मुहावरे और उनके अर्थ, उदाहरण के साथ [Collection – 1]

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अंग-अंग ढीला होना – बहुत थक जाना आज बहुत दौड़-धुप करने से मेरा अंग-अंग ढीला हो गया।

अंग छूना – कसम खाना मैं अंग छु कर कहता हूँ कि मैंने तुम्हारी पुस्तक नहीं चुराई।

अंग-अंग मुस्कुराना – बहुत प्रसन्न होना परीक्षा में सफल होने के कारण अपूर्व का अंग-अंग मुस्कुरा रहा था।

अंगूठा दिखाना – देने से साफ इनकार कर देना सेठजी ने मंदिर के लिए 300 रुपये दान देने को कहा था, लेकिन जब हम उनसे मांगने गये तो उन्होंने अंगूठा दिखा दिया।

अक्ल पर पत्थर पड़ना – कुछ समझ में न आना तुमको क्लब में जाने से कितनी बार रोका गया है, पर तुम्हारे तो अक्ल पर पत्थर पड़े हुए है।

अगर-मगर करना – टालमटोल करना अध्यापकजी जब मोहन से पाठ सुनने को कहते हैं तभी वह अगर- मगर करने लगता है।

मुहावरे और उनके अर्थ, उदाहरण के साथ [Collection – 1]

अपना-सा मुंह लेकर रह जाना – लज्जित करनाखरगोश ने सोचा कि कछुआ अभी तक गाँव में नहीं पहुँचा होगा, परन्तु जब उसे ठिकाने पर पहुँचा हुआ पाया तो अपना-सा मुंह लेकर रह गया।

अपने पांव पर आप कुल्हाड़ी मारना – अपनी हानी खुद करना पाकिस्तान ने बंगला देश पर आक्रमण करके अपने पांव पर आप कुल्हाड़ी मारी थी।

अपना उल्लू सीधा करना – स्वार्थ साधना उस बनिये कि बात पर विश्वास ना करना, वह तो अपना उल्लू सीधा करने के लिए तुमसे मीठी-मीठी बातें करता है।

अपनी खिचड़ी अलग पकाना – साथ मिलकर न रहना भारत के राजवाड़े अपनी खिचड़ी अलग पकाते रहे, जिससे विदेशी यहाँ शासन जमाने में सफल हो गए।

अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बनना – अपनी बड़ाई आप करना मैं पढाई में सबसे चतुर हूँ, यह कहकर मैं अपने मुंह मियाँ मिट्ठू नहीं बनना चाहता।

अंगारे बरसाना – अत्यंत क्रोध से देखना अभिमन्यु के बर्बरतापूर्ण वध कि बात सुनकर अर्जुन कि आँखें अंगारे बरसाने लगी।

अंगार उगलना – क्रोध में कठोर शब्द बोलना जब नौकर देर से पहुँचा तो भाई साहब अंगार उगलने लगे।

अक्ल के घोड़े दौड़ना – सोच विचार करना बड़े-बड़े विज्ञानिकों ने अक्ल के घोड़े दौड़ाये, तब कहीं विमान हमारे सामने प्रकट हुआ।

अक्ल का दुश्मन – बेवकूफ अक्ल के दुश्मन ने पत्थर से भाई का सिर फोड़ दिया।

अक्ल के पीछे लट्टू लिये फिरना – मुर्खतापूर्वक काम करना मैं ठीक कह रहा हूँ कि इस समय कुछ पढ़-लिख लो, पर तुम तो अक्ल के पीछे लट्टू लिये फिरते हो। तुम्हे मेरी बता अच्छी नहीं लगती।

आंख दिखाना – गुस्से से देखना जो हमें आँख दिखायेगा, हम उनकी आँखें फोड़ देंगे।

आँखों में गिरना – सम्मानरहित हो जाना रिश्वत का पैसा लेने के कारण कुछ मंत्री जनता कि आँखों से गिर गए है।

आँखों में धुल झोकना – धोखा देना राणा प्रताप शत्रुओं कि आँखों में धुल झोंककर युद्ध के मैदान बहार निकल गये।

आँखों का कांटा – अप्रिय व्यक्ति गन्दी आदतों के कारण पुत्र पिता कि आँखों का काँटा बन गया।

आँखों में चर्बी उतरना – अभिमान होना व्यापार में लाखों रुपये पा जाने से सेठजी की आँखों कि चर्बी उतर आई है। वे अब हम जैसों से बात नहीं करते।

आँखें चार होना – अपने सामने होना ज्योंही नेवले और सांप कि आंखें चार हुई वे लड़ने को तैयार हो गये।

आँखें पथरा जाना – देखते-देखते बहुत थक जानापति कि प्रतीक्षा करते-करते पत्नी कि आँखें पथरा गई।

आँखें खुलना – होश आना जब धूर्त मित्रों ने सारा धन हजम कर लिया, तब कहीं उसकी आँखें खुली।

आँख मारना – इशारा करना गवाह मेरे भाई का मित्र निकला, मेरे भाई ने उसे आँख मारी, नहीं तो वह मेरे विरुद्ध गवाही दे देता।

आँख बचाना – छिपकर निकलना शिष्य अध्यापक से आँख बचाकर स्कूल से भाग गया।

आँखें बिछाना – सत्कार करना शास्त्री जी जिधर जाते थे उधार जनता उनके लिए आँखें बिछाये खड़ी होती थी।

आँखों पर परदा पड़ना – लोभ के कारण सच्चाई दिखाई ना देना धन कि अधिकता से मनुष्य कि आँखों पर परदा पड़ जाता है, उसे अच्छे-बुरे के ज्ञान नहीं होता।

आँखों का तारा – बहुत प्यारा राम अपनी माँ कि आँखों का तारा हैं।

आँख उठाना – साहस करना शत्रुओं को ऐसे कुचल दिया गया है कि वे कभी आँख उठा नहीं सकते।

आड़े हांथों लेना – अच्छी प्रकार काबू करना चन्दगीराम ने मेहरदीन आड़े हाथों ले लिया।

आंच न आने देना – तनिक भी कष्ट न होने देना माता स्वयं कष्ट उठा लेती है, पर पुत्र पर आंच नहीं आने देती।

आपा-धापी पड़ना – अपनी-अपनी पड़ जाना जब भारत पर मुसलमानों का आक्रमण हुआ, उस समय देश में सब राजाओं को आपा-धापी पड़ गई।

आसमान पर चढ़ना – बहुत अभिमान करना परीक्षा में प्रथम आ जाने के कारण नीला का सिर आसमान पर चढ़ गया है।

आसमान सिर पर उठाना – बहुत शोर करना आसमान सिर पर क्यों उठा रहे हो ? तनिक शांति से बैठ जाओ।

आकाश के तारे तोड़ना – असम्भव कार्य करनाभारत के जवान यदि डट जाएँ तो वे आकाश के तारे भी तोड़कर दिखा सकते है।

आकाश-पाताल करना – पूरा प्रयत्न करना भारत के नेताओं ने गरीबी दूर करने के लिए आकाश-पाताल एक कर दिया है। परन्तु अभी उन्हें सफलता नहीं मिली।

आकाश-पाताल का अन्तर – बहुत फर्क होना पंखे और कूलर की ठंडी हवा में आकाश-पाताल का अन्तर है।

आकाश से बातें करना – बहुत ऊँचा होना छत्तीस मंजिलों का भवन आकाश से बातें करता है।

आग-बबूला होना – गुस्से से भर जाना जब संसद सदस्यों ने कानून और व्यवस्था निति कि करारी आलोचना की, तो गृहमंत्री आग-बबूला हो गये।

आटे-दाल का भाव आलुम होना – कठिनाई में पड़ना दोस्त जब शादी के बाद गृहस्थ का भार संभालोगे तब तुम्हे आटे-दाल का भाव मालूम होगा।

आपे से बाहर होना – मर्यादा लांघना परशुरामजी शिव-धनुष के टूटने की बात सुनकर आपे से बाहर हो गये।

इधर का उधर होना – चाहे कुछ भी हो चाहे इधर का उधार हो जाये, मैं अवश्य तुम्हारा साथ दूंगा।

इधर-उधर की हांकना – व्यर्थ बोलना – तुम रात को घर में क्यों घुसे, साफ बताओ। इधर-उधर की हाँकने का कोई लाभ नहीं।

ईद का चाँद होना – कभी-कभी दिखना मित्र तुम तो सचमुच ईद का चाँद हो गए हो। आजकल कहाँ रहते हो ?

ईट से ईट बजाना – नष्ट-भ्रष्ट कर देना शक्ति शिंह ने कहा, यानि राणा के राज्य कि ईट से ईट ना बजा दूँ तो मुझे शक्ति शिंह ना कहना।

ईट का जवाब पत्थर से देना – दुष्ट के साथ अधिक दुष्टता करना अहिंसा बहुत अच्छी निति है, परन्तु जब तक ईट का जवाब पत्थर से ना दिया जाये, तब तक शत्रु नहीं मानते।

उल्टी गंगा बहाना – नियम के विरुद्ध कार्य करना भिखारियों से दान माँगकर उल्टी गंगा बहाना तुम्हारे लिए ठीक नहीं।

उन्नीस-बीस का अंतर – बहुत थोड़ा फर्क लव और कुश कि आकृति में उन्नीस-बीस का अंतर होने से साधारण व्यक्ति उनमे भेद नहीं कर पाते थे।

उँगली पर नाचना – वश में रखना आजकल कि नारियां अपने पतियों कि उँगलियों पर नाचती है।

उँगली उठाना – लांछन लगाना सीता जैसी देवियों के चरित्र पर उँगली उठाने वाले को धिक्कार है।

ऊँगली पकड़कर पहुँचा पकड़ना – धीरे-धीरे वस्तु पर अधिकार कर लेना व्यापारी अंग्रेजो ने भारत कि ऊँगली पकड़कर पहुँचा पकड़ लिया, धीरे-धीरे सारे भारत पर पूर्ण अधिकार जमा लिया था।

उल्लू बनाना – मुर्ख बनाना सैर कराने के बहाने मित्रों ने सब रूपया ठगकर कल्लू को खूब उल्लू बनाया।

एड़ी छोटी का जोर लगाना – शक्ति भर कार्य करनाएड़ी छोटी का जोर लगाकर भी माइक गेटिंग कि टीम सुनील गावस्कर एकादश को क्रिकेट के मैच में हरा न सकी।

एक ही लकड़ी से हाँकना – अच्छे-बुरे की पहचान न करना मूर्खों के राज्य में सज्जन और दुर्जन सभी एक ही लकड़ी से हाँके जाते है।

एक ही थैली के चट्टे-बट्टे – सभी का एक जैसा होना यहाँ विश्वास किस पर करे, झूठ बोलने में तो सभी राजनितिक दल एक ही थाली के चट्टे-बट्टे है।

एक और एक ग्यारा – मेल में शक्ति होना शिवाजी और छत्रसाल ने संगठित सेना द्वारा शत्रुओं को परास्त करके सिद्ध कर दिया कि एक और एक ग्यारा होते है।

कमर कसना – तैयार होना कमर कस लो, न जाने कब विदेशी शत्रुओं से फिर लोहा लेना पड़े।

कलई खुलना – रहस्य प्रकट हो जाना 1971 कि लड़ाई में पकिस्तान कि शक्ति कि कलई खुल गयी।

कलम तोड़ना – लिखने में सबको पीछे छोड़ देना कवि सुमित्रानंदन पंत ने प्रकृति-सौन्दर्य के वर्णन में कलम तोड़ दी।

कलम उठाना – किसी विषय पर लिखना ईश्वर के विषय में जितने दार्शनिकों ने कलम उठाई, सभी गम्भीर विचारक थे।

कलेजा मुँह में आना – अत्यंत व्याकुल होना जून मास कि गर्मी के कारण कलेजा मुँह को आ रहा है।

करवट बदलते रहना – नींद न आना आज पिताजी कि बीमारी का समाचार सुन मैं सारी रात करवट बदलता रहा।

काँटा दूर होना – विरोधी व्यक्ति का दूर हो जाना विभीषण के लंका से निकल जाने पर रावण ने समझ लिया कि एक काँटा तो दूर हो गया।

कसौटी पर कसना – परखना गांधी जी कसौटी पर कसे लोगों को ही सत्याग्रह कि आज्ञा देते थे।

कफ़न सिर पर बांधना – मृत्यु के लिए तैयार होना वीर कफ़न सिर पर बाँधकर सत्याग्रह-संग्राम की आग में कुड पड़े।

कलेजा छलनी होना – दिल बहुत दुखी होना जब पिता कि परवाह ना करके पुत्र घर से चल दिया तो पिता का कलेजा छलनी हो गया।

कलेजा थामना – अपने को कठिनता से संभालना परीक्षा में असफलता का समाचार सुनकर विद्यार्थी ने कलेजा थाम लिया।

कलेजे पर हाथ रखना – दिल को साक्षी बनाना अपने कलेजे पर हाथ रखकर कहो कि क्या तुमने घड़ी नहीं तोड़ी ?

कलेजा ठंडा होना – संतोष होना डाकुओं को कैद हुआ जानकार गाँव वालों का कलेजा ठंडा हो गया।

कंचन बरसना – खूब धन सम्पति होना आवत हिय हिरषे नहीं, नैनन नहीं सनेह। तुलसि तहाँ न जाइये, कंचन बरसे मेह।

कान कतरना – बहुत चतुर होना छोटे भाई को बच्चा मत समझो, वह तो बड़े-बड़ों के कान कातरता है।

कानों कान खबर होना – एक दुसरे के द्वारा बात का फ़ैल जाना मुझे कानोकान खबर हुई कि चीनी का भाव बढ़ जायेगा।

कान पर जूं तक न रेंगना – कुछ असर न होना माता-पिता ने पुत्र को बहुत समझाया, पर उसके कान पर जूं तक ना रेंगी।

कान का कच्चा – जो झूठी सिकायत पर ध्यान दे जो मालिक कान के कच्चे होते है, वे भले कर्मचारियों को निकाल देते है।

काम तमाम करना – मार देना बंगला देश कि मुक्ति वाहिनी ने सैकड़ो पाकिस्तानी सैनिकों का काम तमाम कर दिया।

काया पलट होना – बहुत परिवर्तन होना कश्मीर कि सेना से तुम्हारी तो काया पलट हो गयी।

कला अक्षर भैंस बराबर – बिल्कुल अनपढ़ राजू से पत्र क्या पढ़वाओगे, हिन्दी तो उसके लिए काला अक्षर भैंस बराबर है।

किनारा करना – साथ छोड़ देना धन नष्ट हो जाने पर, स्वार्थी मित्रों ने उससे किनारा कर लिया।

कागज काले करना – व्यर्थ ही लिखना इतने वर्षों में क्या कागज ही काले कर रहे हो ? तुम्हे निबंध लिखना तो आता नहीं।

किस्मत फूटना – भाग्य का विपरीत होना जो पाने वृद्ध माता-पिता कि सेवा नहीं करते, उनकी किस्मत फूटी हुई है।

क्सिमत को रोना – भाग्य को बुरा भला कहना जो बालक पढाई-लिखाई नहीं करते, परीक्षा में असफल होने पर वे अपनी किस्मत को रोते है।

किस्मत खुलना – भाग्य चमकना भारत कि स्वतंत्रता जे साथ किसानो कि क्सिमत खुल गयी। सरकार बहुत ऊँचे और नकद दामों पर उपज खरीदती है।

किताबी कीड़ा – हर समय पढाई में लगे रहने वाला किताबी कीड़ा बनने से स्वास्थ्य खराब हो जाता है। खेल-कूद में भी भाग लेना चाहिए।

कुत्ते की मौत आना – बुरी तरह से मरना देश से द्रोह करने वाले कुत्ते कि मौत मरते है।

कोल्हू का बैल – लगातार काम में लगा रहने वाला कोल्हू का बैल बनकर भी आज हमारो लोग भरपेट भोजन नहीं जुटा पाते।

खरी-खोटी सुनाना – बुरा-भला कहना आपस में खरी-खोटी सुनने का क्या लाभ, शांतिपूर्वक समझौता कर लो।

खटाई में पड़ना – संदिग्ध हो जाना तुम्हारे आलस्य करने से तुम्हारी नौकरी का मामला खटाई में पड़ गया।

खिल्ली उड़ना – हंसी उड़ना बड़े-बूढों कि खिल्ली उड़ाना भले मनुष्य का काम नहीं।

खाला जी का घर – बहुत सरल कार्य बरसती हुई गोलियों में आगे बढ़ना कोई खाला जी का घर नहीं है।

खाक में मिलाना – नष्ट-भ्रष्ट कर देना रावण ने सीता को वापस न देकर लंका को खाक में मिला दिया।

खाने को दौड़ना – बुरी तरह बात करना जब कभी हम उससे बात करते है तभी वह खाने को दौड़ता है।

खाक छानना – दर-दर भटकना बंगला देश के कई नागरिको ने वनों कि खाक छानी, परन्तु पाकिस्तान सैनिको कि आधीनता स्वीकार नहीं कि।

खून खौलना – जोश आना अपने देश पर आक्रमण होते देख किसका खून नहीं खौलता।

खुशामदीद टट्टू – दूसरों की चापलूसी करने वाला खुशामदीद टट्टू कि अपेक्षा आज्ञा पालन करने वाले क्षात्र अध्यापकों के अधिय प्रिय होते है।

खून का प्यासा – जानी दुश्मन वे दोनों पहले दोस्त थे पर आजकल एक-दुसरे के खून के प्यासे बने हुए है।

खोपड़ी गंजा करना – बुरी तरह से पीटना हलवाई ने बेचारे नौकर को मार-मारकर उसकी खोपड़ी गंजा कर दी।

खेत रहना – युद्ध में काम आना कितने कि सैनिक 1971 के भारत-पाक युद्ध में खेत रहे।

खेल बिगाड़ना – काम ख़राब कर देना उसने अपनी चंचलता से अपना बना-बनाया कहल बिगाड़ दिया।

खेल-खेल में – आसानी से हरीश ने एम।ए । कि परीक्षा भी खेल-खेल में ही पास कर ली।

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