Bache Ko Kaise Padhaye | How to teach children
दोस्तों आपको पता तो है ही कि जमाना इतना आगे बढ़ चुका है और आजकल बच्चे ढाई साल की उम्र से ही स्कूल जाना शुरू कर देते हैं। ऐसे में उनपर बोझ बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और माता-पिता की उम्मीदें बच्चों से बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। लेकिन क्या आपको बच्चों को पढ़ाने का तरीका मालूम है? बहुत सारे माता-पिता अपने बच्चों को पढ़ाने के बारे में सोचते होंगे कि कैसे पढ़ाया जाए?
क्योंकि आखिरकार है तो वो बच्चे ही, नासमझ होते है, मासूम होते है और वो इतनी जल्दी बातों को नहीं समझते है। तो ऐसे में कैसे उनको समझाया जाए, कैसे उनसे काम लिया जाए ये बहुत बड़ी समस्या रहती है माता-पिता की। हर माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उसका बच्चा पढ़ लिख कर बड़ा आदमी बने। इसलिए वो बच्चों को अच्छे से अच्छे स्कूल में दाखिला करवाते हैं।
स्कूल के teachers भी बच्चों पर जी-जान से मेहनत करते है,आखिर उनकी performance भी बच्चों की performance से ही आंकी जाती है।
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बच्चे स्कूल में दूसरे बच्चों के साथ मिलकर काफी कुछ सिख-पढ़ लेते हैं, पर वो स्कूल में मुश्किल से 4 या 5 घंटे ही रहते है। ऐसे में बच्चे को सिखाने-पढ़ाने की teacher से ज्यादा जिम्मेदारी माता-पिता की हो जाती है। बच्चे जो होते है वो एक कच्चे घड़े की तरह होते है, जैसा आप उसे आकर देना चाहो वो उसी आकर में ढल जाते है। कच्चे घड़े को जब आप बनाना शुरू करते है तो उसका आकर आपके मेहनत के ऊपर निर्भर करती है।
बच्चे की जिम्मेदारी, बच्चे का भविष्य और बच्चे के संस्कार माँ-बाप के ऊपर निर्भर करते है, कहा भी जाता है कि बच्चे की पहली पाठशाला उसका घर होता है। लेकिन आजकल बच्चे को पढ़ाना, खासकर छोटे बच्चे को पढ़ाना माँ-बाप के लिए किसी काम से कम नहीं रह गया है। अक्सर लोगों की शिकायत होती है कि उनका बच्चा ठीक से पढ़ता नहीं है, कोई चीज सिखाओ तो जल्दी सीखता नहीं है।
आमतौर पर माता-पिता को पता ही नहीं होता कि बच्चे को पढ़ाने का सही तरीका क्या है। उन्हें लगता है कि बच्चे को डांट देना या मार देना ही एक option है, ताकि बच्चा डरकर पढ़ाई करने लगे। लेकिन सवाल ये है कि वाकई ये सही तरीका है? डांट या मार के डर से बच्चों का मन पढ़ाई से ओर दूर भागने लगता है।
बच्चे को डराकर आप उसे अपने सामने तो पढ़ने के लिए मजबूर कर सकते हैं, लेकिन आपकी नजर हटते ही वो पढ़ाई को बोझ समझकर टाल देता है। बच्चों के साथ सख्ती बरतना बिलकुल भी सही option नहीं है। एक बार अगर उसके मन में आपकी डांट या मार का डर निकल गया तो फिर वो आपकी बात मानना और आपकी इज्जत करना भी छोड़ देगा।
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बच्चों को कैसे पढ़ाएं? बच्चे को पढ़ाने का तरीका जाने– Bache Ko Kaise Padhaye? How to teach children
1. बच्चे को डराए, धमकाए नहीं
कुछ माता-पिता बच्चों को डराते धमकाते हैं कि अगर पढ़ाई नहीं की तो आज खाना नहीं मिलेगा या storeroom में बंद कर देंगे या फिर स्कूल से नाम कटवा देंगे। अपने मासूम बच्चे पर ये सब emotional हथियार ना आजमाए। इसका बच्चे के कोमल मन पर बुरा असर पड़ता है।
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2. बच्चे को किसी और के सामने डांटें नहीं
बच्चे को कभी भी उसके दोस्तों या अपने रिश्तेदारों या घर में आए मेहमान के सामने डांटें नहीं। इससे बच्चा अपमानित महसूस करता है। जिसकी वजह से बच्चे का मनोबल गिरता है और उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता।
3. बच्चे की बातों को अनसुनी ना करें
अगर आपका बच्चा आपको कुछ बताना चाहता है या आपसे कोई सवाल पूछना चाहता है तो धैर्य से उसकी बात सुने। उसे सही व तार्किक जवाब दें।
4. बच्चों पर कभी हाथ न उठाये
अगर आपको लगता है कि आपके मारने से बच्चा कुछ पढ़ लेगा, तो आप गलत है। आपके मारने से बच्चे के मन में पढ़ाई के प्रति और ज्यादा रोष जागृत होगा। बच्चों को पढ़ाने से पहले माता-पिता को ख़ुद ये सीखना जरूरी है कि छोटे बच्चों को कैसे पढ़ाया जाए, ताकि बच्चा पढ़ाई से बोरियत महसूस ना करे, पढ़ाई में उसकी रुचि बनी रहे। बच्चे को पढ़ते वक़्त निम्नलिखित बातों का ख़्याल रखें –
5. Photo वाली किताबें पढ़ाएं
अगर आपका बच्चा बहुत छोटा है तो उसके लिए चित्रों (photo) वाली किताब लेकर आएँ। सुनने से ज़्यादा जल्दी देखी हुई चीजें मस्तिष्क (mind) पर अपनी छाप छोड़ती हैं। इसलिए जब वो किताब में बने हुए चित्रों को देखेगा तो उसकी रुचि बनी रहेगी और वो चित्र को देखकर चीजों को समझने की कोशिश करेगा।
6. खिलौनों का सहारा लें
छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए कई तरह के खिलौने भी बाज़ार में आने लगे हैं। 3D alphabets, बोलने वाले खिलौने, पक्षियों या जानवरों के model, रंग बिरंगे चित्रों वाले charts, इन सबकी मदद से आप बच्चे को खेल खेल में बहुत कुछ सिखा सकते हैं।
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7. Poem के जरिये पढ़ाएं
कविताएं (poem) के माध्यम से पढ़ाने के कोशिश करें या फिर कविताएं वाली video की मदद से सिखाने की कोशिश करे। जैसे आप बच्चे को नदी या पहाड़ के बारे में पढ़ाना चाहते हैं तो कोई अच्छी सी कविता ढूँढे या ख़ुद बनाएँ, उसके माध्यम से उसे पढ़ाएं। इससे बच्चा हँसते गाते हुए नई नई चीजें सिखेगा और पढ़ाई में उसकी रुचि भी बनी रहेगी।
8. बच्चे को कैद में न रखे
बच्चे को घर में बांधकर मत रखें। बच्चे अपनी आँखों से चीजों को देखकर और दूसरे बच्चों से मिलकर भी काफी कुछ सीखते हैं। इसलिए उसे अपने साथ park, garden, museum वग़ैरा में लेकर जाएँ। जब तक वो नई चीजें देखेगा नहीं, तब तक सिखेगा कैसे?
9. बच्चों के सवालों का जवाब दें
जब तक उनकी जिज्ञासा शांत ना हो जाए, बच्चे एक ही चीज को बार बार पूछते हैं। बच्चे के बार-बार पूछने पर गुस्सा ना करें व शांत रह कर उनके प्रश्नों के तार्किक जवाब दें। जब तक बच्चा आपसे सवाल कर रहा है, तब तक आपको खुश रहना चाहिए, क्योंकि वो कुछ नया सीखने की कोशिश कर रहा है।
10. बच्चे का मनोबल बढ़ाएँ
बच्चा जब भी कोई नई चीज सीखे तो उसका मनोबल जरूर बढ़ाएँ। और अगर वो जल्दी नहीं भी सीख पा रहा है तो उसको प्रोत्साहित करें। उसे कहें कि हम जानते हैं तुम कर सकते हो, हमें तुमपर भरोसा है। आपके भरोसा जताने से बच्चे का मनोबल बढ़ेगा।
11. Computer का सहारा लें
आजकल तो घर घर में computer है। बच्चे को computer के माध्यम से पढ़ाने, नई चीज़ें सिखाने की कोशिश करें। Computer पर कई तरह games भी आती हैं, जिनमे बच्चों को खेल खेल में पढ़ाया जाता है। उनकी मदद से आप बच्चे को पढ़ा सकते हैं। आजकल ज़्यादातर स्कूल के chapters की books में उनकी CD साथ में ही आती है। उस CD को computer के माध्यम से बच्चे को दिखाए। देखी गई चीजें जल्दी याद होती हैं, और रुचि भी बनी रहती है। आपके बच्चे को इससे निश्चित रूप से फायदा होगा।
12. बच्चे की तारीफ करें
दोस्तों, रिश्तेदारों, घर में आए मेहमान के सामने बच्चे की तारीफ करें। इससे बच्चे का आप पर विश्वास और प्यार बढ़ेगा। और आपकी सिखाई बातों को वो और अच्छे से सीखने की कोशिश करेगा।
13. बच्चे को इनाम दें
बच्चा जब भी कोई नई चीज सीखे तो उसे कुछ इनाम दें, बच्चे इनाम पाकर खुश हो जाते हैं। इससे नई नई चीजें सीखने में उसकी रुचि बढ़ेगी।
सवाल जवाब
क्या बच्चों का दिमाग तेज करने कि कोई दवा होती है?
अगर आप market में इसके बारे में पता करो तो आपको अनगिनत दवाइयां मिल जाएगी जिसके इस्तेमाल से आपके बच्चे का दिमाग तेज जरुर होगा, पर उसके side effect भी होते है. बेहतर यही है कि आप अपने बच्चे कि diet पर ध्यान दे, अच्छा और स्वास्थ्य खाना आपके बच्चे के health और mind power को improve करता है.
पढाई करने का सही समय क्या है?
सुबह का समय ही सबसे उत्तम माना गया है, क्योंकि सुबह के समय दिमाग शांत रहता है और दिमाग अगर शांत है तो पढाई में मन लगाना आसान हो जाता है.
बच्चा पढ़ता ही नहीं क्या करूँ?
आपके लाख कोशिशों के बावजूद अगर आपका बच्चा नहीं पढ़ता है तो इसका मतलब ये है कि वो जो पढ़ रहा है उसे वो समझ में नहीं आ रहा है, आपको उसे अपने साथ बिठा कर प्यार से समझाना चहिये और उसके सभी डाउट क्लियर करने चाहिए.
पढाई के दौरान क्या बच्चे को मारना सही है?
बच्चा आपका है आप उसे मार सकते हो पर हर बार मारना सही नहीं, अगर आप ऐसा करते हो तो आपके बच्चे का ध्यान कभी भी पढाई में नहीं लगेगा, वो हमेसा डर-डर के पढाई करेगा. इसलिए अपने बच्चे को समझाइये और पढ़ाइये, बिना समझे पढ़ाई नहीं कि जा सकती.
दोस्तों आज हमने आपको वो सारी बातें बताई जिसे आजमाकर आप अपने बच्चे को पढ़ा सकते हो। अगर आपको हमसे कुछ पूछना है तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के जरिए बताए और ये भी बताए कि हमने आपको जो तरीका बताया है इनमें से आप कौन सा तरीका इस्तेमाल करने वाले हो अपने बच्चे को पढ़ने के लिए। धन्यवाद