आँखें हमारे शरीर का सबसे जरूरी अंग हैं. इन्हें मनुष्य के शरीर का आईना कहा जाता है. शरीर के अन्य भागों की तरह आँखों की भी नियमित देखभाल करनी चाहिए. स्वस्थ रहने के लिए संतुलित भोजन जरूरी है. जिसमे खासतौर से vitamin-A युक्त आहार जरूरी है. संसार में हर साल लाखों बच्चे अंधे हो जाते हैं और कई बच्चे मर भी जाते हैं. इसका मुख्य कारण है उनके शरीर में vitamin-A की कमी मतलब vitamin-A की कमी का मुख्य प्रभाव आँखों पर पड़ता है.
अगर हम आहार की चर्चा करें तो vitamin-A के अतिरिक्त vitamin-B भी परिवार के सदस्यों के लिए जरूरी है. यह आँखों को आकर्षक और सक्रिय बनता है. इसके अलावा calcium और vitamin-D भी आँखों के लिए जरूरी है. इन पोषक तत्वों की कमी से आँखें कमजोर हो जाती है.
नेत्र-स्नान का अभिप्राय है आँखों कि ठीक तरीके से समय-समय पर धोने से. प्रसिद्धि आयुर्वेदाचार्य महर्षि सुश्रुत ने कहा है – मनुष्य नेत्र धोने से सुखपूर्वक सरलता से देखता है. इसलिए चेहरे को स्वच्छ जल से कम से कम दो बार जरुर धोना चाहिए. सुबह उठते ही ठंडे पानी से 15-20 बार आँखों पर छीटे मारे. छीटें मारते समय मुंह में ठंडा पानी या त्रिफला के पानी में आँखों को दोनों पलकों को डुबोकर बारी-बारी से धोने से फायदा होता है.
आँखों को स्वास्थ्य और सुन्दर बनने के आसान उपाय
1. हाथ रखना
उगते हुए सूरज के सामने आँख को बंद करके बैठ जाइए. अपनी हथेली को कस कर रगड़िए. जब वे गर्म हो जाएँ तो उन्हें आँखों पर रखिये और 2-3 मिनट बाद हाथ हटा लीजिए. आँखें बंद ही रहनी चाहिए. इस अभ्यास को कम से कम तिन बार दोहराइये.
2. दायें-बायें देखना
भुजाओं को कन्धों की ऊंचाई पर दोनों ओर सीधा फैला दीजिए. अंगूठे ऊपर की ओर रहें. सिर को बिना हिलाए पहले दायें अंगूठे को देखिये, फिर बायें अंगूठे को देखिये. इस प्रकार 15-20 बार कीजिए. अंत में आँखें बंद कर विश्राम कीजिए.
3. दृष्टि को वृत्ताकार घुमाना
दायाँ हाथ सीधा ऊपर की ओर करें. एक बड़ा घेरा बनाते हुए दायें हाथ को घुमाएँ. इस दौरान बिना सिर हिलाए आँखों को घुमाते हुए अंगूठे पर केन्द्रित रखिये. इस क्रिया को दस बार दोहराइये. इसी प्रकार बायें अंगूठे से भी कीजिए. अंत में आँखें बंद करके विश्राम कीजिए.
4. दृष्टि को ऊपर-नीचे करना
भुजाओं को सीधे रखते हुए और बिना सिर को हिलाए अंगूठे को ऊपर उठाते जाइये. अंगूठे पर दृष्टि भी केन्द्रित रहे. दृष्टि को केन्द्रित रखते हुए धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में लौट जाइए. प्रत्येक अंगूठे से 5-5 बार दोहराइये. अंत में आँखें बंद करके विश्राम कीजिए.
5. दृष्टि को पास और दूर केन्द्रित करना
दृष्टि को नाक के सीध पर केन्द्रित कीजिए. फिर किसी दूर कि वस्तु पर दृष्टि केन्द्रित कीजिए. दृष्टि पुन: नाक पर केन्द्रित करें. इस प्रक्रिया को बीस बार दोहराइये. अंत में आँखें बंद करके विश्राम कीजिए.
6. सूर्योदय के समय सूर्य को देखे
Exercise के अंतर्गत और भी क्रियाकलाप हैं जिन्हें आजमाया जाए तो अवश्य लाभ होगा. सूर्योदय के समय सूर्य की लाल किरणें खुली आँखों से देखनी चाहिए. हरियाली निहारनी चाहिए. हरी घास पर टहलें, इससे नेत्र ज्योति अच्छी रहती है.
7. आँखों को आराम दें
आयुर्वेक के अनुसार आँखों ओ विश्राम देना बहुत जरूरी है. काम से थककर लौटने के बाद TV देखने बैठ जाना और Video Game का खेलना भी आँखों कि बीमारी का कारण है. आप आराम तो कर रहें हैं पर आपकी थकी आँखें फिर भी कार्य करती है. अगर आप चिंतित हैं तो इससे स्थायी या अस्थायी दृष्टि समस्या होती है. Cinema से भी आँखों में तनाव हो सकता है अगर उसमें रौशनी कम हो तो.
Cinema कि जगमगाहट से भी आँखों की परेशानी हो सकती है. इसके अतिरिक्त भी अनेक क्रिया-कलाप हैं जिनमे आँखें प्रभावित होती हैं. इसलिए इन्हें विश्राम कि अति आवश्यकता है. इसके लिए रत में कम से कम 7-8 घंटे सोना चाहिए. TV के सामने लम्बे समय तक नहीं बैठना चाहिए. बीच बीच में विश्राम कर लेना चाहिए. बच्चों को एक घंटे से अधिक किसी प्रोग्राम न देखने दें.
आँखों की चमक और ज्योति बनाए रखने के लिए निम्नलिखित निर्देशों का ठीक ढंग से पालन किया जाए तो आँखों कि सुन्गार्ता और चमक सदैव बरकरार रहेगी और किसी बीमारी का डर भी नहीं होगा.
8. इन्हें भी अपनाये
- हर रोज आँखों को 2-3 बार साफ करें तथा cigarette और alcohol का प्रयोग न केन, क्योंकि ये दोनों शारीरिक में vitamin-C कि सतह को पतला कर देते हैं.
- आँखों को आराम देने के लिए पुतलियों को घड़ी की सुई कि दिशा में घुमाना चाहिए. और फिर उलटी दिशा में भी दस बार घुमाना चाहिए.
- अगर किसी वजह आँखें लाल हों या सूजने का अनुभव हो तो गर्म पानी से कपड़े के साथ आँख साफ कर लें अन्यथा दूसरी आँख या दुसरे व्यक्ति में भी यह रोग फ़ैल सकता है.
- पढ़ाई उचित रौशनी में करें. Bulb 75-80 watt का होना चाहिए. प्रकाश गर्दन से पीछे से पुस्तक पर पड़ना चाहिए. किताब 16-20 inch की दुरी पर आँख कि सतह से 2-3 inch नीचे होनी चाहिए. पीठ के बल या कुहनी के सहारे लेट कर पढने से आँखों को कष्ट होता है. इसी प्रकार चलता train या bus में नहीं चढ़ना चाहिए.
- धुप में चलना तो sunglasses प्रयोग करने चाहिए. ख़राब quality के चश्मे आँखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
- अनिद्रा और रात में जगाने से आँखों को नुकसान पहुँचता है. इसलिए नींद पूरी कर लेनी चाहिए.
- मल-मूत्र त्याग में कंजूसी नहीं करनी चैये. अगर आंसू आते हैं तो उन्हें रोकने का प्रसास नहीं करना चाहिए. इससे आँखें साफ रहती है.
- चन्द्र ग्रहण, सूर्य ग्रहण या अन्य कोई चमकीली वस्तु सीधे नहीं देखनी चाहिए.
- अपना रुमाल और तौलिया दूसरे को न दें.
- बच्चे को गुल्ली-डंडा जैसे खतरनाक खेल न खेलने दें तथा पटाखे-आतिशबाजी से बचाए रखें.