किन वजहों के कारण रिश्ते टूटते हैं? 10+ वजह

Rishta Kyu Tootata Hai?

ऐसा क्या होता है कि एक हंसता खेलता परिवार कुछ ही पलों में टूट जाता है? Rishta kyu tootata hai?इसके पीछे काई कारण हो सकते है, रिश्तों में समझ का होना बहुत जरूरी है। दोनो तरफ से अगर ताल मेल अच्छा है तो ठीक, अगर नहीं है तो भुगतना दोनो को पड़ता है। अगर कोई रिश्ता लंबे समय तक अच्छा न चले तो इसका जिम्मेदार पत्नी और पति एक दूसरे को मानते है। कभी भी इंसान गलतियाँ जानभुज कर नहीं करता।

गलतियाँ पनपती है, पहले ये छोटी-छोटी होती है फिर बाद में बड़ी बन जाती है। अगर सही कहे तो ये गलतियाँ हम से ही होती है, शुरुवात में हम छोटी छोटी गलतियों को नजरअंदाज कर देते है। अगर आपको अपने रिश्ते को सही दिशा में चलना है तो हमे इन छोटी-छोटी चीजों को शुरुवात में ही खत्म करना होगा, नहीं तो ये हमे बर्बाद कर देगी। तो आइए देखते है कि ऐसी क्या वजह होती है जिससे रिश्ते टूटते है (rishta tootne ki wajah kya hai)।

किन वजहों के कारण रिश्ते टूटते हैं?

अगर आप चाहते है कि आपकी शादीशुदा जिंदगी हमेशा खुश रहे तो इन बातों को ध्यान में रखे। यहां पर दिए गये सभी उपाय बहुत जरूरी है।

किन वजहों के कारण रिश्ते टूटते हैं? 10+ वजह

1. दूरी की वजह से

अक्सर देखा गया है कि दूरी की वजह से भी रिश्ते टूटते है। अगर पत्नी या पति की बात की जाए तो दोनो यही चाहते है कि उसका साथी उसके साथ रहे, उसके साथ समय बिताए, उससे प्यार करे। दूरियां आप दोनो में से एक को अकेला बना देता है और आप तरस जाते हो। अगर ऐसा काफी लंबे समय तक चलता रहे तो आपका रिश्ता पूरी तरह से टूट सकता है।

अगर आप अपने साथी को समय नहीं दे पा रहे हो तो उससे बात करो कि क्यों मैं तुम्हें समय नहीं दे पा रहा हूं? उसे कारण बताओ। हमारा दावा है कि वो समझेगी। बात करने से ही बात बनती है।

2. बेईमानी और धोखे की वजह से

ये एक ठोस कारण है कि बेईमानी और धोखे की वजह से रिश्ते में दरार पड़ जाती है। बेईमानी और धोखेबाजी आज कल के समय में किसको पसंद है? लोग आपसे दूर भागेंगे। अगर आपके साथी को इसके बारे में पता चले तो वो आपसे नाराज हो जाएगी और रिश्ते टूटने के मामले में यही कारण सबसे ज्यादा सामने आए है

3. बुरी आदतों की वजह से

लंबे समय तक किसी बुरी आदत के होने से भी रिश्ते टूट सकते है। बुरी आदत से हमारा मतलब – चोरी, शराब पीना, ड्रग लेना, फ़िरोती। ऐसी आदत वाले साथी को कौन सहन करेगा? ऐसे में आपके पास दो ही विकल्प होते है या तो सुधर जाओ नहीं तो फिर रिश्ता तोड़ दो। इन्ही वजहों से रिश्ते टूटते है।

4. भरोसे की वजह से

चाहे कोई भी रिश्ता क्यों न हो बिना भरोसे के कोई भी रिश्ता टिकता नहीं है, भरोसे का होना बहुत जरूरी है। आपकी एक गलती आपके चरित्र को लंबे समय तक खराब कर सकता हैकहते है न कि चरित्र बनाने में कई साल लग जाते है पर चरित्र बिगड़ने में एक पल।

अपने साथी को भरोसा दिलाए कि आप उसके प्रति कितने सचेत है। आपने साथी को महसूस कराए कि अगर आप उसकी जिंदगी में न होते तो पता नहीं क्या होता। अपने साथी को इतना भरोसा दिलाओ कि आपकी image हमेशा के लिए अच्छी रहे।

5. घर पर अपनी चलाने की वजह से

आज के समय में कोई भी ये नहीं चाहता है कि वो किसी के अंदर बंध जा, मतलब उसके उपर कोई मनमानी करे। अगर आप अपने घर में मनमानी करते है और अपने साथी को अपने हाथों की कठपुतली समझते है तो समझ लीजिए कि आपका रिश्ता ज्यादा दिन तक चलने वाला नहीं है। अच्छे साथी वो होते है जो सोच समझ के फैसला लेते है, एक दूसरे की सलाह लेते है, एक दूसरे को आजादी देते है।

6. आलस की वजह से

आलस जितना हमारे लिए खतरनाक है उतना ही आपके रिश्ते के लिए भी, कोई नहीं चाहेगा कि उसका साथी आलसी हो। वो खुद काम कर रही हो और उसका साथी आराम से बिस्तर पर लेटा हो। रिश्ते का मतलब ही ये होता है कि साथ में मिल कर काम करे और आगे बढ़े।

7. खर्च की वजह से

अगर आप अपने साथी को खर्च के लिए बार बार टोकते रहेंगे और उसकी जरूरतों के लिए भी खर्चा नहीं करने दोगे तो आपके रिश्ते में टकराव आ साकती है। इससे आपका साथी ये समझेगा कि घर में आपकी कद्र ही कुछ नहीं है। माना की घर चलाने के लिए खर्चे देखने चाहिए पर इसका ये मतलब नहीं है कि हर बात के लिए टोके। आपको अपने साथी से बात करनी चाहिए कि इस समस्या की वजह से हम खर्च नहीं कर सकते।

8. लड़ाई की वजह से

किसी भी संबंध को तोड़ने को लड़ाई भी एक वजह है। कौन चाहेगा/चाहेगी कि उसका साथी उसके साथ लड़ाई करे, हाथ उठाये, मारे। माना कि शादीशुदा जिंदगी में कभी कभार ऐसी स्तिथि आ जाती है पर अगर यही हाल हर बार हो तो रिश्ते टूटने में देरी नहीं लगती है। लड़ाई किसी भी कारण की वजह से हो सकता है पर उसे ठंडे दिमाग से भी तो सुलझाया जा सकता है।

9. इज्जत की वजह से

किसी को इज्जत देना बहुत बड़ी बात है क्योंकि आप उसे ये दिखाते हो कि आप उसकी कितनी कदर करते हो। यही बात शादीशुदा जिंदगी में भी आती है, माना कि जिंदगी में लड़ाई होती रहती है पर गाली गलोच करना ये गलत बात है, गाली गलोच की वजह से आपका साथी ये समझेगा कि आपकी कद्र ही कुछ नही। इसी कारण से आप रिश्ते से भी हाथ धो सकते हो।

10. अन्य बातें

इसके अलावा और बहुत सी वजह है पर हमने यहां पर सबसे जरूरी वजह बताए है जो आम है। अगर आप इन सब बातों को अपने दिमाग में बीठा लोगे तो कोई chance ही नहीं बनता कि आपका रिश्ता टूट जाए। 

रिश्ते टूटने की 3 सबसे बड़ी वजह

एक लड़का और लड़की अक्सर यही सोचकर शादी के बंधन में बंधते है कि एक दूसरे के प्रति उनकी भावना कभी नहीं बदलेगी। लेकिन समय के साथ हम बदलते है और हमारे संबंध भी। संबंध स्थिर हो ही नहीं सकता। बदलाव को समझने पर ही हम रिश्तों को बनाए रख पाते है। अगर यह समझ नहीं आती है तो रिश्ता बिखर जाते है।

शादी सिर्फ दो लोगो के साथ जिंदगी गुजरने की सार्वजनिक सूचना भर नहीं होती। वो तो दो लोगो के एक मधुर बंधन में बढ़ने का मौका होता है। ऐसे बंधन में जो समय के साथ मेच्यूर होता है और पति और पत्नी दोनो से ही मेच्यूर होने की माँग भी करता है। आज शादीशुदा बंधन की उमर आम हो रही है और तलाक के बहुत मामले आ रहे है, तो इसके पीछे कुछ पक्के कारण है।

अक्सर युवा इस सोच के साथ शादी करते है कि उनके साथी के प्रति उनकी भावना कभी भी नहीं बदलेगी, लेकिन संबंधों में समय के साथ बदलाव आता ही है और प्रेम की भावना भी समय के साथ एक जैसी नहीं रह जाती। जिस तरह समय के साथ व्यक्तित्व में बदलाव आता है, हमारी इच्छाएं बदलती है तो हम एक दूसरे के प्रति प्रेम की अभिव्यक्ति (expression) में बदलाव पाते ही है।

हर शादीशुदा जीवन में आपसी झगड़े होते है जरूरी ये नहीं है कि इस झगड़े का उन पर क्या असर होता है बल्कि जरूरी इसका है कि आपसी झगड़े से वे क्या सीखते है। एक दूसरे के अलगाव उन्हे किस तरह मेच्यूर बनता है। शादी तरक्की या आगे बढ़ने की संभावना मात्र नहीं है बल्कि वो बढ़ने की जरूरत भी आपके सामने रखता है।

1. हमारी समझ हमें बेहतर बनाती है

जब हम पहली बार किसी पर आकर्षित होते है तो हम उसकी सुंदरता पर ही आकर्षित होते है और हमारा आकर्षित तो बस सुंदर ही होता है। इसमे हम इतना खोए रहते है कि हम उस व्यक्ति में उन्ही चीजों को देखते है जो सकारात्मक हो।

हमारा ध्यान उन बातों पर नहीं जाता जिन्हे हम पसंद नहीं करते है।

प्रेम इसी तरह एक अच्छा और बेहतर इंसान बनाने में हमारी मदद करता है क्योंकि तब हम दूसरे के अच्छी बातों और आदतों पर ही नजर रखते है। यह दूसरों की अच्छी बातों और आदतों ही हमें सबसे ज्यादा करुणा, दयालु और दूसरों के प्रति संवेदनशील बनाती है।

शादी की शुरुआत में हम सोचते है कि हमारा साथी अच्छा है और इसलिए हम अच्छा महसूस करते है। यह सच नहीं होता।

हम अच्छा इसलिए महसूस करते है क्योंकि हम अपने साथी की अच्छाईयो पर ही ध्यान देते है, उन बातों पर ध्यान देते है जो हम अच्छा महसूस करने में मदद करती है। तब हम सकारात्मक तरीकों से चीजों को देखते है जो की हमसे अच्छा महसूस करती है।

2. नकारात्मक सोच से प्यार कम होता है

ये मानव प्रकृति है कि जैसे-जैसे समय गुजरता है, जिस साथी पर हम बहुत ज्यादा ध्यान दे रहे थे उससे हमारा ध्यान हटने लगता है और अपने जीवन की छोटी-छोटी चीजों की तरह अपने साथी की सकारात्मक बातों से हटकर उन चीजों की ओर जाता है जिन्हे हम पसंद नहीं करते है।

प्रेम की पवित्र और सकारात्मक उर्जा पर नकारात्मक उर्जा हावी होने लगती है। यही नकारात्मकता कारण बनती है कि प्रेम का असर कम होने लगता है। इसका हमारे साथी से सीधा संबंध नहीं है। प्रेम में कमी आना यह बताता है कि हमारा ध्यान नकारात्मक दिशा में जा रहा है। जब हम सकारात्मक से नकारात्मक की और ध्यान केंद्रित करने लगते है तो प्रेम की कमी होने लगती है।

जैसे ही प्रेम कम होने लगती है, एक दूसरे का ख्याल, करुणा भी कम लगने लगती है। इसी का परिणाम है कि हम खुद को एक अच्छा इंसान की तरह नहीं पाते। हम अंतरंग क्षण में प्रेम को नहीं जी पाते। कुछ खालीपन अपने भीतर महसूस होने लगता है। किसी संबंध में जब दोनो ही साथी इस तरह से महसूस करते है तो संबंध टूटने की कगार पर पहुँच जाता है।

3. समय के साथ बदलता है प्यार

दरअसल जब हम प्यार में होते है उसे जीवन भर के लिए अपना समझने लगते है। हम ये समझने लगते है कि चीजें वैसी ही रहेगी जैसी हम चाहते है। इसलिए हम यह सोचने लगते है कि ये हमारी जीवन भर का साथ की गारंटी है।

इस तरह के भ्रम के कारण ही हम अपनी दुख के लिए दूसरे को दोष देने लगते है और संबंध बिखरता है। जिंदगी भर का साथ निभाने वाले दोनो व्यक्तियों को लगता है कि वे पैसे, रिश्ते, दूसरे लोगो या किसी भी ओर कारण की वजह से एक दूसरे से लड़ रहे है लेकिन असल में लड़ाई की वजह है हमारे भीतर की अच्छाई कम हो गई है।

हम यह चाहते है कि हमारा साथी हमसे वैसा ही रहे जैसा हम चाहते है। लेकिन हमारा साथी कभी हमें बेहतर व्यक्ति नहीं बनाता है।

वो तो हमारे अपने भीतर की करुणा और संवेदनशीलता को बेहतर बनाने में हमारी मदद करता है। हम अपने प्रति अच्छा महसूस करना चाहते है तो हमें अपनी संवेदनशीलता को बढ़ाने की जरूरत है। जब हम पहले की तरह दूसरे के प्रति पेश आते है तो हम उसमे अच्छाइयाँ तलाश ही लेते है।

जब भी आप अपने संबंध में पहले की तरह पेश आने लगेंगे या अपनी उसी संवेदनशीलता को जीने लगेंगे आपको संबंध में प्रेम नजर आने लगेगा और अचानक सबकुछ बदला हुआ नजर आएगा। जब अपने आनंद में रहेंगे तो नजदीकी लोगो को भी उसका लाभ देंगे और सबसे पहला लाभ तो आपके जीवनसाथी को ही मिलेगा।

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