Ek lota doodh.. प्रेरक कहानी हिंदी में.. बहुत समय पहले की बात है काफी दिनों से बारिश न होने की वजह से एक गांव में सुखा पड़ गया। हर तरफ हाहाकार मच गया। पानी की कमी के कारण अब लोग मरने लगे थे। गांव में सिर्फ एक ही आचार्य थे जो सिर्फ पढ़े-लिखे थे। लोगों ने उनसे इस समस्या के समाधान के लिए उपाय खोजने को कहा।
आचार्य ने सूखे को रोकने और गांव में बारिश हो जाए इसके लिए बहुत से प्रयास किये लेकिन कोई भी प्रयास सफल न हुआ। गांव में सूखे की समस्या पहले की तरह ही बनी रही। गांव के लोगों के सामने सभी रास्ते बंद हो चुके थे। वे बहुत दुखी हो चुके थे और हाथ जोड़कर भगवान से प्रार्थना करने लगे कि तू ही अब हमे मरने और तबाह होने से बचा सकता है।
तभी वहां भगवान द्वारा भेजा गया एक दूत प्रकट हुआ और उसने गांव के लोगों से कहा अगर आज रात गांव के हर व्यक्ति उस कुएं में एक लौटा दूध बिना कुएँ के अन्दर देखे हुए डाल देगा तो कल से ही आपके गांव में सूखे की समस्या खत्म हो जाएगी और बारिश हो जाएगी। यह कहकर वह दूत वहां से गायब हो गया।
गांव के लोग यह समाधान जान कर बहुत खुश हुए और उन्होंने सभी ग्राम वासियों से कुएं के अन्दर बिना उसमे झांके एक लोटा दूध डालने का निवेदन किया। सभी लोग दूध डालने को तैयार हो गए।
रात को जब सभी लोग कुएं में दूध डालने लगे तब गांव का एक कंजूस व्यक्ति सोचा कि गांव के सभी लोग उस कुएं में तो दूध डालेंगे ही, अगर वह अकेला ही कुएं में एक लोटा पानी डाल देगा तो किसी को पता नहीं चलेगा। यह सोचकर उस व्यक्ति ने कुएं में एक लोटा दूध की जगह एक लोटा पानी डाल दिया।
अगली सुबह तक लोगों ने बारिश का इन्तेजार किया। लेकिन अभी भी गांव में सुखा पड़ा हुआ था और बारिश का कोई नामोनिशान नहीं दिख रहा था। सब कुछ पहले जैसा ही था। लोग सोचने लग गए कि आखिर बारिश क्यों नहीं हुई। इस बात का पता लगाने के लिए गांव के बहार उस कुएं में देखने गए। जब उन्होंने कुएं में झांक कर देखा तो सभी के सभी हैरान रह गए। पूरा कुआँ केवल पानी से भरा था, उसमे एक बूँद भी दूध नहीं था।
सभी ने एक-दूसरे की तरफ देखा और तभी सब समझ गए कि सूखे की समस्या अभी तक समाप्त क्यों नहीं हुई।
दोस्तों ऐसा इसलिए हुआ था कि जो बात उस कंजूस के दिमाग में आई थी कि सभी लोग तो दूध डालेंगे ही अगर वो एक लोटा पानी डाल देगा तो पता नहीं चलेगा, वही बात पूरे गांव वालों के दिमाग में आई थी। और हर व्यक्ति दूध की जगह कुएं में एक लोटा पानी डाल दिया था।
जो भी इस कहानी में हुआ वो आज कल इस जीवन में होना सामान्य बात हो गई है। हम कहते हैं कि क्या एक के बदलने से क्या पूरा संसार बदल जाएगा। लेकिन एक बात याद रखिये कि बूँद-बूँद से ही सागर भरता है।
अगर हम दूसरे लोगों पर अपने काम की जिम्मेदारी डाले बिना, अपने काम को पूरी ईमानदारी और मेहनत से करे तो हम अकेले ही इस समाज में बदलाव लाने के लिए काफी है।
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Ye story wakyi bahut achhi hai .iske madhayam SE bahut logo ko Sikh milegi .thank you so much sir.