अगर आपके दिमाग में इधर-उधर के विचार यानी कि फालतू के विचार चलते रहते है तो आप उन विचारों से मुक्ति पाए और फालतू विचारों को मारे गोली। वैसे तो हमारे दिमाग में हमेशा कुछ ना कुछ चलता रहता है, अगर आप ये सोच रहे हो कि कही ये कोई बीमारी तो नही तो ये गलतफहमी अपने दिमाग से निकाल लीजिये।
तो आइए कुछ ऐसे तरीके बताते है आपको जिनके जरिए आप अपने दिमाग में आने वाले फालतू के विचारों से मुक्ति पा सकते है।
दिमाग से फालतू की बातों को कैसे निकाले?
1. स्वीकार करे
आप सोच रहे होंगे कि क्या स्वीकार करना है? आपको ये स्वीकार करना है कि आप ज्यादा सोचने वाले व्यक्ति हो। इन्हे डोक्टारी भाषा में reuminator कहा जाता है। मतलब ये कि जब आप अपने साथ हो रही समस्याओं को स्वीकार करेंगे तभी उस समस्या से उभर पाएँगे।
इसलिए ये मान लें कि आप reuminator है। हर समय सोचते रहते है। किसी की जिंदगी का विश्लेषण करने लगते है। खुद को ज्यादा सोचने वाला व्यक्ति मानने के बाद इस तरह के विश्लेषण से आप खुद को बचा सकते है।
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2. खुद को माफ करे
गलतियाँ सभी से होती है। हर कोई अपनी जिंदगी में विफल होता है। हर कोई अपनी जिंदगी में गिरता है। अगर आप कभी हारे है, कभी कोई गलती की है तो इसे शिष्टतापूर्वक ले। इसे अपने जिंदगी की आखरी गलती ना मान बैठे और ना ही सबसे बड़ी गलती का दर्जा दे।
जिंदगी बहुत बड़ी है। इसमे गलतियाँ होना लाजमी है। बेहतर यही है कि अगर गलती हुई है तो खुद को माफ करे। खुद को जिस दिन माफ कर देंगे, आप नोटिस करेंगे कि आगे चलने में आसानी हो रही है।
3. खुद से बात ना करे
ज्यादा सोचने वाले लोगो के साथ अक्सर ये समस्या होती है कि वो जहां भी अकेले होते है, खुद से बातें करने लगते है। इसे अकेलापन कहा जाता है। अकेलापन महसूस करते हुए वो इस तरह किसी बात की गहराई तक पहुँच सकते है कि वो भूल जाते है कि वो अपने आपसे बातें कर रहे है।
ज्यादा सोचने वाले लोगो को चाहिए कि वो खुद से बातें ना करे। जरूरत हो तो अपने दोस्तों से बातें करे। जितना जरूरी हो, उतनी ही बातें करे। फालतू बातें करने से बचे।
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4. अपने आपको व्यस्त रखे
अगर आप खुद को सोचने से रोक नही पा रहे हो तो बेहतर होगा कि खुद को किसी ना किसी काम में व्यस्त रखे। किसी काम में खुद को व्यस्त रखना सही है। बेहतर होगा कि ये आदत आप अपने जीवन में शामिल कर ले। अपने आपको व्यस्त रखने के लिए आप टीवी पर कोई फिल्म देख सकते है, गाने सुन सकते है, कही घूमने जा सकते है, दोस्तों के साथ बातें कर सकते है।
5. लोगो से मिलते जुलते रहे
अगर आपका मन करता है कि आप घर पर रह कर टीवी देखना चाहते है तो खुद को एक डांट लगाए और कहे कि ‘ नही अभी हमें तो बाहर जाना है’। दोस्तों के साथ प्लान बनाना है और अगर दोस्त नही है तो दोस्त बना लीजिए क्योंकि कहा जाता है कि हम एक सामाजिक प्राणी है और जब तक हम अकेले रहेंगे तो हम तनाव में रहेंगे।
आपने देखा होगा कि किसी चिड़िया घर में अगर कोई जानवर अकेला रहता है तब कहा के प्रबंधक जल्द से जल्द दूसरे जानवर को तलाशना शुरू कर देती है, ताकि अकेला जानवर बीमारी का शिकार ना हो और सकूँ से रह सके। जानवर हो या इंसान सब को साथ रहना ही अच्छा लगता है और अगर अकेले हो तो समझ लो कि हम मानसिक रूप से कुछ ना कुछ बीमार महसूस करते रहेंगे।
कहते है ” खाली दिमाग शैतान का घर होता है ” अगर दूसरी भाषा में कहा जाए तो खाली दिमाग बीमारी और तनाव का भी घर होता है।
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तो दोस्तों ये थे कुछ उपाय जो आपके दिमाग में चलने वाले बेकार के विचारों में तूफान लाते रहते है। और ये हमारे लिए ठीक नही। आज ही सोच बदले और सामाजिक बनने की कोशिश करे। अगर आपको हमारे ये पोस्ट अच्छी लगी तो कॉमेंट करे और इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरुर शेयर करे। धन्यवाद