
यह सबसे खूबसूरत state होती है, जिसमे अक्सर हम कहते है कि हमें प्यार हो गया है.
इस दौरान हम अपने साथी के ही ख्यालो में खोये रहते है और धीरे-धीरे emotionaly भी उनसे जुड़ने लगते है.
3. जुड़ाव – Attachment
यह सबसे आखिरी state है, जो एक मजबूत रिश्ते के लिए बहुत जरूरी है. वैज्ञानिकों के अनुसार, इस state में जो hormone main role निभाते है वो है – oxytocin और vasopressin यह दोनों ही hormone प्यार की feeling को बढ़ाते है.
अब सवाल ये उठता है कि सब hormone का ही खेल है तो क्यों हम हर किसी की ओर आकर्षित नहीं होकर किसी special की ओर ही प्यार की feeling महसूस करते है.
इसका जवाब है – सही combination. Hormone की सही combination जब किसी ओर के combination से मिलते है, तो उसी के प्रति प्यार और आकर्षण जन्म लेता है.
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प्यार में होता है क्या जादू. हल्की सी खुसबू, चंद बूंदे सबनम की, चाँद का थोड़ा सा नूर और दिल की धड़कनों का सरुर. इसी का नाम मोहब्बत है.
प्यार के जादू और चाहत की खुमारी तो वही समझ सकते है, जो कभी इसके मखमली एहसास से गुज़रे हो, लेकिन आप शायद जानते होंगे कि इस खलिश भावना से ओतप्रोत एहसास के कई मनोवैज्ञानिक, शारीरिक और सामाजिक पहलू भी हो सकते है.
क्या है ये पहलू, आइए जानते है –
4. मनोवैज्ञानिक पहलू – Psychological aspects
रिश्ते में प्यार एक मनोवैज्ञानिक पहलू है, यही कारण है कि किसी के भी दिमाग में प्यार की भावना जबरन नहीं डाली जा सकती.
किसी की तरफ आकर्षित होने के कई मनोवैज्ञानिक कारण हो सकते है, जैसे – किसी के साथ लम्बे समय तक समय बिताना, किसी से विचार और सोच मिलना, मानसिक और बौद्धिक स्तर पर समानता आदि.
मनोवैज्ञानिक सिद्धांत के आधार पर रोमांस दो तरह का हो सकता है – एक है compensate love और दूसरा है pensate love.
Compensate romance mutual harmony, caring-sharing और respect से जन्म लेता है, जबकि pensate romance bound होता है.
Pensate love धीरे-धीरे compensate romance व गहरे रिश्ते में भी change हो सकता है. बस, दो लोग की chemistry आपस में कितनी है, इस बात पर depend करता है.
5. शारीरिक आकर्षण – Physical attraction
Love और romance की शुरुआत attraction से ही होती है. यह बहुत ही natural है की स्त्री-पुरुष mutual attract होते ही है, लेकिन वो हर किसी के प्रति attract नहीं होते और जिनके प्रति होते है, वह भी attraction की intensity कम-ज्यादा हो सकती है.
वो उसके प्रति अधिक attractively से अधिक attractive लगता है, वो उसकी प्रति अधिक attract होते है.
किसी के mind में किसी के beauty की जो image बनती है, वो उसके प्रति attraction feel करता है. Beauty की definition के आधार पर लोग अपने अनुसार अपनी पसंद determine करते है.
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6. सामाजिक पहलु – Social aspects
मनुष्य सामाजिक प्राणी है और society भी उसे love करना और family बनाने कीdirection में inspire करता है.
कोई भी बच्चा starting से अपने आसपास व family में भी स्त्री-पुरुष के relation को देखता है और जब वो teenage में पहुँचता है, तो hormone के changes व अपने previous experience के आधार पर स्त्री-पुरुष relation को एक partner व need की तरह लेता है.
ऐसे में किसी से love करना उसके लिए बहुत ही natural process है. कभी-कभी अकेलेपन का feeling भी एक partner की जरूरत को जन्म देता है.
ये सभी reason mutual attraction का कारण बनकर love के रुप में convert हो सकती है.
असल में प्यार क्या है? जाने प्यार का मतलब
हेलो फ्रेंड केसे हो, आप लोगो का फिर से स्वागत है हमारे ब्लॉग पर और आज हम love के बारे में बात करने जा रहे है की, “प्यार क्या है”.
अगर हम आपसे पूछे की “प्यार क्या है?” तो आप 2 मिनिट के लिए सोच मे पड़ जाओगे की, “हा यार असल मे प्यार है क्या”.
दोस्तो प्यार को आप लिख कर नहीं बता सकते और ना ही आप शब्दों मे बया कर सकते हो. दोस्तो प्यार को महसूस किया जा सकता है, ना की बताया जा सकता है.
प्यार एक ऐसा अहसास है जो 2 लोगो को आपस मे जोड़ता है और पूरी दुनिया से अलग करता है.
आपको प्यार ईज़िली किसी से भी हो जाता है पर एक बारी आप प्यार मे पढ़ गये तो बाहर निकल पाना बहुत मुश्किल हो जाता है.
जो इंसान प्यार मे पढ़ गया उसके लिए जिंदगी के सभी दुख, सुख, रिश्तेदार, दोस्त, नीड्स एक तरफ और प्यार एक तरफ है.
अगर प्यार की बात करे तो दोस्तो प्यार बहुत अलग अलग types के होते है जेसे की :- दोस्तो के साथ प्यार, अपने आपसे प्यार, फैमिली से प्यार etc etc.
तो ऐसे मे प्यार को बता पाना मुस्किल है. नीचे हमने ऐसे ही बहुत सारे बाते बताए है जिसके बारे मे आपको पता होना चाहिए.
क्या आपको पता है कि- सच्चा प्यार और आकर्षण में क्या फर्क होता है?
1. खुद से प्यार
दोस्तो लाइफ मे किसी से भी प्यार करने से पहले खुद से प्यार करना ज़रूर सीखे तभी आप दूसरो को प्यार कर पाओगे और उन्हे समझोगे.
एक इंसान के लिए खुद से प्यार करना बहुत ज़रूरी है. खुद से प्यार करना बहुत आसान है दोस्तों, जब आप कुछ अच्छा काम करे तो खुद को रिवॉर्ड दे, अपने आप को सुंदर बनाए, स्मार्ट दिखे, स्माइल करते रहे, अच्छा काम करे, parents की सुने, बुजुर्गो की इज्जत करे, अपने आप को अच्छी हॅबिट मे डाले.
जब आप खुद का अच्छे से ध्यान रख पाएँगे तो समझ ले दोस्तों आपको खुद से प्यार है.
जब आप अपने आप को hurt करेंगे, ड्रिंक, स्मोक, आल्कोहॉल का इस्तेमाल करेंगे, अपनी केयर नही करेंगे तो आपको अपने आप से प्यार नही तो दूसरो की क्या केयर करोगे.
इसलिए खुद से प्यार करना बहुत जरुरी है.
2. Feelings वाला प्यार
Feelings वाला प्यार बहुत अजीब होता है. जेसे किसी को फर्स्ट टाइम देख के ही अलग सी फीलिंग्स आने लगती है या सड़क पर पड़े एक कुत्ते के बच्चे को अकेला देख के भी हम इंसानो को फीलिंग्स आने लगती है.
मंदिर मे जाते है तो अलग फीलिंग्स आती है, कोई टूर्नामेंट खेलने जाते है तो अलग फीलिंग आती है.
So दोस्तो हमने तो सिर्फ़ कुछ example के थ्रू फीलिंग्स को एक्सप्रेस किया है पर इससे ज़्यादा तो हम एक दिन मे ऐसे 100 फीलिंग्स को फील कर लेते है जो हमे पता ही नही होती है.
इस फीलिंग्स के चक्कर मे तो हमे कही ना कही प्यार भी होता है. तो कोई ऐसे भी होते है जिन्हे हर किसी के लिए प्यार मे फीलिंग्स आती है ना की सिर्फ़ एक लिए.
तो दोस्तो हम सिर्फ़ ये कहना चाहते है की हम इंसानो के पास फीलिंग्स के भंडार पड़े हुए है जो टाइम से निकलते रहते है.
3. सच्चा प्यार
सच्चा प्यार बहुत ही तगड़ा पॉइंट है इस आर्टिकल मे. सच्चा प्यार के टाइम पर आपको किसी भी चीज़ की सुध बुध नही रहती है.
दोस्तों सच्चा प्यार कब हो जाए आप imagine नही कर सकते हो पर लाइफ के एक पॉइंट मे आप सोचने मे मजबूर हो जाओगे की उस लड़का या लड़की के बिना मे कुछ भी नही.
जो आपकी कमियों को पूरा कर आपको पूरा बनाता है वो सच्चा प्यार होता है ओर दोस्तों हमारा यकीन माने सच्चा प्यार बहुत कम लोगो को नसीब होता है और कई लोग तो ऐसे होते है जिन्हे आसानी से सच्चा प्यार मिल जाता है पर वो उसकी कदर नही कर पाते है.
तो अपने सच्चे प्यार को पहचाने के लिए अपनी आँखे ओर दिल ओर दिमाग़ तीनो को खुला रखे ताकि जब वो पर्सन आपकी लाइफ मे एंट्री मारे ओर आपको एहसास दीलये की yes “u r my true love”.
4. Attraction वाला प्यार
Attraction पहले होता है ओर प्यार बाद मे होता है. अब दोस्तों आपके सामने कोई अट्रॅक्टिव पर्सन खड़ा हो जाए तो आपका अट्रॅक्टिव होना तो लाज़मी है.
Attraction बॉडी से रिलेटेड किसी भी पार्ट को देख के हो सकती है जिससे हम attract वाला प्यार कह सकते है. तो किसी की बातो से attraction या फिर किसी की सिर्फ़ स्माइल से attract वाला प्यार भी हो सकता है.
तो इसमे हम कह सकते है की attraction वाला प्यार भी हम इंसानो को कई बार ओर हर बार हो सकता है.
क्योंकि भगवान की सबसे अच्छी रचना हम इंसान ही है तो attractive होना तो लाज़मी है.
5. दोस्तो से प्यार
दोस्तों वाला प्यार तो बहुत ही खूबसूरत होता है. अब कुछ लोग सोच रहे होंगे की कैसे? तो हम आपको बताना चाहते है की जिसके पास दोस्त है वो बहुत ही लकी है ओर जिनके पास दोस्त नही है वो अनलकी. क्योंकि दोस्त के होने से लाइफ पूरी होती है.
दोस्त की definition ये है की आपका दुख सुख मे साथी, आपके लिए कुछ भी कर जाना, हर situation मे आपके साथ खड़े रहना.
दोस्त ऐसे होते है जो आपके लिए काम को पहले करते है ओर सोचते बाद मे है. इसलिए दोस्ती वाला प्यार बहुत खूबसूरत होता है.
6. फैमिली से प्यार
Family सबके पास होती है पर जिनके पास नही होती उन्हे शायद फैमिली शब्द का मतलब ज़्यादा पता होता है.
फैमिली वाला प्यार मे आप ये समझ ले की उनके लिए दुआ निकलती है, एक तरफ हमारे पेरेंट्स जो हमे बढ़ा करते है, प्यार देते है, हमारी केयर करते है.
तो दूसरी तरफ हमारे ब्रदर-सिस्टर जो हमारे अधूरे काम को पूरा करने मे लगे रहते है, हमसे लड़ते है, हमारी चुगली पेरेंट्स को कभी कभी कर देते है.
फैमिली बस यही पर ही नही खत्म होती. एक इंसान के लिए फैमिली बहुत बड़ी होती है. सो दोस्तों अपनी फैमिली के पास रहिए उन्हे प्यार दीजिए क्योंकि कही ना कही एक फैमिली आप से भी पूरी होती है.
7. काम से प्यार
दोस्तों जिस काम को आप करने मे लगे हुए है और उसी काम से आपको प्यार ही ना हो तो काम करने का क्या फ़ायदा.
हमारा कहने का मतलब ये है की अगर एक जूडो प्लेयर अपनी गेम को ही पसंद ना करता हो उससे प्यार ना करता हो तो उसके गेम करने का क्या मतलब ऐसे तो वो कभी अपनी गेम मे अचीवमेंट हासिल ही नही कर पाएँगे.
एक अलग example अगर एक बिजनेसमैन को अपने बिज़नस मे ही इंटेरेस्ट नही होता प्यार नही होता तो उसके बिजनेसमैन बनने का क्या फायदा.
तो दोस्तों हम ये कहना चाहते है की काम से प्यार बहुत ज़रूरी है. जब आपको अपने काम से प्यार होता है तो आप अपने टारगेट को अचीव कर पाते है जिससे आपको खुशी मिलती है ओर आपको अपने काम से ओर प्यार होने लगता है.
तो दोस्तो अब आप समझ गये होंगे प्यार की परिभाषा. हमे उम्मीद है की आपको इस आर्टिकल से बहुत कुछ सीखने को मिला होगा और अगर हमसे कुछ मिस हो गया हो तो हमे कॉमेंट करके बताए.
तो friends आज अपने जाना कि प्यार क्या है? और हमे पूरी उम्मीद है कि आपका प्यार आपको जरुर मिलेगा क्यूंकि सच्चा प्यार कभी नहीं छुटता. अगर आपको हमसे कुछ पूछना है तो निचे दिए गये comment के जरिये हमें बताये. thank-you.