सबसे अच्छा आर्टिकल कैसे लिखें? How to write good article?

अच्छे आर्टिकल की कोई परिभाषा नहीं होती। अपनी सोच, भावना और अनुभव को पिरोने का कार्य करती है एक अच्छा आर्टिकल। ऐसा आर्टिकल जिसे लोग पढ़ना पसंद करते है और आर्टिकल के अंत में लोगों के दिलों-दिमाग पे एक छाप छोड़ने का कार्य जो करे, उसे ही अच्छे आर्टिकल की पदवी मिलती है।

आर्टिकल लिखना कोई बड़ी बात नहीं, लेकिन अच्छा आर्टिकल लिखने के लिए लेखन कौशल में पारंगत होना अनिवार्य है।

जो लेख लिखते हैं उन्हें लेखक कहा जाता है और जो अच्छा लेख लिखते हैं उन्हें अनुभवी लेखक कहा जाता है। इन दोनों में सिर्फ अनुभव का ही फर्क है। अनुभव ही आपको किसी कार्य में सफलता दिलाती है और यही वजह है कि आज जितने भी लेखक हैं, वो अपने अनुभव को अपने लेख के जरिए लोगों तक पहुचने का कार्य कर रहे हैं।

आज के आधुनिक युग में बहुत से ब्लॉगर, फ्रीलांसर और लेखक अपने लेख के जरिए लोकप्रियता के साथ साथ पैसे भी कमा रहें हैं। अगर हम उनके लेखन कौशल की बात करें तो वे अपने लेख को एक ऐसा स्वरूप देने में सक्षम है, जिसे पढ़ कर हमारा मन प्रसन्न हो जाता है और कुछ नया करने और सोचने की हमें प्रेरणा मिलती है।

एक प्रेरणा श्रोत से परिपूर्ण लेख हमारी सोच में बदलाव लाने का भी अहम कार्य करती है। अच्छा आर्टिकल अपने आप में पूर्ण और ज्ञान का भंडार होता है, लेकिन अच्छा आर्टिकल लिखने के लिए कुछ बुनियादी बातों का भी ध्यान देना बहुत जरूरी है। 

आज हम इसी विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे और जानेंगे कि  एक अच्छा लेख (आर्टिकल) की बुनियादी जरूरतें क्या होती है और कैसे अच्छा आर्टिकल लिखें?

अच्छा आर्टिकल कैसे लिखें? Acha Article Kaise Likhe?

अनुभव से ही इन्सान सीखता है और आपका अनुभव ही आपको किसी भी कार्य में सफलता दिलाती है। किसी भी कार्य में अगर अनुभव न हो तो वो कार्य पूर्ण नहीं हो सकता। लेख लिखने के कार्य में भी अनुभव की जरुरत होती है जिसे हम लेखन अभ्यास से हासिल कर सकता हैं।

लेख लिखने का अभ्यास दो तरीके से हो सकती है-

1. दूसरों के लेख को अच्छे से पढ़े।
2. खुद से लेख लिखने की कोशिश करें।

इन दो तरीकों से अगर हम अभ्यास करें तो हमारे लेखन कौशल की क्षमता अपने-आप ही विकसित होती जाती है।

1. दूसरों के लेख को अच्छे से पढ़े – लेख लिखने की प्रेरणा हमें दूसरे लोगों द्वारा लिखे गए लेख के जरिए बखूबी मिलती है। जितना हम लेख पढ़ते है उतना हमारा दिमाग उसके प्रति विकसित होता है। हर लेखक का अपना ही एक हुनर होता है, उसे आप उनके आर्टिकल को पढ़ कर समझ सकते हो।

जब तक आप दूसरों के द्वारा लिखे गए लेख को नहीं पढ़ते, तब तक आप ये समझ नहीं पाओगे कि एक लेख को अच्छा बनाने के लिए कैसे शब्दों का प्रयोग जाता है। दुसरो के लेख पढ़ कर हम अपने मन में ही किसी भी लेख का बुनियादी ढांचा तैयार कर लेते हैं, जो की लेख लिखने में हमारी सहायता करती है।

2. खुद से लेख लिखने की कोशिश करें – दूसरों के द्वारा लिखे गए लेख को पढ़ना और उनसे ज्ञान लेना आसन होता है, लेकिन उसी ज्ञान को अपनी निजी जिंदगी में शामिल करना कहीं ज्यादा मुश्किल होता है।

इस मुश्किल को आसान बनाने का कार्य आपको ही करना होगा और अपने अभ्यास के जरिए अपने आपको तरासना होगा। आपने कइयों के लेख पढ़ लिए अब बारी आती है खुद से लेख लिखने की, कोशिश करें और छोटा लेख लिखने से शुरुवात करें।

अगर आप आर्टिकल लिखने की शुरुवात कर रहें है तो बेहतर यही होगा कि आप अपनी निजी जिंदगी के बारे में लिखें। इन्सान अपने आपको सबसे ज्यादा पहचानता है, और अगर हम अपने बारे में अच्छा आर्टिकल लिख सकते है तो आर्टिकल लिखना हमारे लिए कहीं ज्यादा आसान हो जाता है।

अगर आपको कहा जाए कि आप अपने बारे में कुछ लिखिए तो आप क्या लिखोगे? क्या आप अपने बारे में लिख सकते हो? इस सवाल का जवाब बहुत से लोगों के पास नहीं होगा, वजह एक ही है वो है “मैंने कभी लिखने का अभ्यास ही नहीं किया”।

लेख लिखने और पढ़ने से ही आप अपने लेखन कौशल को निखार सकते हैं, जिसका परिणाम होगा एक अच्छा आर्टिकल। लेकिन बस इतना ही काफी नहीं, एक अच्छा आर्टिकल लिखने के लिए कुछ बुनियादी जरूरतों पे भी ध्यान देना होगा। ऐसी जरूरतें जो आपके आर्टिकल को पाठकों के साथ जोड़ने में आपकी सहायता करे।

यहाँ हम कुछ मुख्य और अहम बुनियादी बातों पर प्रकाश डालने की कोशिश कर रहे है जो आपको एक अच्छा आर्टिकल लिखने में सहयोग देगी।

1. शब्दों का भंडार होना जरूरी है
2. लेख में निरंतरता का ध्यान देना
3. नई सोच और अनुभव
4. शब्दों का चयन करना सीखे
5. आर्टिकल की परिधि का ध्यान रखना जरूरी है
6. पाठकों की भावना को दर्शाना
7. अपना आर्टिकल खुद भी पसंद आए
8. जल्दबाजी न करें
9. अपनी सोच का दायरा बढ़ाएं

आइए इन सभी बातों को विस्तार से जाने।

1. शब्दों का भंडार होना जरूरी है

उचित शब्दों का चयन करने के लिए शब्दों का भंडार होना भी बहुत जरूरी हो जाता है। अपने लेख को बेहतरीन बनाए के लिए उसमे शब्दों का सटीक इस्तेमाल करना भी अनिवार्य है। एक आर्टिकल में शब्दों का बेहतर तरीके से इस्तेमाल ही, उस आर्टिकल को अच्छा आर्टिकल बना सकता है।

आप अपने लेख में शब्दों का सही चुनाव तब ही कर सकते हो जब आप उन शब्दों के प्रभाव को समझोगे, और उन्हें सही तरह से उपयोग में लाओगे।

उदाहरण के लिए – अगर आपके पास शब्दों का भंडार है तो आप एक ही वाक्य को कई तरीके लिख सकते हो और हर तरीके की अपनी ही अलग एक परिभाषा होगी, जैसे – 

  1. मेरा काम मेरी पहचान है।
  2. मेरा काम ही मेरी पहचान है।
  3. मेरा काम ही मुझे पहचान देता है।

इसलिए अच्छा आर्टिकल लिखने के लिए सही जगह पे सही शब्दों का चयन करें।

कुछ लेखक अपने लेख में कुछ ऐसे शब्दों को निरंतर उपयोग में लाते है जो उनके लेख को बर्बाद कर देता है , जैसे – दोस्तों, मित्रों, साथियों आदि शब्दों का प्रयोग कितना कम हो सके करें।

2. लेख में निरंतरता का ध्यान देना

लेख में निरंतरता ही आपके पाठकों को आपके पूरे लेख पढ़ने के लिए प्रेरित करती है। ज्ञान का बहाव धीरे-धीरे और विस्तृत रूप से हो तो ज्ञान का रस सुचारु रूप से मिलता रहता है। अगर लेख में निरंतरता नहीं है तो कोई भी पाठक आपके लेख को पूरा कभी नहीं पढ़ेगा।

लेख में निरंतरता का तत्पर्त ये है कि आपने अपने लेख में जो दूसरा अनुच्छेद (पेराग्राफ) लेखा है वो पहले वाले अनुच्छेद से बेहतर है। यानि कि आपका लेख निरंतर एक लय में ऊंचाई की ओर बढ़ती जा रही है।

3. नई सोच और अनुभव

आपके आर्टिकल का मूल्यांकन आपके आर्टिकल से मिली जानकारी ही दर्शाता है। नई और सटीक जानकारी पाठकों के दिलों-दिमाग में छाप छोड़ देती है। अपने आर्टिकल को बेहतरीन बनाने के लिए हमें अपने आर्टिकल में उन सभी बातों को जोड़ना होता है जो पाठक सुनना चाहते हैं।

निरंतर आर्टिकल लिखने से ये गुण अपने-आप ही विकसित होती चली जाती है और आप अपने हर आर्टिकल में नयी जानकारी और अपने निजी अनुभवों को साझा करने लगते हैं।

अपने अनुभव को अपने आर्टिकल के जरिए दर्शाना भी एक कला है, और ये कला तब ही विकसित हो सकती है जब आपके मन में हमेशा कुछ नया सीखने की जिज्ञासा होगी।

क्या आप हमेशा कुछ नया सीखना और करने के लिए उत्साही है? क्या आप बदलाव को अपनाने में सक्षम है? अगर नहीं तो सबसे पहले ये गुण अपने आपमें विकसित करना होगा, तभी आप एक अच्छा आर्टिकल लिख सकते हो।

4. शब्दों का चयन करना सीखे

एक अच्छा आर्टिकल शब्दों का जाल होता है, जहां पाठकों का हृदय बंध जाता है। आर्टिकल लिखने के दौरान हमें अपने पाठकों को ध्यान में रखते हुए आर्टिकल के शब्दों पर ध्यान देना होता है।

आपका आर्टिकल पाठकों की भावनाओं पर ठेस पहुंचा सकती है या उनकी भावनाओं का बढ़ावा दे सकती है। ये सभी शब्दों के चयन पर निर्भर करता है कि आप किस तरह के शब्दों का प्रयोग कर रहे हो।

5. आर्टिकल की परिधि का ध्यान रखना जरूरी है

हर आर्टिकल की एक परिधि होती है जिसके अंतर्गत ही उसे लिखा जाता है। आर्टिकल का विषय ही उसे उसकी परिधि से जोड़े रखता है और इसी की वजह से आर्टिकल का एक ढांचा तैयार होता है। आप अगर किसी विषय पर एक लेख लिख रहे हो तो अपने विषय से परे जा कर कुछ भी न लिखे।

6. पाठकों की भावना को दर्शाना

ये बहुत ही जरूरी हो जाता है कि आप अपने आर्टिकल में ऐसी बातों को दर्शाए जो पाठक आपसे हासिल करना चाहता है। ऐसा नहीं है कि आप उन बातों पर ज्यादा जोर दें जो पहले से आपके पाठकों को पता हो।

यहां ध्यान रखने वाली बात ये है कि जब आप कोई आर्टिकल लिखते हो तो अपने आर्टिकल में उन बातों पर भी जोर दें जो हर एक इन्सान अनुभव करता है। जब आप उन बातों के बारे में बताते हो जो एक पाठक अनुभव करता है तो आपका आर्टिकल आपके पाठक के साथ जुड़ जाता है।

जब आपके द्वारा लिखे गए लेख को पाठक अपना समझ कर पढ़ते हैं तो आपका लेख अपने आप अच्छा लेख बन जाता है। वैसे भी हम आर्टिकल अपने पाठकों के लिए ही तो लिखते है और आर्टिकल अच्छा होगा तो पाठक भी खुश होंगे।

7. अपना आर्टिकल खुद भी पसंद आए

आपका आर्टिकल लोगों को पसंद आए उससे पहले ये जरूरी है कि आपको अपना आर्टिकल कितना पसंद है। अगर आपके अपने लिखे आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको प्रेरणा नहीं मिलती, ख़ुशी नहीं मिलती या नए आर्टिकल लिखने का प्रोत्साहन नहीं मिलता तो आपका आर्टिकल कैसे अच्छा हो सकता है?

इसलिए बेमन किया गया काम और जबरदस्ती लिखा गए आर्टिकल का कोई मोल नहीं होता, बस निराशा ही हाथ आती है।

इसलिए आपको ये ध्यान में रखना है कि आप जो लिख रहे हो वो अपनी खुशी के लिए लिखे रहे हो, जिससे आपको आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।

8. जल्दबाजी न करें

सोचे फिर लिखें, जल्दी का काम शैतान का होता है। ऐसा नहीं है कि आपने एक आर्टिकल लिखने के लिए एक समय सीमा तय की और उसी समय सीमा में आपको आर्टिकल पूर्ण करनी है। समय सीमा निर्धारित करने से आपका आर्टिकल का दायरा भी छोटा रह जायेगा।

हमारे मन में निरंतर विचारों की धारा प्रवाहित होती रहती है। अगर आप सोच-सोच कर आर्टिकल लिखते चले जाओगे तो आप उलझ जाओगे कि लिखना क्या है। इसलिए अपने मन को शांत करें और सबसे पहले ये सोच लें कि –

  • लिखना क्या है?
  • आर्टिकल का ढांचा कैसा होगा?
  • किन-किन विषयों पर मुख्य रूप से ध्यान देनी है?

जब आप पूर्ण रूप से आर्टिकल लिखने के लिए तैयार हो जाएं तब आर्टिकल लिखना शुरू करें। जल्दबाजी न करें।

9. अपनी सोच का दायरा बढ़ाएं

जितना आप अपनी सोचने का दायरा बढ़ाते जाओगे उतना ही आप बेहतर आर्टिकल लिख सकते हो। हमारे विचार ही हमारे आर्टिकल को एक नई पहचान देती है और नाई पहचान ही आर्टिकल को सबसे बेहतर बनाती है।

हमारी सोच का कोई अंत नहीं जितना हम सोचेंगे उतना ही जानेंगे और जितना हम जानेंगे उठा ही बेहतर सोचेंगे। बेहतर आर्टिकल बेहतर सोच से ही तो आती है।

आर्टिकल लिखना और अपने ही आर्टिकल से प्रेरित होना एक लेखक की निशानी है, जो खुद के रचे लेख से ही दुनिया को प्रेरणा देने के साथ साथ खुद को भी प्रेरित करता है। एक अच्छा आर्टिकल अपने आप में संपूर्ण होता है, जो लेखक के व्यक्तित्व को दर्शाता है।

निष्कर्ष

दोस्तों जितना आप सीखते हो उतना ही आप बेहतर बनते हो और लेखन क्षेत्र में बिना अभ्यास के अनुभव हासिल नहीं हो सकती। इसलिए अच्छा आर्टिकल लिखा है तो अभ्यास करनी ही होगी। खुद को प्रेरित करें और आगे बढ़े।

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आज हमने उन सभी मुख बुनियादी विषयों पर जानकारी दी जो एक अच्छा लेख (आर्टिकल) लिखने के लिए बेहद जरूरी है। अंत में मैं इतना ही कहूँगा कि अगर आपको अपने अनुभव और विचारों को लेख के द्वारा व्यक्त करना है तो आपको निरंतर अभ्यास करना होगा। अभ्यास ही आपको एक अच्छा आर्टिकल लिखने में सहयोग करेगी और आपके द्वारा लिखा गया अच्छा आर्टिकल ही आपको लेखक की उपाधि से संबोधित करने का काम करेगी। धन्यवाद

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