अगर आपको वेबसाइट बनवाना है, अपने ब्लॉग को डिजाईन करवाना है, आर्टिकल लिखवाना है या फिर वेबसाइट से संबंधित किसी भी तरह के समस्या के समाधान के लिए हमसे whatsapp के जरिये संपर्क करें. हमारा whatsapp नंबर है: 9583450866
दोस्तो आज का यह आर्टिकल “60+ Shriram Sharma Acharya Quotes Thoughts In Hindi” – 60+ पं. श्रीराम शर्मा के अनमोल विचार पर आधारिति है जिसमे आप पढ़ सकते है श्रीराम शर्मा आचार्य के आध्यात्मिक जीवन बदल देने वाले अनमोल विचारों को. जो हमे जीवन को सरल सुगम बनाने की प्रेरणा देती हैं.
अखिल भारतीय गायत्री परिवार के संस्थापक आचार्य श्रीराम शर्मा जिन्होने अपना जीवन समाज की भलाई और सांस्कृतिक व चारित्रिक उत्थान लिए समर्पित कर दिया साथ ही आधुनिक व प्राचीन विज्ञान व धर्म का समन्वय करके आध्यात्मिक नवचेतना को जगाने का कार्य किया किया जिससे आने वाले कल की चुनौतियों का सामना किया जा सके.
उन्होने आधुनिक व प्राचीन विज्ञान व धर्म का समन्वय करके आध्यात्मिक नवचेतना को जगाने का कार्य किया ताकि वर्तमान समय की चुनौतियों का सामना किया जा सके.
इनका सम्पूर्ण जीवन साधु पुरुष, आध्यात्म विज्ञानी, योगी, दार्शनिक, मनोवैज्ञानिक, लेखक, सुधारक, मनीषी व दृष्टा का समन्वित रूप था.
तो देर कैसी आईये पढ़ते है आचार्य श्रीराम शर्मा के अनमोल विचार और ज्ञान की गंगा को और अपने जीवन को सफल बनाते है.
Table of Contents
60+ Shriram Sharma Acharya Quotes – पं. श्रीराम शर्मा के अनमोल विचार
1 🍀 :: लक्ष्य के अनुरूप भाव उदय होता है, तथा उसी स्तर का प्रभाव क्रिया में पैदा होता है।
“Lakshya Ke Anurup Bhav Uday Hota Hai, Tatha Usi Star Ka Prabhav Kriya Men Paida Hota Hai..❗”
2 🍀 :: जीवन में सफलता पाने के लिए, आत्म विश्वास उतना ही ज़रूरी है, जितना जीने के लिए भोजन. कोई भी सफलता बिना आत्मा विश्वास के मिलना असंभव है।
“Jeevan Me Safalata Pane Ke Liye, Atma-Vishvaas Utana Hi Jaruri Hai, Jitana Jeene Ke Liye Bhojan. Koi Bhi Safalata Bina Aatm-Vishvaas Ke Milana Asambhav Hai..❗”
3 🍀 :: राग और द्वेष, स्वार्थ और कुसंगत के जन्मदाता है।
“Raag Aur Dvesh, Svarth Aur Kusangat Ke Janmdaata Hai..❗”
4 🍀 :: संकट या तो मनुष्य को तोड़ देते हैं, या उसे चट्टान जैसा मज़बूत बना देते हैं।
“Sankat Ya To Manushy Ko Tod Deta Hai, Ya Use Chattaan Jaisa Majbut Bana Deta Hai..❗”
5 🍀 :: सबसे बड़ा दीन दुर्बल वह है, जिसका अपने ऊपर नियन्त्रण नहीं।
18 🍀 :: अच्छे विचार ही मनुष्य को सफलता और जीवन देते हैं।
“Achchhe Vichar Hi Manushy Ko, Safalata Aur Jeevan Dete Hai..❗”
19 🍀 :: असफलता केवल यह सिद्ध करती है कि प्रयत्न पूरे मन से नहीं हुआ।
“Asafalata Keval Ya Siddh Karati Hai, Ki Prayatn Pure Man Se Nahi Hua..❗”
Shriram Sharma Acharya Thoughts In Hindi
20 🍀 :: आशावादी हर कठिनाई में अवसर देखता है, पर निराशावादी प्रत्येक अवसर में कठिनाई ही खोजता है।
“Aashavaadi Har Kathanayi Me Avasar Dekhata Hai, Par Nirashaavaadi Pratek Awasar Me Lathanayi Hi Khojata Hai..❗”
21 🍀 :: अपनी गलतियों को ढूँढना , अपनी बुरी आदतों को समझना, अपनी आन्तरिक दुर्बलताओं को अनुभव करना और उन्हें सुधारने के लिए निरन्तर संघर्ष करते रहना यही जीवन संग्राम है।
“Apani Galatiyo Ko Dhundhana, Apani Aadato Ko Samajhana, Apani Aantrik Durbalataon Ko Anubhav Karana Aur Unhe Sudharane Ke Liye Nirntar Sangharsh Karate Rahana Yahi Jeevan Sangraam Hai..❗”
22 🍀 :: सच्चा ज्ञान वह है, जो हमारे गुण , कर्म , स्वभाव की त्रुटियाँ सुझाने, अच्छाईयाँ बढ़ाने एवं आत्म निर्माण की प्रेरणा प्रस्तुत करता है।
“Sachcha Gyaan Wah Hai, Jo Hamare Gun, Karm, Svbhav Ki TrutiyanSujhaane Achchhayiyan Badhaane Evam Atma-Nirmaan Ki Prerana Prastut Karata Hai..❗”
Pandit Shriram Sharma Acharya Quotes Thoughts In Hindi
23 🍀 :: जल्दी सोना , जल्दी उठना शरीर और मन की स्वस्थता को बढ़ाता है।
“Jaldi Sona, Jaldi Uthana, Sharir Aur Man Ki Savsthta Ko Badhata Hai..❗”
24 🍀 :: आत्मज्ञान के बिना अभाव दूर नहीं हो सकते, आत्मज्ञानी को कोई अभाव नहीं होते।
“Aatmaghayan Ke Bina Abhav Dur Nahi Ho Sakate, Aatmghyani Ko Koi Abhav Nahi Hote..❗”
25 🍀 :: शील दरिद्रता का , दान दुर्गति का, बुद्धि अज्ञान का और भक्ति भय का नाश करती है।
“Sheel Daridrta Ka Daan Durgati Ka Buddhi Aghayan Ka Aur Bhakti Bhay Ka Naash Karati Hai..❗”
26 🍀 :: प्रसन्नता ही श्रेष्ठ मानसिक आहार है।
“Prasnnata Hi Shreshth Manasik Aahaar Hai..❗”
27 🍀 :: उन विचारों को त्याग दो जो आत्मा को नष्ट कर दें।
“Un Vichaaro Ko Tyaag Do Jo Aatma Ko Nasht Kar De..❗”
28 🍀 :: भगवान एक है , लेकिन उसके कई रूप हैं, वो सभी का निर्माणकर्ता है और वो खुद मनुष्य का रूप लेता है।
“Bhagwaan Ek Hai, Lekin Usake Kayi Rup Hai. Wo Sabhi Ka Nirmankarta Hai. Aur Wo Khud Manushya Ka Rup Leta Hai..❗”
29 🍀 :: मृत्युपर्यन्त काम करो , मैं तुम्हारे साथ हूँ, और जब मैं नहीं रहूँगा , मेरी आत्मा तुम्हारे साथ काम करेगी।”पं. श्रीराम शर्मा के आत्मा से जुड़े विचार”
“Mrtuyupryant Kaam Karo, Mai Tumhaare Sath Hun, Aur Jab Mai Nahi Rahunga, Meri Atma Tumhaare Sath Kaam Karegi..❗”
30 🍀 :: तन की सुंदरता से मन की सुंदरता अधिक महत्व रखती है।
“Tan Ki Sundarata Se Man Ki Sundarata Adhik Mahtav Rakhati Hai..❗”
31 🍀 :: ईश्वरीय नियम उस बुद्धिमान माली की तरह है, जो बेकार घास, फूस, कूड़े को उखाड़ कर फेंक देता है, और योग्य पौधों को भरपूर साज संभाल कर उन्हें उन्नत बनता है।
“Ishvariy Niyam Us Buddhimaan Maali Ki Tarah Hai. Jo Bekaar Ghas, Fus, Kude Ko Ukhad Kar Fek Deta Hai. Aur Yogya Paudhon Ko Bharpur Saaj Sambhal Kar Unhe Unnat Banata Hai..❗”पं. श्रीराम शर्मा के अनमोल विचार”
32 🍀 :: अपना धर्म , अपनी संस्कृति, अथवा अपनी सभ्यता छोड़कर दूसरों की नक़ल करने से कल्याण की संभावनाएं समाप्त हो जाती हैं।
“Apana Dharm, Apani Sanskriti Athawa Apani Sabhyata Chhod-kar Dusaro Ki Nakal Karane Se, Kalyaan Ki Sambhavanaye Samapat Ho Jaati Hai..❗”
33 🍀 :: जीवन एक पाठशाला है, जिसमें अनुभवों के आधार पर हम शिक्षा प्राप्त करते हैं।
“Jeevan Ek Pathshaala Hai, Jisame Anubhavon Ke Aadhar Par Ham Shiksha Prapt Karate Hai..❗”
34 🍀 :: अव्यवस्तिथ मस्तिष्क वाला कोई भी व्यक्ति संसार में सफल नहीं हो सकता।
“Avyasthit Mastik Wala Koi Bhi Vykti Sansaar Me Safal Nahi Ho Sakata..❗”
35 🍀 :: विचारों के अन्दर बहुत बड़ी शक्ति होती है. विचार आदमी को गिरा सकतें है और विचार ही आदमी को उठा सकतें है. आदमी कुछ नहीं हैं।
“Vichaaro Ke Andar Bahut Badi Shakti Hoti Hai, Vichaar Aadami Ko Gira Sakate Hai, Aur Vichaar Hi Aadami Ko Utha Sakate Hai Aadami Kuchh Nahi Hai..❗”
Shriram Sharma Acharya Thoughts In Hindi
36 🍀 :: जीवन में दो ही व्यक्ति असफल होते हैं, एक वे जो सोचते हैं पर करते नहीं, दूसरे जो करते हैं पर सोचते नहीं।
“Jeevan Me Do Hi Vaykti Asafal Hote Hai, Ek Wo Ji Sochate Hai Par Karate Nahi, Dusare Wo Jo Karate Hai Par Sochate Nahi..❗”
37 🍀 :: अवसर तो सभी को जिन्दगी में मिलते हैं, किंतु उनका सही वक्त पर सही तरीके से इस्तेमाल कुछ ही कर पाते हैं।
“Awasar To Sabhi Ko Zindagi Me Milate Hai, Kintu Unaka Sahi Waqat Par Sahi Tarike Se Istmaal Kuchh Hi Kar Paate hai..❗”
38 🍀 :: लोभी मनुष्य की कामना कभी पूर्ण नहीं होती।
“पं. श्रीराम शर्मा के अनमोल विचार”
39 🍀 :: पात्रता विकास के बिना न संसार में कोई रिश्ता है, और न इसके बिना अध्यात्म क्षेत्र में कोई रास्ता है।
“Paatrta Vikas Ke Bina Naa Sansaar Me Koi Rishta Hai, Aur Naa Isake Bina Aadhyatm kshetra Men Koi Rasta Hai..❗”
40 🍀 :: कुविचारों और दुर्भावनाओं के समाधान के लिए स्वाध्याय, सत्संग , मनन और चिन्तन यह चार ही उपाय हैं।
“Kuveechaaro Aur Durbhavanaaon Ke Samadhaan Ke Liye Swadhyaay, Satsang, Manan Aur Chintan Yah Chaar Upay Hai..❗”
41 🍀 :: विनम्र रहिये , क्योंकि आप इस महान संसार की वस्तुतः एक बहुत छोटी इकाई हैं।”पं. श्रीराम शर्मा के अनमोल विचार”
“Vinrm Rahiye, Kyuki Aap Is Mahaan Sansaar Ki Vastut: Ek Chhoti Ikaayi hai..❗”
═════🍀
═════🍀
42 🍀 :: जो व्यक्ति अपने जीवन को शुभ कर्म द्वारा सार्थक नहीं बनाता, उसका जन्म लेना व्यर्थ है।
“Jo Vaykti Apane Jeevan Ko Shubh Karm Dwaara Sarthak Nahi Banaata, Usakaa Janm Lena Vyarth Hai..❗”
43 🍀 :: मनुष्य परिस्तिथयों का दास नहीं, वह उनका निर्माता , नियंत्रणकर्ता और स्वामी है।
44 🍀 :: मानवता की सेवा से बढ़कर, और कोई काम बड़ा नहीं हो सकता।
“Manavata Ki Sewa Se Badhkar Aur Koi Kaam Bada Nahi Ho Sakata..❗”
45 🍀 :: प्रत्येक कार्य को प्रभु पूजा के तुल्य माने।
“Pratek Kary Ko Prabhu Pooja Ke Tuly Maane..❗”
46 🍀 :: आत्मा की आवाज़ को जो सुनता है. सत्य मार्ग पर सदा ही चलता है।
“Atmaa Ki Aawaz Ko Jo Sunata Hai. Satya Marg Par Sada Hi Chalata Hai..❗”
Pandit Shriram Sharma Thoughts In Hindi
47 🍀 :: तृष्णा नष्ट होने के साथ ही विपत्तियाँ भी नष्ट होती हैं।
“Turshna Nasht Hone Ke Sath Hi Vipttiyan Bhi Nasht Hoti Hai..❗”
48 🍀 :: बाहरी शत्रु उतनी हानि नहीं कर सकते, जितनी अंतः शत्रु करते हैं।
“Bahaari Shatru Utani Haani Nahi Kar Sakate, Jitani Antah Shatru Karate Hai..❗”
49 🍀 :: डरना केवल दो से चाहिए, एक ईश्वर के न्याय से और दूसरे पाप अनाचार से।
“Darana Keval Do Se Chahiye, Ek Ishvar Ke Nyaay Se Aur Dusare Paap Anaachar Se..❗”
50 🍀 :: बलिदान वही कर सकता है, जो शुद्ध है, निर्भय है और योग्य है।
“Balidaan Wahi Kar Sakata Hai, Ji Shuddh Hai, Nirbhay Hai Aur Yogya Hai..❗”
51 🍀 :: जूठन छोड़ कर अन्न भगवान का तिरस्कार ना करें।
“Jhuthan Chhod Kar Ann, Bhagawan Ka Tirskaar Naa Kare..❗”
52 🍀 :: अपनी प्रशंसा पर गर्वित होना ही, चापलूसी को प्रोत्साहन देना है।
“Apani Prashansa Par Garvit Hona Hi Chaplusi Ko Protsahan Dena Hai..❗”
53 🍀 :: ब्रह्ममुहूर्त में गायत्री जाप करने से चित शुद्ध होता है, हृदय में निर्मलता आती है और शरीर निरोग रहता है।
“Brhammuhurt Me Gaytri Jaap Karane Se Chit Suddh Rahata Hai. Hraday Me Nirmalata Aati Hai, Aur Sharir Nirog Rahata Hai..❗”
54 🍀 :: भुजाएं साक्षात् हनुमान हैं और मस्तिष्क गणेश, इनके निरन्तर साथ रहते हुए किसी को दरिद्र रहने की आवश्यकता नहीं।
“Bhujayen Sakshat Hanumaan Hai Aur Mastik Ganesh, Inake Nirntar Sath Rahate Huye. Kisi Ko Daridra Rahane Ki Aawashykata Nahi..❗”
55 🍀 :: मानव के कार्य ही उसके विचारों की सर्व श्रेष्ठ व्याख्या है।
“Maanav Ke Kary Hi, Usake Vicharon Ki Sarvshreshth Vyakhya Hai..❗”
56 🍀 :: अवसर तो सभी को जिन्दगी में मिलते हैं, किंतु उनका सही वक्त पर सही तरीके से इस्तेमाल कुछ ही कर पाते हैं।
“Avasar To Sabhi Ko Zindagi Men Milate Hai, Kintu Unaka Sahi Waqt Par Sahi Tarike Se Istmaal Kuchh Hi Kar Paate Hai..❗”
57 🍀 :: इस संसार में प्यार करने लायक दो वस्तुएँ हैं, एक दुख और दूसरा श्रम. दुख के बिना हृदय निर्मल नहीं होता और श्रम के बिना मनुष्यत्व का विकास नहीं होता।
“Is Sansaar Me Pyaar Karane Layak Do Hi Vastuyen Hai. Ek Dukh Aur Dusara Shram. Dukh Ke Bina Hraday Nirmal Nhai Hota, Aur Shram Ke Bina Munushyatv Ka Vikaas Nahi Hota..❗”
Pandit Shriram Sharma Quotes In Hindi
58 🍀 :: दूसरों की परिस्तिथि में हम अपने को रखें, अपनी परिस्थिति में दूसरों को रखें और फिर विचार करें की इस स्तिथि में क्या सोचना और करना उचित है ।
“Dusaro Ki Paristith Me Ham Apane Ko Rakhe, Apani Paristhit Me Dusare Ko Rakhe Aur Fir Vichar Kare Ki Is Stithi Me Kya Sochana Aur Kya Karna Hai..❗”
59 🍀 :: जो भी धर्म हो , जो भी मत हो, सभी उसी एक ईश्वर को पुकार रहे हैं. इसलिए किसी धर्म अथवा मत के प्रति अश्रद्धा या घृणा नहीं करनी चाहिए।
“Jo Bhi Dharm Ho, Jo Bhi Mat Ho, Sabhi Usi Ek Ishvar Ko Pukaar Rahe Hai. Isliye Kisi Dharm Athawa Mat Ke Prati Ashrdha Ya Grinaa Nahi Karni Chahioyi..❗”
60 🍀 :: व्यभिचार के , चोरी के, अनीति बरतने के, क्रोध एवं प्रतिशोध के, ठगने एवं दंभ , पाखंड बनाने के कुविचार यदि मन में भरे रहें तो मानसिक स्वास्थ्य का नाश ही होने वाला है।
“Vyabhichaar Ke, Chori Ke Aniti Baratane Ke Krodh Evam Pratishodh Ke, Thagane Evam Dambh, Pakhand Banane Ke Kuvichaar Yadi Man Me Bhare Rahe To Mansik Savasthy Ka Naash Hi Hone Wala Hai..❗”
🌞 :: Final Word ::🌞
दोस्तो आशा करता हूँ कि आपको P. Shriram Sharma Acharya Quotes➖पं. श्रीराम शर्मा के अनमोल विचार का यह संग्रह पसंद आया होगा और आपके अन्दर एक नयी सकारात्मक उर्जा संचार भी हुआ होगा, मित्रों अगर आपको हमारा Shriram Sharma Acharya Suvichar का यह पोस्ट पसंद आया हो तो कृपया अपने दोस्तों और प्रियजनों के साथ जीवन को नयी राह दिखाने वाले पं. श्रीराम शर्मा के विचारो की पोस्ट को साझा करे ताकि आपके प्रियजन भी शुभ और प्रेरणा से भरे विचारों का लाभ उठा सके.
🌞 :: पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के 61 प्रेरक, सकारत्मक उर्जा से भरे विचार::
आप सभी दोस्तों का 🙏 धन्यवाद आपने हमारा यह पोस्ट को पढ़ा और अपना प्यार दिया आशा करता हूँ आपका प्यार और अपनापन हमेशा हमारे “वाह हिंदी ब्लॉग” को मिलता रहेगा❗
अगर आपको वेबसाइट बनवाना है, अपने ब्लॉग को डिजाईन करवाना है, आर्टिकल लिखवाना है या फिर वेबसाइट से संबंधित किसी भी तरह के समस्या के समाधान के लिए हमसे whatsapp के जरिये संपर्क करें. हमारा whatsapp नंबर है: 9583450866