ज्यादा चतुराई का परिणाम- Hindi Story.. एक गाँव में एक सेठ रहता था. एक दिन बाज़ार जाते हुए उसका बटुआ रास्ते में कहीं गिर गया.
कुछ देर बाद उसी रास्ते से एक गरीब आदमी गुजरा. उसे पैसे की बहुत ज़रूरत थी. पैसे से भरा बटुआ देखकर वह मन ही मन बहुत खुश हो गया. लेकिन थोड़ी देर बाद उसने अपने मन को समझाया कि यह ठीक नहीं है. यह किसी और के पैसे हैं. और मन ठान लिया कि वह इन पैसों को खर्च करने के बजाय इसके असली मालिक को वापस लोटा देगा. परन्तु कोई जानकारी ना होने के कारण उसने उन पैसों को अपने पास रख लिया और सोचा कि जब इस बटुए के मालिक का पता चल जायेगा तो वह इस बटुए को वापस दे देगा.
दूसरी तरफ सेठ ने पुरे गाँव में बात फैला दी कि उसका बटुआ खो गया है, जो भी उसका बटुआ ढूंढ के वापस देगा. उसे 100 रूपये इनाम के तौर पर दिए जायेंगे.
कुछ दिन बाद जब उस गरीब आदमी के पास यह ख़बर पहुंची तो वह तुरंत सेठ के पास गया और बटुआ वापस करके कहा “ये बटुआ बहुत दिन से मेरे पास था. आज मुझे पता चला कि यह बटुआ आपका है, इसलिए आज वापस देने आया हूँ.”
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उसकी यह बात सुनकर सेठ खुश हुआ और अपना बटुआ खोला और मुस्कुराते हुए कहा “अच्छा तुमने तो अपना इनाम पहले ही रख दिया है. धन्यवाद अब आप जा सकते हैं” यह कहकर सेठ ने उस गरीब को जाने के लिए कह दिया.
परन्तु उस गरीब ने जवाब दिया कि उसने कोई पैसे नहीं रखे हैं तो सेठ ने झल्लाकर कहा कि जब यह बटुआ खोया था तो इसमें 1100 रूपये थे, परन्तु अब इसमें 1000 रूपये हैं.
धीरे-धीरे उन दोनों में बहस होने लगी. इस बात का हल निकालने के लिए दोनों ने पंचायत में जाने का फैसला किया.
पंचायत के सामने उस गरीब आदमी ने अपनी सारी बात रख दी.
मगर जब सेठ की बात आयी तो उस पंचायत को थोड़ा शक सा होने लगा.
यह सब सुनकर पंचायत में से एक समझदार व्यक्ति ने सेठ से पूछा “क्या खोने से पहले सच में तुम्हारे बटुए में 1100 रूपये थे?”
सेठ ने तुरंत हामी भर दी.
पंच ने सेठ से वह बटुआ वापस माँगा और कहा “अगर तुम्हारे बटुए में 1100 रुपये थे तो यह तुम्हारा नहीं बल्कि किसी और का है.” और वह बटुआ उस गरीब को देते हुए कहा “यह लो बटुआ अब ये पैसे तुम्हारे हैं”
सेठ आश्चर्य से सब देखता रहा और वह गरीब आदमी गुनगुनाता हुआ वहां से ख़ुशी-ख़ुशी चला गया.
दोस्तों यही होता है, जब कोई इंसान ज्यादा चतुराई दिखने की कोशिश करता है तो उसके साथ ऐसा ही होता है. हम ज्यादा चतुराई दिखाकर समझते हैं कि हमने दुसरे को बेवकूफ बना दिया. असली में हम खुद के लिए ही गड्ढा खोदने की तैयारी कर रहे होते हैं. क्यूंकि इन्सान कितनी भी कोशिश कर ले या चतुराई दिखा ले. वह ज्यादा दिन तक खुद के चरित्र को छुपा नहीं सकता.